
Umesh Pal Murder Case: उमेश पाल हत्याकांड को अंजाम देने वाले शूटरों की तलाश में यूपी एसटीएफ और पुलिस की टीमें हर तरफ छापेमारी कर रही हैं. पुलिस ने यूं तो इस मामले में अधिकारिक तौर पर पांच आरोपी घोषित किए थे, जिनके सिर पर इनाम भी रखा गया है. लेकिन पुलिस ने पांच आरोपियों की लिस्ट के बाहर भी दो लोगों का एनकाउंटर किया है, जिस पर सवाल भी उठ रहे हैं. आइए जान लेते हैं कि अभी तक कौन-कौन आरोपी पुलिस की पहुंच से बाहर हैं?
लिस्ट से बाहर दो लोगों का एनकाउंटर
प्रयागराज में भले ही गुरुवार को उमेश पाल की तेरहवीं हो गई हो. लेकिन अभी तक इस हत्याकांड के मुख्य आरोपी समेत पांचों आरोपी पुलिस के हत्थे नहीं चढ़ पाए हैं. हालांकि पुलिस ने अरबाज और विजय चौधरी उर्फ उस्मान नाम के दो लोगों को मुठभेड़ में ढेर कर दिया है. इस हत्याकांड में इन दोनों की भूमिका भी पुलिस ने बताई है. लेकिन ये दोनों नाम पुलिस की उस अधिकारिक सूची में नहीं थे, जिन पांच लोगों पर इनाम घोषित किया गया था. इसलिए इन दोनों की कहानी अभी भी समझ से परे लगती है.
ये हैं पांच फरार आरोपी
उमेश पाल हत्याकांड में माफिया डॉन अतीक अहमद के बेटे मोहम्मद असद का नाम भी शामिल है. बताया जा रहा है कि वो बहराइच के रास्ते नेपाल चला गया है और वहां जाकर उसने पनाह ली है. दूसरा आरोपी है बमबाज गुड्डू मुस्लिम. जिसके बारे में पुलिस को कुछ पता नहीं चल पाया है. तीसरा आरोपी है अरमान. ये वो शख्स है, जो हमले के वक्त उस मोटरसाइकिल को चला रहा था, जिस पर बैठकर गुड्डू वहां पहुंचा था. चौथा आरोपी है मोहम्मद गुलाम, जिस पर गोली चलाने का इल्जाम है और पांचवा आरोपी है साबिर, जो अतीक अहमद का खास माना जाता है और उसका पूर्व ड्राइवर भी रहा है. ये पांचों पुलिस की पहुंच से बाहर हैं. माना जा रहा है कि असद को छोड़कर बाकी शूटर अभी यूपी में ही छिपे हो सकते हैं.
यूपी पुलिस ने जारी किए थे केवल पांच नाम
इतेफाक से यूपी पुलिस के ऑफिशियल ट्वीटर हैंडल पर एक ट्वीट पांच मार्च यानी रविवार को दोपहर 3.17 मिनट पर किया गया था. उस ट्वीट के जरिए यूपी पुलिस ने उमेश पाल शूट आउट में शामिल शूटरों की गिरफ्तारी पर इनाम की रकम बढाने का ऐलान किया था. पहले इनाम 50 हजार था, जिसे यूपी डीजीपी के कहने पर ढाई लाख कर दिया गया.
कुल पांच नाम हैं, पहला नाम अरमान, दूसरा असद, तीसरा गुलाम, चौथा गुड्डू मुस्लिम और पांचवा साबिर. साथ में सबके पिता का भी नाम भी लिखा है. अब अगर अब भी समझ ना आया हो, तो फिर से इन नामों को देख लीजिए. आपको इस लिस्ट में उस्मान चौधरी या यूं कहें कि विजय चौधरी का नाम कहीं दिखाई नहीं देगा.
वॉन्टेड लिस्ट में नहीं था उस्मान उर्फ विजय का नाम
अब सोचिए... जिस उस्मान के एनकाउंटर की खबर सोमवार 6 मार्च की दोपहर एडीजी लॉ एंड ऑर्डर दे रहे हैं, उससे 12 घंटे पहले तक खुद उस उस्मान चौधरी या विजय चौधरी का नाम यूपी पुलिस की वॉन्टेड लिस्ट में कहीं है ही नहीं. अब सवाल ये है कि जो उस्मान चौधरी उर्फ विजय चौधरी पिछले कई दिनों से गोलियां चलाते हुए लगातार चैनलों पर दिखाई दे रहा है, एनकाउंटर से 12 घंटे पहले तक वही उस्मान चौधरी या विजय चौधरी यूपी पुलिस को क्यों नहीं दिखाई दिया? और अगर दिखाई दिया था तो फिर यूपी पुलिस की वॉन्टेड लिस्ट से उसका नाम बाहर कैसे था?
