
Gay Serial Killer Ram Swaroop Story: आपने धोखे से जान लेने वाले सीरियल किलर्स के बारे में तो सुना होगा, जो आसानी से पकड़े भी नहीं जाते. लेकिन जिस सीरियल किलर के बारे में हम आपको बता रहे हैं, वो धोखेबाज़ों को मारने वाला सीरियल किलर है. एक ऐसा अजीब सीरियल किलर जो अपने शिकार को मौत देने के बाद ना सिर्फ उसके पांव छू कर माफी मांगता है, बल्कि उसकी पीठ पर धोखेबाज़ लिख देता. अब सवाल उठता है कि आख़िर वो ऐसा क्यों करता था? तो आइए आपको बताते हैं इस सीरियल किलर की पूरी कहानी.
दिन में पुरुष, रात में महिला
उस सीरियल किलर का नाम रामस्वरूप है. जिसकी उम्र 33 साल है. पुलिस के हाथ लगी उसकी एक तस्वीर में सिर्फ उसका चेहरा है. लेकिन रूप रेखा किसी महिला जैसी है. दरअसल, दिन का रामस्वरूप पुरुष दिखता और रात का रामस्वरूप महिला दिखती है. उसकी ये तस्वीर पंजाब पुलिस की तरफ से जारी स्केच की है, जिसने रामस्वरूप की ना सिर्फ इस दोहरी जिंदगी और दोहरे कैरैक्टर का पर्दाफाश किया. बल्कि एक ऐसा खुलासा किया जिसके आगे बाकी सीरियल किलर की कहानी तक छोटी हो जाती है.
भुलक्कड़ सीरियल किलर
कैमरे पर अपना जुर्म कबूल करने वाला रामस्वरूप अब तक 11 कत्ल की बात तो अपने मुंह से कबूल कर चुका है. लेकिन फिर इसके आगे वो खुद ही कहता है कि उसकी याददाश्त कमजोर है. बाकी के कत्ल याद नहीं. मतलब ये कि वो भुलक्कड़ सीरियल किलर है, जिसे लाशों की गिनती तो याद नहीं लेकिन कमाल ये है कि हर लाश के साथ ये दो चीजें करना कभी नहीं भूला. एक कत्ल करने के बाद मरने वाले की पीठ पर धोखेबाज लिखना और दूसरा जिसका भी कत्ल करता उसके दोनों पैर हाथों से पकड़कर उससे माफी मांगना.
कत्ल के बाद पीठ पर लिखता था धोखेबाज
अब सवाल ये है कि वो ऐसा क्यों करता था. क्यों वो हरेक की पीठ पर धोखेबाज लिखता और क्यों माफी मांगता. तो रामस्वरूप नाम के पंजाब के हाल के वक्त के इस सबसे बड़े सीरियल किलर की पूरी कहानी जानने से पहले चार महीने पहले हुए एक कत्ल की कहानी को समझना जरूरी है.
कत्ल के बाद किया ऐसा काम
दरअसल, इसी साल 18 अगस्त को कीरतपुर साहिब में गढ़ मोड़ा टोल प्लाजा के करीब चाय पानी की दुकान चलाने वाले 37 साल के एक शख्स की हत्या कर दी गई थी. कातिल कत्ल के बाद मकतूल का मोबाइल फोन भी अपने साथ ले गया था. बाद में इसी मोबाइल के सहारे पुलिस एक शख्स तक पहुंची. तब पता चला कि ये मोबाइल उसे किसी और शख्स ने बेचा था. उसी शख्स के बताए हुलिए की बिनाह पर पंजाब पुलिस ने स्केच बनाए.
ऐसे पुलिस के हाथ चढ़ा सीरियल किलर रामस्वरूप
दरअसल, चश्मदीद ने बताया था कि फोन बेचने वाला था तो आदमी लेकिन साज श्रृंगार बिल्कुल महिला जैसा कर रखा था. इसी स्केच की बिनाह पर आखिरकार पुलिस रामस्वरूप तक पहुंची और उसे गिरफ्तार कर लिया. पंजाब पुलिस को लगा कि उसने एक कत्ल का केस सुलझा लिया. लेकिन फिर जैसे ही रामस्वरूप ने धीरे-धीरे अपना मुंह खोलना शुरु किया. पंजाब का सबसे नया सीरियल किलर उनके सामने खड़ा था.
गे सेक्स वर्कर था रामस्वरूप
अब सवाल था कि रामस्वरूप एक सीरियल किलर कैसे बना? रात होते ही वो महिला के भेष में क्यों आ जाता और उसके हाथों मरने वाले लोग कौन थे? तो कहानी कुछ यूं है कि रामस्वरूप समलैंगिक था. और इसके साथ-साथ एक तरह से वो एक सेक्स वर्कर भी था. इसीलिए वो अमूमन रात को महिला की तरह श्रंगार कर बकायदा घूंघट में चेहरा ढककर सड़क पर ग्राहकों की तलाश में निकल पड़ता था. अब यहां तक तो ठीक था. लेकिन जब भी ग्राहकों से पैसों को लेकर कोई झगड़ा होता वो वहीं पर अपने मफलर से गला घोंट कर उसकी हत्या कर देता और पैसों को लेकर ऐसे झगड़े कई बार हुए.
