
पुलवामा में हुए आत्मघाती हमले के एक आरोपी की याचिका को जम्मू की एनआईए अदालत ने खारिज कर दिया. दरअसल, वह आरोपी एनईईटी परीक्षा में बैठना चाहता था. इसके लिए उसने अदालत से जमानत मांगी थी. आरोपी पर धमाके से संबंधित सामान मंगाने का आरोप है.
पूरे देश को हिलाकर रख देने वाले पुलवामा हमले की साजिश में शामिल होने के आरोप में वैज उल इस्लाम को गिरफ्तार किया गया था. वह श्रीनगर का रहने वाला है. उसकी उम्र अब 20 साल है. उसने हाल ही में एनआईए की विशेष अदालत में एक जमानत याचिका दाखिल की थी.
आरोपी वैज उल इस्लाम ने एनआईए कोर्ट में दाखिल की गई याचिका में कहा था कि उसे आगामी 13 सितंबर को आयोजित होने वाली NEET परीक्षा में बैठने के लिए जमानत दे दी जाए. वह जेल में परीक्षा की तैयारी कर रहा था.
गुरुवार को अदालत ने उसकी जमानत याचिका को खारिज कर दिया. वैज उल इस्लाम पर आरोप है कि उसने IED के लिए अमेजन अकाउंट के माध्यम से सामान खरीदा था. इसलिए उस पर इस आत्मघाती हमले में शामिल होने का आरोप है. फिलहाल, उसे कोई कोर्ट से कोई राहत नहीं मिलेगी.
आपको बताते चलें कि पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हुए आतंकी हमले का मास्टरमाइंड कामरान उर्फ गाजी राशिद था. जिसके मोबाइल से कुछ जानकारी हासिल हुई थी. कामरान को हमले के चार दिन बाद 18 फरवरी को एनकाउंट में मार गिराया गया था. उसके मोबाइल में कुछ वीडियो मिले थे. जिसमें RDX का इस्तेमाल करके बम बनाने का तरीका बताया गया था.
एनआईए के पास इस बात के ठोस सबूत थे कि विस्फोटक पाकिस्तान से आया था. जैश कमांडर के कुछ फोन नंबरों की जानकारी भी एजेंसी को मिली थी. एक नाम जैश के आतंकी उमर के रूप में पहचाना गया था. जबकि इससे पहले मोहम्मद इश्फाक भट को एनआईए ने गिरफ्तार किया था, जिसके पास से विस्फोटक बरामद किया गया था.
बता दें कि बीते साल 14 फरवरी को पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर बड़ा आतंकी हमला हुआ था, जिसमें 40 भारतीय जवान शहीद हो गए थे. इस घटना से पूरा देश सन्न रह गया था. इस हमले की जांच एनआईए कर रही है.