Advertisement

प्रयागराज में कत्ल, गुजरात में साजिश और आरोपी नेपाल में... अतीक गैंग के तार कहां-कहां तलाश रही यूपी पुलिस?

प्रयागराज की सड़कों पर हाल के दिनों में हुई इस सबसे बड़ी वारदात को सुलझाना यूपी पुलिस के लिए इतनी बडी चुनौती बन जाएगी, ये किसी ने भी नहीं सोचा था. सूबे के सबसे बड़े 'हत्याकांड' के बाद यूपी पुलिस का सबसे बड़ा सर्च ऑपरेशन जारी है.

अतीक अहमद इस वक्त गुजरात की साबरमती जेल में बंद है अतीक अहमद इस वक्त गुजरात की साबरमती जेल में बंद है
संतोष शर्मा/पंकज श्रीवास्तव/आनंद राज
  • प्रयागराज,
  • 13 मार्च 2023,
  • अपडेटेड 12:54 PM IST

उमेश पाल हत्याकांड की जांच इंटरनेशनल बन चुकी है. यूपी पुलिस के एक दर्जन से ज्यादा आईपीएस और पीपीएस अफसर की निगरानी में 150 से ज्यादा पुलिसकर्मी दो देशों में कातिलों की तलाश कर रहे हैं. यूपी पुलिस और STF की 22 टीम इस काम में जुटी हैं. हर शूटर की तलाश में 3 डेडिकेटेड टीम लगाई गई हैं. जिसके चलते 100 से ज्यादा जगह पर छापेमारी की जा चुकी है. लेकिन अभी तक इस हाईप्रोफाइल मर्डर केस के कई आरोपी पुलिस की पहुंच से बाहर हैं.

Advertisement

मुखबिरों के सबसे बड़े नेटवर्क का इस्तेमाल

प्रयागराज की सड़कों पर हाल के दिनों में हुई इस सबसे बड़ी वारदात को सुलझाना यूपी पुलिस के लिए इतनी बड़ी चुनौती बन जाएगी, ये किसी ने भी नहीं सोचा था. सूबे के सबसे बड़े हत्याकांड के बाद यूपी पुलिस का सर्च ऑपरेशन ताबड़तोड़ जारी है. इस कत्ल के मामलों के सुलझाने के लिए यूपी पुलिस ने मुखबिरों के बड़े-बड़े नेटवर्क से लेकर इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस तक की मदद ली है.  

वो भी तब जब इस वारदात में शामिल सभी के सभी शूटरों के चेहरे सीसीटीवी कैमरों में कैद हो गए थे और पहले ही दिन से पुलिस इस मामले में शामिल किरदारों का नाम लेने के साथ-साथ इस कत्ल के पीछे के मोटिव का भी खुल कर जिक्र कर रही थी. लेकिन एक 24 फरवरी का दिन था और एक आज का दिन. प्रयागराज के उमेश पाल हत्याकांड को अब दो हफ्ते यानी पखवाड़े भर का वक्त गुजर चुका है, लेकिन यूपी पुलिस के हाथ अब भी खाली ही नजर आ रहे हैं. 

Advertisement

पांच शूटर नदारद

ले-देकर इस केस में उसने कुछ मकानों को मटियामेट किया है, दो गुर्गों को ढेर किया है और साजिश में शामिल एक किरदार को पकड़ने का दावा किया है, लेकिन सच्चाई यही है कि इतना सबकुछ होने के बावजूद पुलिस ना तो इस केस के एक भी शूटर को गिरफ्तार कर सकी है और ना ही इस केस के असली किरदारों से पूछताछ ही हुई है. हालत ये है कि पुलिस इस वारदात में शामिल शूटरों की धर-पकड़ के लिए उनके सिर पर रखी गई इनाम की राशि बढ़ाती जा रही है. लेकिन इनाम की राशि 50 हजार से ढाई लाख पहुंचने के बावजूद अब भी पांच शूटर नदारद हैं. 

पुलिस की पहुंच से बाहर हैं ये आरोपी

ये 2.5 लाख के इनामी शूटरों में अतीक अहमद का बेटा असद अहमद, वारदात में शामिल शूटर अरमान, साज़िश रचने से लेकर शूटआउट करनेवाला मोहम्मद ग़ुलाम, अतीक का पुराना वफ़ादार गुड्डू मुस्लिम और अतीक का पुराना ड्राइवर मोहम्मद साबिर का नाम शामिल है. यानी असली किरदार और असली शूटरों से अभी पुलिस के हाथ दूर ही हैं. 

