
पठानकोट हमले के बाद शक के घेरे में आए गुरदासपुर के तत्कालीन एसपी सलविंदर सिंह पर एनआईए का शिकंजा कसता जा रहा है. उनके लाई डिटेक्टर टेस्ट की मंजूरी के लिए एनआईए मंगलवार को कोर्ट जाएगी. पिछले एक हफ्ते से एनआईए की टीम उनसे पूछताछ कर रही है.
एनआईए ने सलविंदर के दोस्त, उनके कुक और पंज पीर दरगाह के रखवाले से भी पूछताछ की है. सलविंदर ने दावा किया था कि पठानकोट हमले में शामिल आतंकवादियों की ओर से अगवा किए जाने से पहले वह दरगाह गए थे. कहा जा रहा है कि वह बार-बार अपना बयान बदल रहे हैं.
सूत्रों के मुताबिक, पूछताछ में सलविंदर ने बताया था कि आतंकवादियों को ड्रग माफिया समझकर उनकी मदद की थी. उनको आतंकवादियों की पहचान नहीं थी. उन्हें लग रहा था कि आतंकवादी ड्रग सिंडिकेट का हिस्सा हैं. इसलिए वह उन्हें सीमा पार करने में मदद करने के लिए गया था.
ड्रग तस्करी से हो सकता है संबंध
एनआईए ने सलविंदर सिंह के सीडीआर से कई नंबरों की पहचान की है, जो ड्रग तस्करी से जुड़े हुए हैं. हालांकि, सलविंदर इन्हें मुखबिर बता रहे हैं, लेकिन एनआईए इस एंगल से जांच कर रही है कि ये नंबर ड्रग तस्करों के हैं. उस दिन वह वहां तस्करों की घुसपैठ के लिए मौजूद थे.
शक के घेरे में है सलिवंदर
पठानकोट में हुए हमले के बाद से ही सलविंदर सिंह ने शक के घेरे में हैं. एसपी, उनके दोस्त और कुक के बयानों के बीच विरोधाभास है. सवाल ये भी है कि टैक्सी ड्राइवर की हत्या करने वाले आतंकियों ने उन्हें बिना गंभीर नुकसान पहुंचाए कैसे छोड़ दिया. वह बिना हथियार क्यों निकले थे.
खुद को बताया था पीड़ित
इससे पहले एक बयान में सलविंदर ने कहा था कि वह खुद पीड़ित हैं, संदिग्ध नहीं. उनको गंभीर चोटें लगी थीं. पठानकोट के कोलिआं मोड़ पर अचानक आतंकी उनकी गाड़ी में घुस गए. उन्होंने अंदर की लाइट बंद करने के लिए कहा. उन्हें पीछे धकेल दिया. सभी आतंकियों के गन प्वाइंट पर थे.