पुलिस की कहानी में झोल!
कहानी यहीं खत्म नहीं होती. एडीजी लॉ एंड ऑर्डर के पास एक बार फिर लौटते हैं. एनकाउंटर में मारे गए उस शख्स का नाम सुनने के लिए. मीडिया को दिए गए उनके बयान को सुनकर पता चलता है कि एडीजी साहब सिर्फ एक शब्द में नाम ले रहे हैं. वरना अमूमन नाम के साथ पिता का भी नाम लेते रहे हैं. आगे बढें, उससे पहले जरा उस्मान चौधरी या विजय चौधरी की पत्नी की बात कर लें. जो कह रही हैं कि उसका नाम विजय चौधरी है, हमारा पूरा परिवार हिंदू है और वो विजय चौधरी के पिता का नाम भी बताती है.
विजय चौधरी की पत्नी ने कहा- नहीं किया धर्म परिवर्तन
तो एनकाउंटर में मारे गए उस्मान चौधरी की पत्नी का दावा है कि वो उसका पति या उसका पूरा परिवार किसी ने धर्म परिवर्तन नहीं किया. सभी हिंदू हैं और उसके पति का नाम विजय चौधरी है. ना कि उस्मान चौधरी. उसने विजय से 2020 में शादी की थी. इतेफाक से प्रेस कांफ्रेंस में एक पत्रकार ने एडीजी लॉ एंड ऑर्डर से ये सवाल पूछ लिया कि उसका नाम विजय चौधरी है या उस्मान चौधरी? तो एडीजी सकपका गए और बोले कि क्या नाम है, जो आप कह रहे हैं उसकी विवेचना करेंगे.
अतीक की बहन ने जताई हत्या की आशंका, पति हिरासत में
चलिए, अब कहानी तीसरे किरदार की. जिसका नाम आयशा है. वो अतीक अहमद की बहन है. सोमवार को आयशा ने प्रयागराज प्रेस क्लब में एक प्रेस कांफ्रेंस की थी. उस प्रेस कांफ्रेंस के जरिए उसने मांग की कि उसके दोनों भाई यानी अतीक अहमद और अशरफ की सुरक्षा की जाए. क्योंकि परिवार को डर है कि दोनों का एनकाउंटर किया जा सकता है. लेकिन इधर जैसे ही आयशा प्रेस कांफ्रेंस खत्म कर बाहर निकलती है, तभी उसे पता चलता है कि उसके पति को यूपी एसटीएफ ने हिरासत में ले लिया है.
वॉन्टेड लिस्ट में नहीं थे मारे गए दो लोग
अब विजय चौधरी उर्फ उस्मान के ताजा एकाउंटर की पूरी कहानी समझें, उससे पहले उमेश पाल मर्डर केस में यूपी पुलिस की तफ्तीश का अब तक का अंजाम जान लेते हैं. उमेश पाल मर्डर केस के बाद यूपी पुलिस ने जो पहला एनकाउंटर जिस अरबाज का किया था, वो कहीं किसी कैमरे में कैद नहीं था. सोमवार को जो दूसरा एनकाउंटर किया, वो यूपी पुलिस की वॉन्टेड लिस्ट में शामिल नहीं था. बाकी बचे उपरोक्त पांच नाम...तो दस दिन तो हो चुके हैं, पर इनका कोई अता-पता नहीं है. वैसे भी अगर यूपी पुलिस खुद ही इन तक पहुंच जाती, तो शायद उसे इस तरह इन पांचों पर इनाम का ऐलान ना करना पड़ता.
मिट्टी में मिलाने का चलन
वैसे एक दौर था जब हर एनकाउंटर पर हंगामा मच जाया करता था. मगर अब जमाना बदल चुका है. अब तो लुकछिप कर नहीं, बल्कि एनकाउंटर के बाद ऐलानिया ये बताया जाता है कि देखो, मिट्टी में मिला दिया. यूपी के एक विधायक शलभ मणि का एक ट्वीट उसकी बानगी भर है.