पांच राज्यों में छुपे हो सकते हैं आरोपी

अब पुलिस के लिए पांच आरोपियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार करना कितनी बड़ी चुनौती है, इसका अंदाज़ा इनकी धर-पकड़ के लिए चलाए जा रहे यूपी पुलिस के अभियान को देखने से ही समझा जा सकता है. पुलिस ने इन मुल्जिमों तक पहुंचने के लिए अपने मुखबिरों की अब तक की सबसे बड़ी टीम झोंक रखी है, जिन्हें इनके बारे में कोई जानकारी मिलते ही खबर करने को कहा गया है. पुलिस के पास इनके संभावित लोकेशन को लेकर अब तक जो इनपुट है, उसके मुताबिक ये लोग देश के पांच राज्यों में से किसी एक में कहीं दुबके हो सकते हैं. 

Advertisement

लोकल सपोर्ट मिलने की उम्मीद

खबर ये भी है कि वारदात को अंजाम देने के बाद ये लोग एक साथ नहीं हैं, बल्कि अलग-अलग हिस्सों में बंट चुके हैं, ऐसे में इनकी लोकेशन भी अलग-अलग जगहों पर होने की उम्मीद है. पुलिस की जानकारी के मुताबिक इनके उत्तर प्रदेश, गुजरात, मध्य प्रदेश, बिहार और पश्चिम बंगाल में होने की आशंका है. क्योंकि यही वो राज्य हैं, जहां इन्हें अपने गैंग के दूसरे गुर्गों और कुछ और माफियाओं से लोकल सपोर्ट मिलने की उम्मीद है.

गुजरात में हो सकता है असद

फिलहाल पुलिस का फोकस इन पांच राज्यों के उन 13 जिलों पर ज्यादा है, जहां अतीक और उसके गैंग के लिंक्स होने की खबर है. इन शूटरों में अतीक का बेटा असद ही पुलिस के लिए टारगेट नंबर वन है, क्योंकि वारदात को अंजाम देने की साजिश रचने से लेकर उसे लीड करने में जिस तरह असद का चेहरा सामने आया है, उसे देखते हुए उसे गिरफ्तार करना पुलिस के लिए इस मामले को पूरी तरह सुलझाने की ना सिर्फ पहली शर्त है, बल्कि उसकी गिरफ्तारी अब एक तरह से यूपी पुलिस के लिए भी इज्जत का सवाल बन चुका है. असद के बारे में पुलिस को शक है कि वो यूपी से दूर गुजरात के किसी सेफ हाउस में हो सकता है, जहां साबरमती जेल में रहते हुए अतीक ने अपना जाल फैलाया है.

Advertisement

पश्चिमी यूपी में हो सकता है गुड्डू बमबाज

शूटआउट के दौरान घूम-घूम कर बमों से हमला करनेवाला गुड्डू मुस्लिम उर्फ गुड्डू बमबाज भी पुलिस के लिए एक बड़ी चुनौती है. पुलिस सूत्रों की मानें तो इस हमले को अंजाम देने के बाद उसने कुछ दूर तक तो अपना शूटर अतीक के दूसरे गुर्गों के साथ ही पूरा किया, लेकिन आगे चल कर उसने यूपी रोडवेज की बस ली और प्रयागराज से इटावा या फिर पश्चिमी उत्तर प्रदेश की तरफ निकल गया. यही वजह है कि यूपी पुलिस और एसटीएफ की टीमों ने अब उसकी तलाश में इटावा से लेकर सहारनपुर तक में अपनी निगाहें गड़ा रखी हैं. यहां कई अलग-अलग टीमों को उसकी तलाश में तैनात किया गया है.

