
पाकिस्तान में सरकार भले ही किसी की हो मगर उसका चीफ़ गेस्ट नहीं बदलता। सरकार में आने से पहले नए पाकिस्तान की बात करने वाले इमरान खान भी अपने मुल्क की रवायत के मुताबिक अब उसी ढर्रे पर चल पड़े हैं। दुनिया जिस दस मीलियन डॉलर इनामी आतंकवादी हाफिज सईद को ढूंढ रही है वो पाकिस्तान सरकार का चीफ गेस्ट बन कर दुनिय़ा का मज़ाक उड़ा रहा है।
जो सुधर जाए वो पाक नहीं
जो सुधर जाए उसे हाफ़िज़ सईद नहीं कहते. जो सेना और आईएसआई के आगे झुक जाए उसे कप्तान नहीं कहते. और जो बदल जाए उसे पाकिस्तान नहीं कहते. बस दो महीने. फकत दो महीने लगे और इसके साथ ही पाकिस्तान की नई सरकार और नए कप्तान का चेहरा आम हो गया. साफ हो गया कि पाकिस्तान में चाहे सरकार किसी की हो, सरकार का मुखिया कोई हो, पर सत्ता की कुर्सी के पाए को आतंकवादी ही थामे मिलेंगे.
आतंकी की आव-भगत
पूरी दुनिया जानती है कि ये दस मीलियन अमेरिकी डॉलर का इनामी आतंकवादी है. दुनिया इसे ढूंढ रही है. पर ये है कि पाकिस्तान में बाकायदा चीफ गेस्ट बन कर सरेआम ना सिर्फ मंच पर मौजूद है, बल्कि इसकी आव-भगत के लिए पाकिस्तान सरकार भी बिछी जा रही है. ये मंज़र देख कर यकीन नहीं हो रहा कि इमरान खान ने हाल ही में ऐसा भी कुछ बोला था. इमरान खान ने चुनाव से पहले आतंक से लड़ने की बात कही थी.
पाकिस्तान की करनी कथनी में फर्क
अब देखिए आतंकवाद से लड़ने का दावा करने वाले इमरान खान के मंत्री किसके साथ बैठे हैं. आप सुन सकते हैं और आप देख सकते हैं. उसमें नया कुछ भी नहीं. पाकिस्तान हमेशा से ही वो मुल्क रहा है, जो कहता कुछ और करता कुछ है. आतंकवाद से लड़ने की बात करने वाले पाकिस्तान के नए कप्तान जिस तरह आतंकवाद के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल रहे हैं उसे देख लीजिए. भारत के साथ एक नई शुरूआत के लिए कदम से कदम मिलाने का दिखावा करने वाले इमरान खान के मंत्री हिंदुस्तान के बारे में जुदा राय रखते हैं.
इमरान की चाल या मजबूरी
इमरान तो कहते थे कि हम नया पाकिस्तान बनाएंगे. भारत-पाक के रिश्तों में गर्माहट लाएंगे. मगर इन्हे आए हुए अभी जुमा जुमा आठ दिन भी नहीं हुए और इन्होंने भी अपना रंग दिखाना शुरू कर दिया है. हाफिज़ सईद के साथ इमरान सरकार के कैबीनेट मंत्री का एक मंच पर आना इमरान की चाल है या मजबूरी.
पीएम के खिलाफ उगला जहर
इलेक्शन की वजह से चंद महीने खामोश रहने के बाद मुंबई हमलों के इस मास्टर माइंड आतंकी हाफिज सईद ने जब जुबान खोली तो इस बार उसने भारत के अलावा प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ भी आग उगली. उसने कहा कि अच्छा हुआ मोदी भ्रष्टाचार के मामले में फंस गए.
इमरान के मंत्री ने हिंदुस्तान को कोसा
पाकिस्तान में सियासत और दहशत का ये मिलन इस्लामाबाद में हुआ. जहां अवाम को भारत के खिलाफ एकजुट करने के लिए एक सर्वदलीय बैठक हुई. जिससे सरकार के मंत्री के अलावा दूसरी पार्टी के नेता और आतंकी भी शामिल हुए. ये जानते हुए कि हाफिज़ सईद को अमेरिका ने ग्लोबल टेरेरिस्ट घोषित कर रखा है. बावजूद इसके ये मीटिंग खुफिया नहीं बल्कि खुलेआम हुई. इसमें इमरान सरकार में धार्मिक मामलों के मंत्री नूर-उल-हक कादरी ना सिर्फ शरीक हुए बल्कि हाफिज़ सईद के बगल में बैठकर उससे भी एक कदम आगे निकल गए और हिंदुस्तान को कोसते नज़र आए.
आतंकी के साथ मंच पर कबीना मंत्री
जिस कार्यक्रम में इमरान सरकार के मंत्री ने शिरकत की उसमें हाफिज़ सईद शामिल ही नहीं हुआ, बल्कि इस कार्यक्रम में वो चीफ़ गेस्ट था. मगर सवाल ये कि एक तरफ तो इमरान खान पार्टी की साफ सुथरी इमेज पेश करते हैं तो वहीं दूसरी तरफ उनके मंत्री हाफिज़ सईद जैसे आतंकी के साथ मंच साझा क्यों कर रहे हैं. तो इस सवाल का जवाब चुनावों से जुड़ा हुआ है. सब जानते हैं कि इमरान को प्रधानमंत्री बनाने में सेना के साथ साथ आतंक के इस आका का भी उतना ही रोल रहा है. अब जब इमरान खान प्रधानमंत्री बन गए हैं तो वो हाफिज़ का कर्ज़ चुका रहे हैं.
आतंकी के संगठन को सरकारी मदद
बात सिर्फ मंच साझा करने तक महदूद नहीं है बल्कि पाकिस्तान की सत्ता संभालने के बाद इमरान खान ने आतंकी हाफिज सईद के संगठन की मदद करनी भी शुरू कर दी है. पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट ने हाफिज सईद के संगठन जमात-उद-दावा और उसके सहयोगी संगठन 'फलाही इंसानियत फाउंडेशन' के लिए बड़ी राहत का फैसला सुनाया है. अब ये संगठन देश में काम कर सकेगा.
हाफिज के स्वयं सेवी या आतंकी!
इमरान खान के प्रधानमंत्री बनने के बाद हुआ ये फैसला देश की राजनीति और अंतर्राष्ट्रीय राजनीति दोनों के मद्देनजर काफी अहम माना जा रहा है. इसे पहले जनवरी 2018 में पाकिस्तान सरकार ने हाफ़िज़ सईद और उसके संगठन पर पाबंदी लगा दी थी. आपको बता दें कि पाकिस्तान में हाफिज सईद कई संस्थाएं चलाता है. उसकी इस संस्था में करीब 50 हजार आतंकी हैं जिन्हे वो स्वयं सेवक कह कर बुलाता है.
खुल गई पाक सरकार की पोल
हालांकि हकीकत तो ये है कि हाफिज़ सईद जिन्हें स्वयं सेवक कहता है वो दरअसल उसके आतंकी है. जो ना सिर्फ कश्मीर में बल्कि मुल्क में होने वाली आतंकी घटनाओं के जिम्मेदार हैं. दुनिया के मोस्ट वॉन्टेड आतंकी की हकीकत को बहरहाल पहले से ही जगज़ाहिर थी. अब पाकिस्तान की नई सरकार की भी पोल पट्टी खुल गई है.