
पंजाब के तरनतारन में बीती 16 अक्टूबर को एक सनसनीखेज वारदात को अंजाम दिया गया. दो नकाबपोश बदमाश एक शख्स के घर में घुसे और उसका कत्ल कर दिया. मरने वाले का नाम जब सामने आया तो हर कोई हैरान रह गया. क्योंकि मरने वाला शख्स वो बलविंदर सिंह था, जिसने आतंकवादियों से लोहा लिया. उसके साहस के लिए सरकार ने उसे शौर्य चक्र से नवाजा था. अब सवाल ये था कि बलविंदर का कत्ल किसने और क्यों किया? जब कत्ल की वजह का खुलासा हुआ तो उसे जानकर हर कोई सन्न रह गया.
भारत-पाकिस्तान बॉर्डर के क़रीब बसा पंजाब का एक छोटा सा शहर है तरनतारन. तरनतारन का गांव है भिखीविंड. 16 अक्टूबर की सुबह 7 बजे का वक़्त था. सुबह-सुबह एक बाइक पर सवार दो लोग एक घर के सामने आकर रुकते हैं. उन लोगों के कपड़े ज़रा अजीबोग़रीब किस्म के थे. अजीबोग़रीब इसलिए क्योंकि ऊपर से लेकर नीचे तक दोनों बिल्कुल काले लिबास में थे. हद तो ये है कि दोनों ने अपने चेहरे पर भी नकाब ओढ़ रखा था. ऐसा नक़ाब, जिसका शायद कोरोना से कोई लेना-देना नहीं था. और तो और दोनों के हाथों में दस्ताने भी मौजूद थे. दूसरे लफ्ज़ों में कहें तो आंख, मुंह और नाक जैसे कुछ अंगों को छोड़ कर उन बाइकरों के जिस्म का कोई भी हिस्सा नज़र नहीं आ रहा था.
बाइक से उतर कर एक शख्स घर की तरफ़ बढ़ता है. बाहर से ही गेट खोलने की कोशिश करता है और इत्तेफ़ाक से गेट खुल जाता है. वो इधर-उधर देखता हुआ दबे पांव घर के अंदर घुसता है. अगले ही पल गोली चलती है. किसी की चीख सुनाई देती है. गेट खोल कर अंदर घुस आया शख्स बरामदे की तरफ़ किसी को निशाना बना कर गोली चलाने लगता है. आंगन में एक स्कूल बस भी खड़ी है और जिस शख्स पर गोली चलाई जा रही है, वो उसी बस की ओट में था.
लिहाज़ा, गोली का शिकार बनने वाला शख्स तो नज़र नहीं आता, लेकिन क़ातिल जिस तरह से एक फायर करने के बाद गन लेकर आगे बढ़ता है, उसे देख कर साफ़ हो जाता है कि वो इस घर में लूटपाट या किसी दूसरे इरादे से नहीं घुसा, बल्कि किसी की जान लेने के इरादे से ही आया है. इत्तेफाक से उसका शिकार उसकी आंखों के सामने था. और इस तरह चंद मिनटों में ही बाइक पर आए कातिलों का काम पूरा हो जाता है. गोली चलाने वाला शख्स दौड़ कर घर से बाहर निकलता है और सीधे बाहर खड़े अपने साथी की बाइक पर बैठता है. और दोनों मौका-ए-वारदात से फरार हो जाते हैं.
चंद मिनटों के बाद जब इस मकान में रहने वाले दूसरे लोग जगते हैं तो घर का मंज़र देख कर चीख पुकार मच जाती है. जी हां, उस घर में क़त्ल हो चुका था. और कत्ल भी किसी ऐसे वैसे इंसान का नहीं बल्कि टेररिज़्म के दौर में आतंकवादियों से लोहा लेने वाले जांबाज़ कामरेड बलविंदर सिंह का. शौर्य चक्र से सम्मानित बलविंदर सिंह तरनतारन में एक निजी स्कूल चलाते थे.
आतंकवाद के वक़्त से ही हमेशा सुर्खियों में रहे बलविंदर सिंह के क़त्ल की खबर से पंजाब तो क्या सात समंदर पार विदेशों में बसे अनगिनत पंजाबी भी सकते में आ गए. चूंकि उनकी ज़िंदगी का एक बड़ा दौर आतंकवादियों से लोहा लेते हुए गुज़रा था. लिहाजा क़त्ल के फ़ौरन बाद लोगों ने कयास लगाना शुरू कर दिया कि हो ना हो उनके क़त्ल के पीछे आतंकवाद समर्थकों का ही हाथ होगा, जो शायद इतने सालों बाद उनसे बदला लेना चाहते थे. और तो और क़त्ल के बाद घरवालों ने भी उन्हें आतंकवादियों का शिकार बताकर इस सोच को मानों और हवा दे दी.
