
पंजाब के शहर लुधियाना को एक धमाके से दहला देने की साजिश विदेश में रची गई थी. जिसका सूत्रधार था आतंकी जसविंदर सिंह मुल्तानी. वह खालिस्तानी आतंकी संगठन सिख फॉर जस्टिस का सक्रीय सदस्य है. हाल ही में उसे जर्मनी में गिरफ्तार कर लिया गया है. जानकारी के मुताबिक, आतंकी जसविंदर दिल्ली और मुंबई को दहलाने की साजिश भी रच रहा था.
कौन है जसविंदर सिंह मुल्तानी
जर्मनी में पकड़ा गया आतंकी जसविंदर सिंह मुल्तानी, मूल रूप से पंजाब के होशियारपुर में गांव मुकेरिया का रहने वाला है. उसका जन्म वर्ष 1976 में हुआ था. जसविंदर का एक भाई और है. कामयाबी और अमीर बनने की चाहत में दोनों भाई जर्मनी जाकर कारोबार करने लगे. वहां उन दोनों की एक बड़ी दुकान है. इसी दौरान जसविंदर सिंह मुल्तानी अलगाववादी गतिविधियों में शामिल हो गया और आतंकी संगठन सिख फॉर जस्टिस के साथ जुड़ गया.
रची थी किसान नेता के कत्ल की साजिश
तभी से जसविंदर सिंह मुल्तानी आतंकी गतिविधियों में भी शामिल बताया जाता है. जसविंदर सिंह मुल्तानी 45 साल का है. वह सिख फॉर जस्टिस के संस्थापक गुरपतवंत सिंह पन्नू का बेहद करीबी माना जाता है. उसी ने किसान आंदोलन के दौरान दिल्ली के सिंघु बॉर्डर पर किसान नेता की हत्या की साजिश रची थी. लेकिन सुरक्षा एजेंसियों और पुलिस ने उसकी साजिश का खुलासा कर उसे नाकाम कर दिया था.
इसे भी पढ़ें--- फर्श से अर्श तक, जानिए कारोबारी पीयूष जैन की पूरी कहानी
लगातार की जा रही है पूछताछ
गिरफ्तार किए जाने के बाद से ही उससे लगातार पूछताछ की जा रही है. एजेंसियां उससे पूछताछ के दौरान यह भी पता लगाने की कोशिश कर रही हैं कि वह पाकिस्तान गया था या नहीं? सुरक्षा एजेंसियों को शक है कि जसविंदर सिंह मुल्तानी भारत के विभिन्न शहरों में हुए धमाकों और धमाकों की साजिश में शामिल रहा है. इनमें लुधियाना कोर्ट ब्लास्ट भी शामिल है.
सूत्रों का कहना है कि जर्मनी में पकड़े जाने से पहले जसविंदर सिंह मुल्तानी देश की राजधानी दिल्ली और आर्थिक राजधानी मुंबई को दहलाने की साजिश भी रच रहा था. इसी के चलते, उसने लुधियाना की अदालत में भी धमाका कराया.
आपको बताते चलें कि लुधियाना कोर्ट परिसर की दूसरी मंजिल पर बनी टॉयलेट में 23 दिसंबर को बम धमाका हुआ था. ये धमाका IED से किया गया था. IED का इस्तेमाल होने की वजह से, इसे आतंकी हमला नही माना जा रहा था.