
दस राज्यों का मोस्ट वॉन्टेड और पंजाब का कुख्यात गैंगस्टर जयपाल भुल्लर मरने के बाद भी पंजाब पुलिस का पीछा नहीं छोड़ रहा है. पुलिस के दो-दो जवानों की हत्या करने वाले जयपाल सिंह भुल्लर को पकड़ने के लिए बाकायदा पंजाब पुलिस ने एक अभियान चलाया था. इसके बाद कोलकाता एसटीएफ ने जयपाल और उसके एक साथी गैंगस्टर को एनकाउंटर में मार गिराया. मगर उसकी मौत के बाद भी उसके मारे जाने का मामला गर्माया हुआ है.
भुल्लर के घर वालों ने आरोप लगाया है कि उसकी मौत एनकाउंटर में नहीं बल्कि पुलिस टॉर्चर से हुई है. यही वजह के 13 दिन बाद दोबारा जयपाल की लाश का पोस्टमॉर्टम कराया गया. अगर पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में कुछ भी गड़बड़ी सामने आई तो कोलकाता पुलिस के साथ-साथ पंजाब पुलिस भी सवालों के घेरे में आ जाएगी.
बुधवार, 9 जून 2021, दोपहर करीब 3.30 बजे, न्यू टाउन, कोलकाता
पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता से सटे न्यू टाउन के शापूरजी पालोनजी अपार्टमेंट में अचानक गोलियों की आवाज़ ने लोगों का ध्यान अपनी ओर खींच लिया. लेकिन जब तक इस कॉलोनी में रहनेवाले लोग ये पूरा माजरा समझ पाते, तब तक कोलकाता से 2000 किमी दूर पंजाब से ताल्लुक रखनेवाले दो ख़ौफ़नाक गैंगस्टर और नशे के तस्कर एक फ्लैट में ढेर किए जा चुके थे. और साथ ही अंत हो चुका था लुकाछिपी के उस खेल का. जो पिछले 10 सालों से एक गैंगस्टर देश के दस राज्यों की पुलिस के साथ खेलता चला आ रहा था. जी हां, जयपाल सिंह भुल्लर उर्फ़ मंजीत. यही नाम था उसका, जिसे कोलकाता की एसटीएफ ने यहां एक एनकाउंटर में मार गिराया. उसके साथ ही उसका दूसरा गैंगस्टर साथी जसवीर जस्सी भी मारा गया.
जयपाल भुल्लर के खिलाफ दर्ज हैं 50 से ज्यादा मामले
कहने को पंजाब पुलिस भी उसी रोज़ इन गैंगस्टरों का पीछा करती हुई कोलकाता के न्यू टाउन इलाके में आ पहुंची थी. लेकिन जब तक पंजाब पुलिस एक्शन में आती, तब तक कोलकाता एसटीएफ का रिएक्शन हो चुका था. बदमाशों की फायरिंग के बदले एसटीएफ अपनी जवाबी कार्रवाई में दोनों को ढेर कर चुकी थी. ऐसे में पंजाब पुलिस की टीम के पास सिवाय दोनों की लाश की शिनाख्त करने के और कोई ख़ास काम बचा नहीं था. पंजाब पुलिस की टीम ने शिनाख्त की और कोलकाता से निकलकर ये ख़बर पूरे पंजाब में और खास कर पंजाब के पुलिस महकमे में आग की तरह फैल गई. क्योंकि ये वो गैंगस्टर थे, जिन पर जुर्म के 50 से ज़्यादा मामले तो थे ही, लेकिन सबसे ताज़ा और ख़ौफ़नाक मामला उस जुर्म का था, जिसमें जयपाल भुल्लर और उसके साथियों ने दिन दहाड़े बीच सड़क पर पंजाब के जगराओं इलाक़े में सीआईए स्टाफ के दो असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर्स को गोली से उड़ा दिया था.
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परिवार ने लगाया जयपाल की हत्या का आरोप
कहने की ज़रूरत नहीं है कि इसी के बाद से पंजाब पुलिस इन गैंगस्टरों के पीछे हाथ धो कर पड़ी थी और बुधवार 9 जून को दो गैंगस्टरों का ढेर किए जाने के साथ ही पंजाब पुलिस का ये ऑपरेशन पूरा हो गया. लेकिन क्या ये एनकाउंटर ठीक वैसा ही था, जैसा कोलकाता एसटीएफ के अफ़सरों ने दुनिया को बताया? या फिर पंजाब पुलिस की टिप ऑफ पर एसटीएफ ने ठंडे दिमाग से दोनों को घर में घुस कर ढेर कर दिया? पुलिस एनकाउंटर्स को लेकर वैसे तो सवाल उठते ही रहते हैं, लेकिन 9 जून को हुए इस एनकाउंटर के बाद जब गैंगस्टर भुल्लर की लाश कोलकाता से दूर उसके पुश्तैनी घर पंजाब के फिरोज़पुर पहुंची, तो मामले में एक नया मोड़ आ गया. गैंगस्टर के रिटायर्ड पुलिस इंस्पेक्टर पिता ने अपने बेटे की लाश का अंतिम संस्कार करने से ही इनकार कर दिया. उनका कहना था कि उनके बेटे की मौत एनकाउंटर में नहीं हई, बल्कि उसकी ठंडे दिमाग से हत्या की गई है.