क़त्ल की खबर मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और मामले की जांच शुरू कर दी गई. इधर, बड़े-बड़े नेताओं से लेकर कई नामचीन लोग फ़ौरन बलविंदर सिंह के घर दौड़े चले आए. उधर, विदेश में बैठे एक खालिस्तान समर्थक गुरपतवंत सिंह पन्नू ने अमेरिका से ही ऐलान कर दिया कि जिसने भी बलविंदर सिंह की जान ली है, उसे वो अपनी तरफ से 10 हज़ार अमेरिकी डॉलर का इनाम देना चाहते हैं. इन तमाम बातों ने मामले को और पेचीदा बना दिया.
बलविंदर सिंह की किसी से नई-नई दुश्मनी नहीं थी, पुलिस को भी लग रहा था कि क़त्ल के पीछे आतंकवादियों का हाथ हो सकता है. लेकिन किसी नतीजे पर पहुंचने से पहले पुलिस क़ातिलों की सच्चाई जान लेना चाहती थी. चूंकि इस वारदात की तस्वीरें सीसीटीवी कैमरे में क़ैद हो चुकी थी. पुलिस ने भी जांच इस सीसीटीवी फुटेज और मोबाइल फ़ोन नंबर की स्कैनिंग से शुरू कर दी. जांच आगे बढ़ी और जो नतीजा सामने आया उसे सुन कर हर कोई सन्न रह गया. ये क़त्ल की एक अजीब वारदात थी.
क़त्ल के इस मामले में पुलिस की जांच सीसीटीवी फुटेज और मोबाइल फ़ोन की स्कैनिंग पर ही टिकी थी. फुटेज में भी सारा ध्यान बाइक पर ही था, क्योंकि क़ातिलों ने जिस तरह के कपड़े पहन रखे थे, उसे देखते हुए तो क़ातिलों को पहचान पाना किसी के लिए भी आसान नहीं था. हालांकि पुलिस को ये लग रहा था कि ऐसी अजीबोग़रीब लिबास से ही इनके बारे में और जानकारी जुटाई जा सकती है.
अब पुलिस ने तरनतारन और आस-पास के इलाक़े में तमाम सीसीटीवी कैमरों के फुटेज खंगालनी शुरू कर दी. सौ से ज़्यादा सीसीटीवी कैमरों की स्कैनिंग की गई. और जिस इलाक़े में क़त्ल की वारदात हुई, उसके आस-पास के इलाक़ों के मोबाइल नंबरों का डाटा भी कलेक्ट किया गया. इस कोशिश में जल्द ही पुलिस को दो कामयाबी मिली. सीसीटीवी कैमरे से बाइक का नंबर पता चल गया और दूसरा कुछ संदिग्ध नंबर भी हाथ लगे.
बाइक पड़ोसी शहर गुरुदासपुर में रजिस्टर्ड थी और चुराई गई थी. छानबीन में ये भी पता चला कि जिन लोगों ने ये बाइक चुराई है, उन्हीं लोगों ने गुरुदासपुर से चंद रोज़ पहले एक नाबालिग लड़की को अगवा भी किया था. दोनों फिलहाल फ़रार चल रहे थे. दोनों की तलाश में पूरा ज़ोर लगा रहे पुलिस ने जब तरनतारन से लेकर नेशनल हाई-वे तक के टोल प्लाज़ा और चेक नाकों की सीसीटीवी फुटेज खंगालनी शुरू की तो पता चला कि बाइक वाले क़ातिल क़त्ल की वारदात को अंजाम देने के बाद तरनतारन से हाई-वे पकड़ कर सीधे करीब 140 किलोमीटर दूर लुधियाना चले गए थे.
दोनों का चेहरा बेशक अब भी पोशीदा था, लेकिन उनकी पहचान साफ़ हो चुकी थी. एक था गुरजीत सिंह बाह और दूसरा सुखजीत सिंह भूरा. दोनों गुरदासपुर के लोकल क्रिमिनल थे. लेकिन फुटेज बता रही थी कि क़त्ल के बाद वो गुरुदासपुर नहीं, बल्कि लुधियाना भाग गए थे. तरनतारन पुलिस की टीमें दोनों का पीछा करती हुई लुधियाना भी पहुंची, लेकिन पुलिस के पहुंचने से पहले ही दोनों लुधियाना के अपने ठिकाने से फ़रार हो गए थे. अब दोनों के मोबाइल नंबरों की जांच की गई, तो पता चला कि क़त्ल से पहले दोनों की फिरोज़पुर जेल में बंद एक गैंगस्टर सुखराज सिंह सुक्खा और पंजाब के ही एक दूसरे बड़े गैंगस्टर सुख भिखारीवाल से लगातार बात हो रही थी.
सुख भिखारीवाल तो ख़ैर पुलिस की पकड़ से बाहर था, लेकिन पुलिस ने फिरोजपुर जेल में बंद सुक्खा से दोनों के बारे में पूछताछ करने में कोई देरी नहीं की. सुक्खा को फ़ौरन प्रोडक्शन वारंट पर लेकर सख्ती से पूछताछ की गई. अब सुक्खा जैसे-जैसे मुंह खोलता गया, क़त्ल की चौंकाने वाली और अजीब कहानी सामने आने लगी. पुलिस को पता चला कि गुरजीत सिंह बाह और सुखजीत सिंह भूरा नाम के इन दोनों शूटरों ने ये क़त्ल गैंगस्टर सुख भिखारीवाल के ईशारे पर ही किया था. कहने का मतलब ये कि कॉमरेड बलविंदर सिंह के क़त्ल की सुपारी सुख भिखारीवाल ने दी थी. बल्कि भिखारीवाल ने ये क़त्ल करवाने से पहले लुधियाना के ही एक गुप्त ठिकाने पर दोनों को जमकर शूटिंग की प्रैक्टिस भी करवाई, ताकि क़त्ल के वक़्त निशाना चूक ना जाए.
इसके बाद दोनों तरनतारन पहुंचे. बलविंदर सिंह के घर की रेकी की. पता किया कि बलविंदर अक्सर सुबह पहले उठ जाते हैं और घर के दरवाज़े से अखबार उठा कर बरामदे में बैठ कर पढ़ते हैं. क़ातिलों को बस एक मौके की तलाश थी और 16 अक्टूबर को वो मौका मिल ही गया. फिलहाल पुलिस के साथ दोनों शूटर और मुख्य साज़िशकर्ता गैंगस्टर सुख भिखारीवाल तक नहीं पहुंचे हैं, लेकिन उसने इस क़त्ल में मदद करने के जुर्म में अब तक 11 लोगों को दबोच लिया है. मगर, अब तक की छानबीन में इस क़त्ल के पीछे की जो वजह सामने आई, वैसी वजह अब तक क़त्ल के किसी भी मामले में कभी किसी ने नहीं सुनी होगी.
गुरदासपुर के लोकल क्रिमिनल गुरजीत सिंह बाह और सुखजीत सिंह भूरा में गहरी यारी थी. कुछ रोज़ पहले दोनों ने मिल कर गुरदासपुर से ही एक नाबालिग लड़की को अगवा कर लिया था. बताते हैं कि दोनों में से एक इस लड़की से इकतरफा प्यार करता है. लेकिन दिक्कत ये थी लड़की के अगवा होते ही पुलिस दोनों के पीछे पड़ गई. ऐसे में उनका लड़की के साथ छुपना मुश्किल होने लगा. तब दोनों ने फिरोजपुर जेल में बंद एक गैंगस्टर सुखराज सिंह सुक्खा से बात की. कमाल देखिए कि गैंगस्टर सुक्खा जेल में होते हुए भी आराम से फ़ोन पर बात कर रहा था. सब कुछ लाइन अप कर रहा था.
उसी ने दोनों को अपने साथी और बड़े गैंगस्टर सुख भिखारीवाल के पास भेजा. भिखारीवाल ने प्रेमी जोड़े को सर छुपाने की जगह देने का वादा किया. लेकिन बदले में एक काम करने की शर्त रखी. और ये शर्त थी शौर्य चक्र विजेता बलविंदर सिंह के क़त्ल की. दोनों राज़ी हो गए. तैयारी के साथ तरनतारन पहुंचे और दोनों बलविंदर की जान भी ले ली. कुल मिलाकर, जिन बलविंदर का ना तो शूटरों से कोई लेना-देना था और ना ही उनकी गर्लफ्रेंड से, उन शौर्य चक्र विजेता बलविंर की जान क़ातिलों ने एक बड़े गैंगस्टर के ईशारे पर ले ली.
अब सवाल ये है कि सुख भिखारीवाल ने बलविंदर सिंह की सुपारी क्यों दी? बलविंदर से गैंगस्टर भिखारीवाल की क्या दुश्मनी थी? फिलहाल, पुलिस ने इस सिलसिले में 11 लोगों को क़ातिलों का मदद करने के इल्ज़ाम में पकड़ा है. लेकिन सितम देखिए कि ना तो दोनों शूटर हाथ लगे हैं और ना ही मुख्य साज़िशकर्ता गैंगस्टर सुख भिखारीवाल. ऐसे में भिखारीवाल ने ये क़त्ल क्यों और किसके ईशारे पर करवाया, ये अब भी एक राज़ ही है. लेकिन ये भी एक सच है कि एक गर्लफ्रेंड की प्रोटेक्शन की ख़ातिर दो शूटरों ने ताबड़तोड़ गोली चला कर एक शख्स की जान ले ली.