
पाकिस्तान से बुधवार को एक साथ दो ख़बर आई. पहली खबर ये कि पाकिस्तानी प्रधानमंत्री के दफ्तर की बिजली काटी जा सकती है. क्योंकि बिजली के बिल का भुगतान नहीं किया गया है. और दूसरी ख़बर ये थी कि तमाम खस्ता माली हालत के बावजूद पाकिस्तान ने फिर एक मिसाइल का टेस्ट किया है. जी हां, परमाणु हमले की धमकी देते देते पाकिस्तान ने बुधवार को शॉर्ट रेंज की गज़नवी बैलिस्टिक मिसाइल का परीक्षण किया है. ज़ाहिर है सरहद के दोनों तरफ तनाव बराबर बना हुआ है. ऐसे में मिसाइल टेस्ट इस तनाव को और बढ़ाने का ही काम करेगा.
अब तक जो जंग ज़ुबान से लड़ी जा रही थी. वो अब धीरे धीरे संजीदा रुख लेने को है. दुनिया भर में कश्मीर के मसले पर हिंदुस्तान को घेरने की कोशिश करने के बाद जब कुछ हासिल नहीं हुआ तो अब पाकिस्तान ने मिसाइलों के टेस्ट शुरू कर दिए हैं. 28 अगस्त यानी बुधवार की रात पाकिस्तान ने अपनी शॉर्ट रेंज बैलेस्टिक मिसाइल गज़नवी का परीक्षण किया. परीक्षण के बाद इसकी जानकारी खुद आईएसपीआर के डीजी जनरल आसिफ गफूर ने रात करीब 11 बजे ट्विट कर दी.
रात के अंधेरे में गज़नवी मिसाइल दरअसल, छोड़ी तो गई थी दुनिया का ध्यान खींचने के लिए मगर इसमें पाकिस्तान की ताकत कम मजबूरी ज़्यादा झलकती है. इसे लगातार सामने आ रहे पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान के बयानों से समझने की कोशिश कीजिए. जिन्हें कश्मीर मसले पर अलग थलग पड़ने के बाद अपनी अवाम को मुंह भी दिखाना है.
कश्मीर के विशेष राज्य के दर्जे को हटे हुए करीब महीना होने को है. और सिवाए रुसवाईयों के पाकिस्तान के हाथ लगा कुछ नहीं है. पाकिस्तानी जनता को अब ये महसूस होने लगा है कि हिंदुस्तान ने सालों पुराने उनके ख्वाब को चकनाचूर कर दिया और पाकिस्तान सिर्फ मुंह ताकता रह गया.
एक तरफ तो पाकिस्तानी अवाम मायूस है और दूसरी तरफ विरोधी पार्टियों ने भी कश्मीर के मसले पर इमरान खान का जीना हराम कर रखा है. लिहाज़ा आनन-फानन में पाकिस्तान ने कराची के पास सोनमियानी उड़ान परीक्षण केंद्र से गज़नवी बैलिस्टिक मिसाइल टेस्ट किया. गज़नवी के परीक्षण से पहले ही इसके संकेत मिलने लगे थे. क्योंकि बुधवार को कराची हवाई अड्डे की सभी अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के तीन रास्ते बंद कर दिए गए थे. और तो और पाकिस्तान के सिविल एविएशन अथॉरिटी ने नोटिस टू एयरमेन जारी करके बंदरगाहों को भी सतर्क रहने की सलाह दी थी.
कैसी है गज़नवी बैलेस्टिक मिसाइल?
आपको बता दें कि गज़नवी बैलेस्टिक मिसाइल को हत्फ-3 मिसाइल के नाम से भी जाना जाता है. जिसकी इसकी रेंज 270 से 350 किमी. तक है. यह शॉर्ट रेंज बैलिस्टिक मिसाइल की श्रेणी में आती है. इसकी क्षमता 790 किलोग्राम विस्फोटक ले जाने की है. इसकी लंबाई 8.5 मीटर है जबकि इसका वज़न 4650 किलोग्राम है.
पाकिस्तान के पास गज़नवी के नाम से 16 शॉर्ट रेंज मिसाइल हैं. 270 से 350 किलोमीटर की मारक क्षमता वाले इन मिसाइलों की पहुंच भारत के अहम शहर लुधियाना, अहमदाबाद और दिल्ली के आस-पास तक है. सिर्फ गज़नवी नहीं बल्कि पाकिस्तान के पास ऐसी कुल 86 बैलेस्टिक मिसाइल हैं. जो परमाणु हमले कर सकती हैं. हत्फ़ के नाम पर पाकिस्तान के पास जो मीडियम रेंज बैलेस्टिक मिसाइल हैं, वे हिंदुस्तान के चार बड़े शहर यानी दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरू और चेन्नई तक पहुंच सकती हैं. इन मिसाइलों की पहुंच हिंदुस्तानी सेना के मेजर कमांड्स तक भी हैं.
ठीक इसी तरह 13 सौ किलोमीटर तक मार करने वाली 40 गौरी मीडियम रेंज मिसाइलों की पहुंच दिल्ली के अलावा जयपुर, अहमदाबाद, मुंबई, पुणे, नागपुर, भोपाल और लखनऊ जैसे शहरों तक हैं. ठीक इसी तरह शाहीन टू के नाम से पाकिस्तान के पास मौजूद 8 मीडियम रेंज की मिसाइल कोलकाता समेत पूर्वी तट के शहरों तक पहुंचने की सलाहियत रखती हैं. और इनकी मारक क्षमता 25 सौ किलोमीटर तक है.
पाकिस्तान के पास 60 किलोमीटर की शॉर्ट रेंज वाली नसर मिसाइल भी हैं. जिन्हें वो ज़रूरत के मुताबिक अपनी तरफ़ बढ़ते हिंदुस्तानी फ़ौज पर अपनी ही सरजमीन पर भी गिरा सकता है. पाकिस्तान के पास 350 किलोमीटर की दूरी तक मार करने वाली 8 न्यूक्लियर क्रूज़ मिसाइल भी हैं. जबकि अपने पूरे ज़खीरे के 28 फ़ीसदी परमाणु बमों का इस्तेमाल वो हवाई हमलों में कर सकता है. इसके लिए उसके पास एफ 16 और मिराज जैसे विमान भी हैं.
इन आंकड़ों पर नज़र इसलिए भी ज़रूरी है, क्योंकि पाकिस्तानी नेता लगातार जंग की धमकी दे रहे हैं. इसमें कोई शक नहीं है कि ताकत और सेना के मामले में हिंदुस्तान पाकिस्तान से कोसों आगे हैं. मगर फिर भी दुश्मन की ताकत को समझना ज़रूरी है.