टूटी थी दाएं कंधे की हड्डी, नाखून भी उखाड़े गए
दरअसल, अपने गैंगस्टर बेटे की मौत को कत्ल बताने के पीछे एक रिटायर्ड पुलिसवाले पिता के पास कई तर्क थे. उनका कहना था कि जयपाल के राइट शोल्डर यानी दांये कंधे की हड्डी टूटी हुई थी, जबकि वहां कोई गोली नहीं लगी. ठीक इसी तरह उसकी दांयी कलाई की पूरी तरह टूटी थी, लेकिन गोली वहां भी नहीं लगी. उसकी बांह पर किसी ज़ख्म को सीने के भी निशान मौजूद थे. यहां तक कि उसके पांव के नाखून भी उखाड़े गए थे. घरवालों की मानें तो उसे जहां-जहां गोली लगी, वहां ब्लैकनिंग के निशान थे और ऐसा तभी होता है, जब किसी को गोली बिल्कुल सटा कर मारी जाए. इसी तरह मौका-ए-वारदात की कुछ तस्वीरों के हवाले से घरवालों का दावा है कि जयपाल के साथ-साथ उसके साथी जसवीर जस्सी को भी बिल्कुल करीब से सिर में गोली मारी गई. तभी गोली लगने से पीछे की दीवार का हिस्सा भी टूट गया.
वैसे घरवालों की शिकायत का आखिरी अंजाम क्या हुआ और गैंगस्टर जयपाल की लाश का अंतिम संस्कार कब होगा? ये तो अभी नहीं पता लेकिन आइये पहले ये जान लेते हैं कि आख़िर जयपाल और उसके गैंग की उल्टी गिनती कब और कैसे शुरू हुई.
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ऐसे किया था दो पुलिसवालों का मर्डर
15 मई को लुधियाना के दाना मंडी इलाके में पुलिस के सीआईए स्टाफ को शाम करीब 6 बजे एक कैंटर में बड़ी मात्रा में नशे की खेप मिलने की खबर मिली. इस जानकारी पर एएसआई भगवान सिंह और एएसआई दलविंदरजीत सिंह अपने एक साथी कर्मचारी राजविंदर सिंह के साथ वहां पहुंचे. अभी तीनों कैंटर की जांच के सिलसिले में उसमें सवार लोगों से पूछताछ ही कर रहे थे कि मौके पर एक आई 20 कार आई. कार से तीन-चार लोग उतरे और इन लोगों ने सीधे पुलिस पार्टी के साथ बहस करते हुए उन गोलियों की ताबड़तोड़ बौछार कर दी. एक गोली एएसआई भगवान सिंह के सिर पर लगी. उनकी मौके पर ही मौत हो गई. एएसआई दलविंदरजीत सिंह की जांघ और पीठ पर गोलियां लगी. उन्हें गंभीर हालत में अस्पताल पहुंचाया गया. लेकिन उनकी नाज़ुक हालत को देखते हुए उन्हें लुधियाना रेफर किया गया. मगर रास्ते में ही उनकी जान चली गई. तीसरे पुलिसवाले ने किसी तरह मौके से भागकर जान बचाई.
भुल्लर के सिर पर था 10 लाख का इनाम
तुरंत ही पुलिस ने इस मामले की छानबीन शुरू की और ये पता चल गया कि इस गोलीकांड के पीछे कोई और नहीं बल्कि पंजाब का वही दुर्दांत गैंगस्टर जयपाल भुल्लर है, जिसे सिर्फ पंजाब ही नहीं बल्कि दस सूबों की पुलिस पूरे 11 सालों से तलाश रही है और जिसके सिर पर 10 लाख रुपये का इनाम है. बस, यही वो दिन था, जब से जयपाल भुल्लर पंजाब पुलिस की रडार पर ऐसा आया कि फिर उसकी मौत के साथ ही ये रडार से ओझल हुआ.
कोलकाता एसटीएफ ने किया एनकाउंटर
पंजाब पुलिस ने जयपाल और उसके गुर्गों की धर-पकड़ के लिए ऑपरेशन जैक की शुरुआत की और इसका काम सौंपा अपनी खास आर्गेनाइज़्ड क्राइम कंट्रोल यूनिट यानी ओसीसीयू को. इस टीम को पता चला कि जयपाल भुल्लर अपने कुछ साथियों के साथ कोलकाता के न्यू टाउन इलाके में एक फ्लैट में पिछले 22 मई से ही छुपा बैठा है. पंजाब पुलिस को जैसे ही ये खबर मिली, उन्होंने ये इनपुट ना सिर्फ कोलकाता पुलिस से शेयर किया, बल्कि अपनी एक खास टीम को बाइ एयर कोलकाता के लिए रवाना कर दिया, ताकि उन्हें किसी भी हाल में ज़िंदा या मुर्दा पकड़ लिया जाए. लेकिन इससे पहले कि पंजाब पुलिस की टीम वहां पहुंच पाती, कोलकाता पुलिस ने जयपाल और उसके साथी का काम तमाम कर दिया.