बिना हथियार के करता था कत्ल
रामस्वरूप के मुताबिक, वो रात को कत्ल करने नहीं बल्कि पैसे कमाने निकलता था. कई बार वो घूंघट में कार वालों से लिफ्ट लेता. कई बार किसी सुनसान दुकान या जगह पर ग्राहकों के पास जाता. अक्सर पैसे कमा कर वो लौट भी जाता. लेकिन कई बार पैसों के मोल-तोल को लेकर ही या फिर वादे के हिसाब से पैसे ना देने पर उसे गुस्सा आ जाता और कई बार सामने वाला लड़ पड़ता. जब भी उसका झगड़ा होता वो सामने वाले को मार देता. मारने के लिए हमेशा वो अपने मफलर या आसपास पड़ी किसी भी चीज का इस्तेमाल कर लेता. वो कभी अपने साथ हथियार लेकर नहीं चलता था.
डेढ़ साल में किए 11 कत्ल
पंजाब पुलिस के मुताबिक रामस्वरूप के वारदात का तरीका बड़ा सीधा साधा था. चूंकि वो समलैंगिक था, इसीलिए रात को ही शिकार की तलाश में बाहर निकलता था. जब भी वो किसी वारदात को अंजाम देता अमूमन नशे में होता. पुलिस के मुताबिक, रामस्वरूप ने पिछले करीब डेढ़ साल में रूपनगर, फतेहगढ़ साहिब और होशियारपुर इलाके में कुल 11 कत्ल किए. हालाकि पुलिस रामस्वरूप के इकबाल-ए-जुर्म के बावजूद इन सभी जगह पर हुए कत्ल की जानकारी जुटाने की कोशिश कर रही है. फिलहाल, रामस्वरूप के हाथों हुए 5 कत्ल की तस्दीक हो चुकी है. बाकी की जानकारी हासिल की जा रही है.
नशे में डूबा रहता था कातिल
हालाकि पंजाब पुलिस खुद ये कबूल कर रही है कि कत्ल की गिनती ज्यादा भी हो सकती है. वजह ये है कि रामस्वरूप ने अपने हाथों हुए जिन 11 कत्ल की बात कबूल की है उनमें से भी की कत्ल की जगह या फिर मरने वाले के बार में उसे ठीक ठीक कुछ याद नहीं. असल में रामस्वरूप को शराब पीने की बुरी लत थी. वो पूरे दिन नशे में रहता था. नशे की वजह से ही उसे कुछ याद भी नहीं रहता था.
लड़कियों की तरह रहता था ये सीरियल किलर
हालांकि अब तक की तफ्तीश के मुताबिक रामस्वरूप गे जरूर है. लेकिन किन्नर नहीं. पंजाब पुलिस इस बात का पता लगाने की कोशिश कर रही है कि अगर रामस्वरूप सिर्फ गे है और किन्नर नहीं तो फिर वो महिलाओं की तरह घूंघट डालकर रात को सड़क पर क्यों निकलता था. इसके पीछे की वजह क्या है. हालाकि शुरुआती तफ्तीश और पूछताछ में ये सामने आया है कि रामस्वरूप को बचपन से ही लड़कियों के कपड़े पहनने और मेकअप करने का शौक था. घर में मां-बाप से छुपकर वो खुद अपना मेकअप किया करता था.
दुबई से आने के बाद गे बन गया था रामस्वरूप
'आज तक' की टीम जब रामस्वरूप के घर पहुंची तो पता चला कि बेशक उसे लड़कियों के कपड़े पहनने का शौक था. मगर वो एक आम लड़का था. दसवीं तक की पढाई उसने गांव के ही स्कूल में की. रोपड़ के एक गांव का रहने वाला रामस्वरूप दसवीं में फेल हो गया था. लेकिन फिर दोबारा इम्तिहान दिया और पास हो गया. इसके बाद वो दुबई चला गया. रामस्वरूप दुबई में कुछ वक्त तक रहा लेकिन फिर मन नहीं लगा तो लौट आया. वो दुबई ही था जहां जाने के बाद रामस्वरूप पहली बार गे बना था. बाद में घरवालों ने उसकी शादी कर दी. उसके तीन बच्चे भी हैं. जिनमें दो बेटियां हैं.
कतर से आने के बाद बदली जिंदगी
शादी के बाद नौकरी के लिए रामस्वरूप कतर चला गया. कतर में वो 5 साल रहा. इस दौरान उसने जो पैसे कमाए उससे गांव में घर बनाया. रिश्तेदारो के कर्ज उतारे और फिर वापस पंजाब आ गया. कतर से आने के बाद से ही रामस्वरूप की जिंदगी बदल गई. काम धंधा छोड़ अब वो दिन भर शराब पीने लगा. इसे लेकर उसका मां-बाप और पत्नी से झगड़ा भी होता था. यहां तक की एक बार उसके पिता उसे बेदखल करने का फैसला भी कर चुके थे.
घरवालों ने निकाला था घर से बाहर
हालांकि परिवार ने उसे बेदखल तो नहीं किया लेकिन करीब दो साल पहले उसे घर से लगभग बाहर निकाल दिया. घर से निकाले जाने के बाद ही रामस्वरूप एक समलैंगिक के तौर पर सेक्स वर्कर बन गया. और इसके बाद पिछले डेढ़ साल से उसका खूनी खेल शुरु हो गया था.
(होशियारपुर से सुनील कुमार के साथ रोपड़ से अमन भारद्वाज का इनपुट)