किसने चलाई थी पहली गोली
उमेश पाल एनकाउंटर के सिलसिले में यूपी पुलिस ने सोमवार को एक और शूटर का एनकाउंटर कर दिया. पुलिस ने बताया कि ये वही शूटर था, जिसने सबसे पहले उमेश पाल पर गोली चलाई थी. इससे पहले पुलिस ने अरबाज नाम के एक शूटर को एनकाउंटर में ढेर करते हुए ये बताया था कि उमेश पाल पर कत्ल के रोज वही शूटरों की क्रेटा कार चला रहा था.
विजय चौधरी उर्फ उस्मान के एनकाउंटर की कहानी
पुलिस के मुताबिक सोमवार की सुबह प्रयागराज पुलिस को विजय चौधरी उर्फ उस्मान के बारे में इत्तिला मिली. एक मुखबिर ने पुलिस को जानकारी दी कि उस्मान प्रयागराज के ही कौधारिया इलाके में छुपा हुआ है. खबर मिलने पर पुलिस ने सुबह सवेरे करीब 5 बजे ही उस्मान की घेरेबंदी की कोशिश की. लेकिन पुलिस को अपनी ओर आता देख कर उस्मान गोली चलाने लगा. पहले तो पुलिस ने उसे खुद को कानून के हवाले कर देने की चेतावनी दी. लेकिन वो लगातार फायरिंग करता रहा. जवाब में पुलिस ने गोली चलाई और उस्मान जख्मी हो गया. इसके बाद पुलिस फौरन उस्मान को उठा कर प्रयागराज के ही एसआरएन अस्पताल लेकर गई, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई. उस्मान और पुलिस के बीच हुई इस गोली बारी में यूपी पुलिस का एक कांस्टेबल नरेंद्र भी जख्मी हो गया.
विजय चौधरी का पीछा कर रही थी पुलिस
पुलिस सूत्रों की मानें तो प्रयागराज जिले में जहां विजय चौधरी का गांव है, वहां से मध्य प्रदेश की सीमा बमुश्किल 50 किलोमीटर की दूरी पर है. वारदात के बाद से ही विजय उर्फ उस्मान को लगातार ट्रैक करने की कोशिश कर रही यूपी पुलिस को पता चल रहा था कि उस्मान लगातार एमपी और यूपी में अपनी लोकेशन बदल रहा है. लेकिन पुलिस ने उस पर अपनी नजरें गडाए रखी और सोमवार की सुबह आखिरकार पुलिस की गोलियां उसके लिए मौत लेकर आई.
सीसीटीवी फुटेज में दिख रहा है विजय
विजय चौधरी उर्फ उस्मान के नाम पर पुलिस ने 50 हजार रुपये के इनाम का ऐलान कर रखा था. उमेश पाल मर्डर केस के सीसीटीवी फुटेज देखने से साफ है कि ये उस्मान उर्फ विजय ही था, जिसने सबसे पहले उमेश पाल और उसके गनर पर गोली चलाई थी. हाथ में पॉलीथिन का पैकेट लिए उमेश पाल पर बिल्कुल करीब से फायरिंग करते विजय की तस्वीरें सीसीटीवी में कैद हुई थी.
विजय चौधरी को पहचान नहीं पाई थी पुलिस
हालांकि विडंबना देखिए कि इतनी बड़ी वारदात को अंजाम देनेवाले और इस वारदात में पहली गोली चलानेवाले इस शूटर को शुरू में युपी पुलिस पहचान तक नहीं पा रही थी. अब से पहले तक यूपी पुलिस ने सीसीटीवी में कैद बाकी शूटरों की तो पहचान कर ली थी, लेकिन उमेश पाल पर सबसे पहले फायरिंग करनेवाले इस शूटर की पहचान साफ नहीं की थी.
अतीक ने विजय चौधरी को दिया था नया नाम!
सूत्रों की मानें तो विजय काफी समय से अतीक के लिए काम कर रहा था और उसकी वफादारी से खुश हो कर अतीक ने ना सिर्फ उसे अपना खास गुर्गा बना रखा था, बल्कि उसी ने विजय का नाम उस्मान चौधरी भी रख दिया था. कुछ सूत्रों का तो यहां तक दावा है कि अतीक ने ही विजय का धर्म बदलवा कर उसे उस्मान बना दिया था. एनकाउंटर के बाद पुलिस को उस्मान के कब्जे से .32 बोर की एक नाजायज पिस्टल और कुछ गोलियां भी मिली हैं. अब इस मामले में पुलिस क्या नई कहानी लेकर सामने आएगी, ये देखना बाकी है.