साजिश का अहम किरदार है मोहम्मद गुलाम

इसी तरह पुलिस को गुलाम के पकड़ में आने से असद के राज खुलने की भी उम्मीद है. क्योंकि अब तक इस केस में जितने भी शूटरों का नाम या चेहरा सामने आया है, उनमें मोहम्मद गुलाम को ही असद का सबसे करीबी और राजदार बताया जाता है. पुलिस की छानबीन में पता चला है कि ये मोहम्मद गुलाम ही है, जिसने सदाकत के जरिए प्रयागराज के मुस्लिम हॉस्टल में इस शूटआउट को अंजाम दिलाने की पूरी साजिश रची. यानी मोहम्मद गुलाम इस केस में सिर्फ एक शूटर नहीं, बल्कि एक तरह से पूरे मामले का फेसलिटेटर है. ख़बरों के मुताबिक ने मोहम्मद गुलाम के एक खास गुर्गे पप्पू को हिरासत में लिया है और उससे गुलाम के बारे में जानकारी जुटाने की कोशिश कर रही है.

Advertisement

नेपाल पर भी टिकी हैं यूपी पुलिस की निगाहें

इस मामले की तह तक पहुंचना पुलिस के लिए कितनी बड़ी चुनौती है इसका अंदाजा इसी बात से समझा जा सकता है कि पुलिस भारत के साथ-साथ पड़ोसी मुल्क नेपाल पर भी नजर बनाए हुए है. असल में नेपाल भारत के बीच फ्री बॉर्डर होने की वजह से अक्सर अपराधी यहां वारदात को अंजाम देने के बाद नेपाल में जाकर छुप जाते हैं, ऐसे में नेपाल पर भी यूपी पुलिस की निगाहें टिकी हैं. एसटीएफ ने इस मामले में शामिल शूटरों की धर पकड़ के लिए 22 टीमें बना रखी हैं और इनमें भी खास बात ये है कि हर शूटर की तलाश में कम से कम 3 डेडिकेटेड टीमें हैं, जिनका काम ही सिर्फ और सिर्फ किसी एक शूटर को टार्गेट करना है.

इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस की मदद

पुलिस का फोकस मुखबिरों से मदद लेने के साथ-साथ इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस पर भी है, ताकि अगर इन फरार शूटरों में से कोई भी किसी मोबाइल का इस्तेमाल करता है या फिर अपने किसी खासमखास को किसी अंजान नंबर से भी कॉल करता है तो उसे हर हाल में इंटरसेप्ट किया जा सके, ताकि उन तक पहुंचना मुमकिन हो. 

शूटर साबिर के भाई जाकिर की संदिग्ध मौत

इसी बीच प्रयागराज शूटआउट में शामिल शूटर साबिर के भाई जाकिर की यूपी में रहस्यमयी हालत में जान चली गई. उसकी लाश कौशांबी के बरीपुर गांव में मिली. वो अपनी पत्नी के कत्ल के मामले में 8 साल तक सजा काटने के बाद 5 महीने पहले ही बाहर आया था. लेकिन 27 फरवरी को वो अचानक लापता हो गया और इसके बाद अब उसकी लाश बरामद हुई. जाकिर की मौत को कुछ लोग उमेश पाल मर्डर केस से भी जोड़ कर देख रहे हैं, लेकिन पुलिस की मानें तो उसके घरवालों ने अभी किसी पर कोई इल्जाम नहीं लगाया है. 

Advertisement

विजय चौधरी को मिली थी पहली गोली चलाने की जिम्मेदारी

इस बीच पुलिस की धर पकड़ में मारे गए शूटर विजय चौधरी उर्फ उस्मान को लेकर भी पुलिस की तफ्तीश में कुछ चौंकानेवाली बातें सामने आई है. पुलिस सूत्रों की मानें तो अतीक के इस गुर्गे का मन इतना बढ़ा हुआ था कि वो अकेले ही उमेश पाल और उसके बॉडीगार्ड्स को गोली मारने की बात करता था. उसकी इसी सोच को देखते हुए अतीक के बेटे असद ने उसे दस लाख रुपये और एक गाड़ी इनाम के तौर पर देने का वादा किया था. साथ ही उसे ही उमेश पाल पर पहली गोली चलाने की जिम्मेदार भी सौंपी थी. अपने कहे मुताबिक विजय उर्फ उस्मान ने ही उमेश पाल पर पहली गोली चलाई भी थी, लेकिन आखिरकार पुलिस की कार्रवाई में वो ढेर कर दिया गया.

