
नफरत की बुनियाद पर खींची गई हिंदुस्तान और पाकिस्तान की सरहद की ये वो लकीर है जिसके दोनों तरफ माहौल अकसर गर्म रहता है. वैसे तो हिंदुस्तान और पाकिस्तान के बीच पांच तरह की सरहदी लकीरें हैं. मगर सबसे ज्यादा हलचल हमेशा एलओसी यानी लाइन ऑफ कंट्रोल पर रहती है. पाकिस्तान लगातार एलओसी पर ही गड़बड़ी करने की फिराक में रहता है. मगर अब ऐसा नहीं होगा. क्योंकि अब ना सरहद पर कोई फेंसिंग. ना दीवार. ना सैनिक. ना दूरबीन. अब सरहद की हिफाजत करेगी एक अदृश्य दीवार. जिससे पार पाना अब आतंकवादियों के बूते की बात नहीं है.
बॉर्डर का नया 'रखवाला'
पाकिस्तान के बॉर्डर पर तैनात हो गया है भारत का नया 'रक्षक'. अब पाक आतंकियों के बुरे दिन शुरू होने वाले हैं. बार्डर पर अब होगी घुसपैठियों की नो-एंट्री. भारत-पाक सीमा पर बनाई गई है 'अदृष्य' दीवार. कह सकते हैं कि आतंक से बचाएगा बॉर्डर का नया 'रखवाला'.
बॉर्डर पर भारत का नया 'रक्षक'
करीब सवा तीन हज़ार किमी का बॉर्डर भारत को पाकिस्तान से अलग करता है. इसमें से ज़्यादातर एरिये को भारत ने फेंसिंग लगाकर महफूज़ कर रखा है. मगर 146 किमी का बॉर्डर एरिया अभी भी ऐसा है जहां तारबंदी कर पाना मुमकिन नहीं है. और यही वो जगह हैं जहां से घुसकर आतंकी भारत में अपने नापाक मंसूबों को अंजाम देते हैं. मगर अब भारत ने पाकिस्तान से लगने वाली अपनी सीमा की हिफाज़त के लिए नया रक्षक तैयार कर लिया है. ये अदृश्य रक्षक बॉर्डर पर आतंकी के लिए नो एंट्री का बोर्ड लगा देगा.
नया पहरेदार CIBMS
सरहद की निगरानी के लिए स्मार्ट फेंसिंग प्रोजेक्ट की शुरुआत हो गई है. इसका नाम है कंप्रीहेंसिव इंटीग्रेटेड बॉर्डर मैनेजमेंट सिस्टम यानी CIBMS. इस सिस्टम में एक अदृश्य लेज़र वॉल रहेगी, जो सरहद की निगरानी करेगी. इस दौरान एक साथ कई सिस्टम काम कर रहे होंगे, जो हवा, जमीन और पानी में देश की सीमा की रक्षा करेंगे.
बॉर्डर पर बनेगा यूनीफाइड कंट्रोल रूम
इस नई सुरक्षा प्रणाली के तहत जमीन पर ऑप्टिकल फाइबर सिस्टम होगा तो पानी के रास्तों में सेंसर युक्त सोनार सिस्टम की तैनाती की जाएगी. इसी तरह से हवा में हाई रेजोल्यूशन कैमरा और एयरोस्टेट कैमरा तैनात रहेंगे. यानी देश की रक्षा के लिए धरती, पानी और हवा तीनों से निगरानी होगी. जिससे दुश्मन की हर चाल पर नजर रखी जा सकेगी.
क्विक रिएक्शन टीम देगी दुश्मन को जवाब
इसके अलावा लेजर सिस्टम अंतरराष्ट्रीय सीमा के नदी नालों वाले इलाके में लगे होंगे. वहीं, इन सारे सिस्टम की निगरानी थोड़ी ही दूर पर बने यूनीफाइड कंट्रोल रूम के जरिए की जाएगी. सीमा पर हर हरकत की रिपोर्ट इस सेंटर तक आएगी. किसी भी हरकत की रिपोर्ट ये यूनिफाइड कंट्रोल रूम आगे क्विक रिएक्शन टीम यानी क्यूआरटी को देगा, जो कि उसके बगल में ही मौजूद होगी और तत्काल दुश्मन को ढेर कर देगी..
स्मार्ट फेंसिंग के साथ लेज़र वॉल
पाकिस्तान घुसपैठ कराने के लिए हर चाल चल रहा है, तो इस घुसपैठ को रोकने के लिए भारत भी कोई कसर नहीं छोड़ना चाहता है. इसी के तहत CIBMS भारत-पाकिस्तान के बॉर्डर को इजरायल की तर्ज पर सुरक्षित करने का काम पिछले साल शुरू किया था. स्मार्ट फेंसिंग के साथ ही नदी नालों के इलाके में लेज़र वॉल भी लगाई गई है. इसके अलावा अंडरग्राउंड सेंसर्स और कैमरे से निगरानी की भी व्यवस्था की गई है.
स्मार्ट तरीके से होगी बॉर्डर की निगरानी
बीएसएफ भी जल्द ही लेज़र वॉल को इंस्टाल करने जा रहा है. ये मार्डन सिस्टम सीमा पर होने वाली घुसपैठ पर न सिर्फ पूर्ण विराम लगा देगी. बल्कि ये पल भर में दुश्मन के होश ठिकाने लगा देगी. क्योंकि ये है भारत की सीमा का अदृश्य रक्षक. तो अब भारत पर टेढी नज़र रखने वालों के लिए ये आखिरी चेतावनी है क्योंकि देश की सरहदों की निगरानी अब स्मार्ट हो रही है.