अतीक अहमद से हो सकती है पूछताछ

उमेश पाल मर्डर केस में अब यूपी पुलिस माफिया सरगना अतीक अहमद से पूछताछ की तैयारी कर रही है. बहुत मुमकिन है कि यूपी पुलिस गुजरात के साबरमती जेल में बंद अतीक से पूछताछ के लिए उसे प्रोडक्शन वारंट पर ले और यूपी लेकर आए. सूत्रों की मानें तो यूपी पुलिस ने इसके लिए तैयारियां भी शुरू कर दी है. हालांकि दूसरी ओर अतीक और उसके भाई अशरफ ने यूपी पुलिस के इस संभावित कदम के खिलाफ पहले ही सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटा रखा है. दोनों भाइयों ने अपने वकील के जरिए सुप्रीम कोर्ट में एक याचिक दाखिल कर ये कहा है कि उमेश पाल मर्डर केस में अगर पुलिस उनसे कोई पूछताछ करना चाहती है तो जेल में रहते हुए ही उनसे पूछताछ की जानी चाहिए, क्योंकि उन्हें डर है कि जेल से पूछताछ के लिए बाहर ले जाने के दौरान यूपी पुलिस एनकाउंटर में उनकी जान ले सकती है. अतीक जहां साबरमती जेल में बंद है, वहीं उसका भाई अशरफ यूपी के ही बरेली जेल में कैद है. हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने इस अर्जी पर सुनवाई के लिए फिलहाल 17 मार्च की तारीख दी है.

Advertisement

अतीक के खिलाफ दर्ज हैं 100 मामले

इस मामले की जांच कर रही यूपी पुलिस शुरू से ही गैंगस्टर अतीक अहमद को इस मामले का मास्टरमाइंड बताती रही है. हालांकि अतीक अहमद जून 2019 से ही गुजरात के साबरमती जेल में बंद है, लेकिन पुलिस की तफ्तीश कहती है कि उसने जेल में रहते हुए ही अपने छोटे भाई अशरफ के साथ मिल कर उमेश पाल के कत्ल की साजिश रची है. ऐसे में इस केस से जुड़ा हरेक राज जानने के लिए अतीक से पूछताछ भी जरूरी है. वैसे तो अतीक पर करीब सौ आपराधिक मामलों के होने की बात कही जाती रही है, लेकिन उमेश पाल हत्याकांड से पहले उस पर रियल स्टेट कारोबारी मोहित जायसवाल के अपहरण का मामला भी है. 

शूटआउट के दौरान कार से बाहर नहीं निकला था एक शख्स

अब बात कत्ल से जुड़ी साजिश के एक और पहलू की. छानबीन में पुलिस को पता चला है कि 24 फरवरी को उमेश पाल के कत्ल के दौरान अतीक के बेटे असद की कार में तीन नहीं बल्कि चार लोग सवार थे. इनमें तीन लोगों की पहचान तो पहले ही साफ हो चुकी है, जबकि चौथा पुलिस की रडार पर है. पुलिस सूत्रों की मानें तो उस कार में अतीक का बेटा असद, ड्राइवर अरबाज, कार से उतर कर फायरिंग करनेवाला साबिर और एक शख्स सवार था. पुलिस की मानें तो ड्राइवर अरबाज की तरह ही ये शख्स भी शूटआउट के दौरान बाहर नहीं निकला. मामले की जांच कर रही पुलिस ने जब मौका-ए-वारदात पर मौजूद मोबाइल फोन का डंप डाटा निकलवाया और जांच शुरू की, तो इस चौथे शख्स का पता चला. 

असद का नजदीकी था चौथा शख्स

मौका-ए-वारदात की सीसीटीवी फुटेज से भी इस बात का पता चलता है. CCTV को गौर से देखने पर नजर आता है कि साबिर पहले ड्राइवर की पीछे वाला गेट खोलता है, लेकिन गेट बंद कर कार के पीछे दूसरी साइड की तरफ जाकर उसमें बैठ जाता है. पुलिस को इसी सीसीटीवी से उस चौथे शख्स के बारे में भनक लगी, जिसको देखने के बाद अफसरों को लगा कि कार को ड्राइव अरबाज जरूर कर रहा था, लेकिन उसके पीछे वाली सीट पर जरूर कोई बैठा था. जिसको देखकर साबिर दूसरी साइड से कार में घुस जाता है. फिलहाल इस चौथे शख्स की पहचान हो गई है, वो असद का बेहद नजदीकी बताया जाता है.

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement