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गहरा गड्ढा, टुकड़ों में दफ्न लाश और ब्यूटीशियन की मर्डर मिस्ट्री... दो हफ्ते बाद भी पुलिस को नहीं पता कत्ल का मोटिव

Anita Murder Case: ये वो मर्डर केस है, जिसमें लाश पुलिस के पास है, क़ातिल भी पुलिस के पास, लेकिन क़त्ल की कहानी किसी के पास नहीं है. हर जुर्म हर क़त्ल का मकसद होता है. अनिता के क़त्ल के पीछे का मकसद क्या है, अनिता के क़ातिल को पकड़ने के हफ्ते भर बाद भी अनिता के घर वाले या जानने वाले छोड़िए खुद पुलिस अंजान है.

अनीता के कत्ल का मकसद अभी तक एक राज बना हुआ है अनीता के कत्ल का मकसद अभी तक एक राज बना हुआ है
aajtak.in
  • जोधपुर,
  • 13 नवंबर 2024,
  • अपडेटेड 6:21 PM IST

Beautician Anita Murder Case: हर कत्ल के पीछे कातिल का एक मकसद होता है. और वही मकसद उस कत्ल की वजह बन जाता है. जो कहानी हम आपको बताने जा रहे हैं, उसमें कत्ल तो है, लाश भी है और कातिल भी. बस कुछ नहीं है तो वो मकसद जो हर कत्ल की वजह होता है. जोधपुर में ब्यूटीपार्लर की मालकिन का कत्ल होता है. उस कत्ल की वारदात को दो हफ्ते बीत चुके हैं. लेकिन जोधपुर पुलिस अब तक यह नहीं बता सकी है कि आखिर इस कत्ल का मकसद क्या था?

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क्या है अनीता के कत्ल का मकसद?
एक गड्ढा. गड्ढे से निकले लाश के टुकड़े. लाश बनने से पहले वो अनिता थी. और अनीता को लाश बनाने वाला गुलामुद्दीन है. कुल मिलाकर इस कहानी में सबकुछ है सिवाय कहानी के क्लाईमेक्स के. ये वो मर्डर केस है, जिसमें लाश पुलिस के पास है, क़ातिल भी पुलिस के पास, लेकिन कत्ल की कहानी किसी के पास नहीं है. हर जुर्म हर क़त्ल का मकसद होता है. अनिता के क़त्ल के पीछे का मकसद क्या है, अनिता के क़ातिल को पकड़ने के हफ्ते भर बाद भी अनिता के घर वाले या जानने वाले छोड़िए खुद पुलिस अंजान है. 

हर कोई जानना चाहता है असली कहानी
क्या अनीता के कत्ल के पीछे का मकसद कुछ ऐसा है जो पुलिस सार्वजनिक करना नहीं चाहती, बताना नहीं चाहती और क्या इसकी वजह ये भी है कि अनीता के घर वाले अंतिम संस्कार छोड़िए सच्चाई का खुलासा होने तक पोस्टमार्टम तक कराने को राज़ी नहीं हैं. वजह चाहे जो भी हो लेकिन अनीता के कत्ल की वजह जोधपुर में हर कोई जानना चाहता है.

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गुम है कहानी का क्लाइमेक्स
गुलामुद्दीन पर अनीता के कत्ल का इल्जाम है. कत्ल के बाद 12 दिनों तक वो पुलिस को चकमा दे कर फरार रहा. लेकिन अब उसे पुलिस की गिरफ्त में आए भी पांच दिन हो चुके हैं. फिर भी असली कहानी बाहर नहीं आ रही. इस कहानी का क्लाइमेक्स क्या है? वो तो फिलहाल कोई बता नहीं रहा. मगर इस कहानी की शुरुआत कुछ यूं हुई थी.

राजस्थान के खूबसूरत शहरों में से एक है जोधपुर, जो कि सन-सिटी और ब्लू-सिटी के नाम से भी दुनिया भर में जाना जाता है. दूर-दूर से सैलानी इस शहर को देखने आते हैं. लेकिन इसी खूबसूरत शहर का एक बदसूरत चेहरा एक गड्ढे की शक्ल में शहर के सामने आया है. जोधपुर का एक मोहल्ला है, गंगाणा. इसी मोहल्ले में एक घर है. इस घर के मालिक का नाम है गुलामुद्दीन. 23 अक्टूबर को गुलामुद्दीन ने अचानक जेसीबी मशीन बुलवा कर ठीक अपने घर के बाहर यहां पर एक गड्ढा खुदवाया. दस फीट गहरा गड्ढा. पूरे मोहल्ले ने जेसीबी मशीन भी देखी और खुदते हुए इस गड्ढे को भी देखा. किसी को ये नहीं पता था कि अचानक गुलामुद्दीन ठीक अपने घर के बाहर इतना गहरा गड्ढा क्यों खुदवा रहा है. 

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इधर, गड्ढा खुदता है, उधर गड्ढा खुदने के ठीक तीन दिन बाद इसी जोधपुर शहर की 50 साल की एक महिला अनीता चौधरी अचानक गायब हो जाती है. वो जोधपुर में एक ब्यूटी पार्लर चलाती थी. 26 अक्टूबर को वो ब्यूटी पार्लर आती है और उसके बाद गायब हो जाती है. गड्ढा खुदे हुए अब आठ दिन हो चुके थे. इन आठ दिनों में गड्ढे को भर भी दिया गया था. उधर, अनीता चौधरी को गायब हुए पांच दिन हो चुके थे. अब भी अनीता का कोई सुराग नहीं मिला था. पुलिस की तफ्तीश जारी थी. 

गड्ढा खुदने और भरने के ठीक आठ दिन बाद 31 अक्टूबर की रात जोधपुर पुलिस की एक टीम गुलामुद्दीन के घर के बाहर पहुंचती है. इस बार पुलिस वाले भी अपने साथ जेसीबी मशीन लेकर पहुंचे थे. आठ दिन पहले खुदा गड्ढा और फिर भरा जा चुका गड्ढा अब पुलिस वाले अपनी निगरानी में फिर से खोदना शुरू करते हैं. एक बार फिर से दस फीट गहरे गड्ढे की गहराई नापी जाती है और फिर ठीक दस फीट नीचे से अनीता बाहर निकल आती है. जाहिर है मुर्दा. हाल के वक़्त में देश में कत्ल और कत्ल के बाद लाशों को छुपाने और ठिकाने लगाने के जो ट्रेंड सामने आ रहे हैं, उससे जोधपुर की ये कहानी बिल्कुल जुदा है. 

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यहां कातिल कत्ल करने से पहले ही लाश को ठिकाने लगाने का इंतजाम कर लेता है. कत्ल करने से तीन दिन पहले ही गड्ढे की शक्ल में एक कब्र खोदी जाती है और जब सारी तैयारी पूरी हो जाती है, तब कातिल कत्ल करता है और फिर तीन दिन पहले खोदे गए गड्ढे में लाश को दफ्ना देता है. 

आईए अब शुरू से पूरी कहानी शुरू करते हैं. जोधपुर में मौजूद अग्रवाल टावर के अंदर सनशाइन ब्यूटी पार्लर है. ये ब्यूटी पार्लर अनीता चौधरी चलाती हैं. 50 साल की अनीता शादीशुदा हैं और उनका एक बेटा है. 26 अक्टूबर की सुबह अनीता रोजाना की तरह घर से ब्यूटी पार्लर पहुंचती है और फिर कुछ देर बाद ही वहां से निकल जाती है. 

काफी देर तक जब वो ब्यूटी पार्लर नहीं लौटती, तो उनकी एक महिला स्टाफ उन्हें फोन करती है. फोन बंद था. बाद में वो अनीता के पति को फोन करती है. उसके पति को जैसे ही ये बात पता चलती है, वो उसे हर तरफ ढूंढना शुरू कर देते हैं. उसका मोबाइल लगातार बंद आ रहा था. उसकी तलाश में 26 अक्टूबर का पूरा दिन और पूरी रात बीत जाती है. पर वो नहीं मिलती है. आखिरकार 27 अक्टूबर को उसके पति पुलिस में अनीता की गुमशुदगी की रिपोर्ट लिखा देते हैं. अब पुलिस तलाश में जुट जाती है. चार दिन बीत जाते हैं, उसका कोई सुराग नहीं मिलता. इसी बीच अनीता के पति के पास उसकी सहेली सुमन का फोन आता है. 

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सुमन अपनी सहेली अनीता के पति मनमोहन से कहती है कि उसे शक है कि उसको तैय्यब अंसारी नाम के एक प्रॉपर्टी डीलर ने किडनैप कर लिया है. सुमन मनमोहन से ये भी कहती है कि अनीता के पास कुछ ऐसा जरूर था, जो तैय्यब अंसारी की इमेज को नुकसान पहुंचा सकता था. तैय्यब पाली का रहने वाला है और अलग-अलग राजनीतिक पार्टियों में भी उसकी अच्छी खासी दखल है. सुमन के साथ इस बातचीत को उसके कहने पर ही मनमोहन ने रिकॉर्ड कर लिया और फिर इसे पुलिस को भी दिया. इस ऑडियो रिकॉर्डिंग के मिलने के बाद स्थानीय पुलिस ने तैय्यब अंसारी से भी संपर्क किया. लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ. 

अनीता का कोई सुराग नहीं मिला, लेकिन तफ्तीश जारी थी. इसी तफ्तीश के दौरान पुलिस को एक सीसीटीवी कैमरा जरूर मिलता है. जो अनीता के ब्यूटी पार्लर के बाहर की सड़क किनारे लगा था. इस कैमरे में अनीता दिखाई देती है. 26 अक्टूबर की दोपहर को पीला सूट पहने अनीता एक ऑटो में बैठती नजर आती है. तस्वीर देख कर साफ लगता है कि वो बगैर किसी दबाव के अपनी मर्जी से ऑटो में बैठ रही है. अब इसी सीसीटीवी के सहारे पुलिस उस ऑटो वाले की तलाश में जुट जाती है. आखिरकार ऑटो वाला मिल जाता है. उससे पूछताछ होती है. वो बताता है कि उसने 26 अक्टूबर की दोपहर अनीता को गंगाणा में ड्रॉप किया था. 

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अब पुलिस के सामने सवाल ये था कि गंगाणा में अनीता का कौन जानकार रहता है? अनीता के पति और रिश्तेदारों से पूछताछ हुई, तो एक नई कहानी सामने आई. जिस जगह अनीता का ब्यूटी पार्लर है, ठीक उसके सामने एक ड्राई क्लीन की दुकान है. स्टार ड्राई क्लीनर और इसका मालिक गुलामुद्दीन गंगाणा में रहा करता था. चूंकि अनीता और गुलामुद्दीन की दुकानें आमने-सामने थी, लिहाजा वर्षों से दोनों एक दूसरे को जानते थे. ये जानकारी मिलते ही अब जोधपुर पुलिस की एक टीम सीधे गंगाणा में गुलामुद्दीन के घर पहुंचती है. जब जोधपुर पुलिस गुलामुद्दीन के घर पहुंची तो पता चला कि वो पिछले दो दिनों से घर पर नहीं है. 

अब तक पुलिस की एक टीम गुलामुद्दीन की भी लोकेशन को ढूंढने में लगी थी. इसी दौरान एक सीसीटीवी कैमरे में गुलामुद्दीन भी नजर आता है. 29 अक्टूबर को गुलामुद्दीन एक्टिवा स्कूटी पर बैठा जोधपुर रेलवे स्टेशन की तरफ जाता दिखाई देता है. गुलामुद्दीन का यूं अचानक गायब हो जाना पुलिस को शक में डाल देता है. इसी के बाद अब पुलिस गुलामुद्दीन की बीवी आबिदा से पूछताछ शुरू करती है. थोड़ी देर तक इधर-उधर घुमाने के बाद आखिरकार अब आबिदा सच बोलना शुरू करती है और उसका पहला सच ये था कि 8 दिन पहले उसके घर के ठीक बाहर दस फीट गहरा जो गड्ढा खोदा गया और फिर उसे भरा गया था. 

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अब पुलिस वाले फिर से उस गड्ढे को खोदते हैं. 21 अक्टूबर की रात वो आबिदा ही थी, जिसने पुलिस वालों को जेसीबी मशीन मंगा कर अपने ही घर के बाहर बने इस गड्ढे को दोबारा खुदवाया था. आबिदा के कहने पर ही इसी गड्ढे से अनीता बाहर आई थी. छह टुकड़ों में. इस वक़्त ये जो गाड़ी में आप पॉलीथिन के बैग देख रहे हैं, इन्हीं अलग-अलग बैगों में अनीता टुकड़ों में सिमटी हुई है. आबिदा अनीता का सच अब उगल चुकी थी. छह टुकड़ों में बंटी अनीता की लाश पुलिस के कब्जे में थी. कपड़ों से अनीता के पति ने लाश की शिनाख्त भी कर ली थी. लेकिन आबिदा का शौहर गुलामुद्दीन अब भी पुलिस की गिरफ्त से दूर था. 

जब जोधपुर पुलिस गुलामुद्दीन के घर पहुंची तो पता चला कि वो पिछले दो दिनों से घर पर है ही नहीं. अब तक पुलिस की एक टीम गुलामुद्दीन की भी लोकेशन को ढूंढने में लगी थी. इसी दौरान एक सीसीटीवी कैमरे में गुलामुद्दीन भी नजर आता है. 29 अक्टूबर को गुलामुद्दीन एक्टिवा स्कूटी पर बैठा जोधपुर रेलवे स्टेशन की तरफ जाता दिखाई देता है. गुलामुद्दीन का यूं अचानक गायब हो जाना पुलिस को शक में डाल देता है. इसी के बाद अब पुलिस गुलामुद्दीन की बीवी आबिदा से पूछताछ शुरू करती है. थोड़ी देर तक इधर-उधर घुमाने के बाद आखिरकार अब आबिदा सच बोलना शुरू करती है और उसका पहला सच ये था कि 8 दिन पहले उसके घर के ठीक बाहर दस फीट गहरा जो गड्ढा खोदा गया और फिर उसे भरा गया, अब पुलिस वाले फिर से उस गड्ढे को खोदे. 

26 अक्टूबर की दोपहर ऑटो में बैठ कर अनीता गंगाणा में गुलामुद्दीन के घर ही गई थी. दरअसल, गुलामुद्दीन ने उसे अपने घर बुलाया था. घर पहुंचने के बाद गुलामुद्दीन और आबिदा ने अनीता को शर्बत में बेहोशी की दवा मिला कर पिला दी. जब अनीता बेहोश हो गई, तो गुलामुद्दीन ने चाकू से उसकी हत्या कर दी. हत्या करने के बाद उसने लाश के छह टुकड़े किए. फिर सारे टुकड़ों को उसने बड़े बड़े पॉलीथिन के बैग में पैक कर दिया. इसके बाद दोनों मियां बीवी रात होने का इंतजार करने लगे.

गुलामुद्दीन पहले से ही प्लास्टिक की थैलियां और बहुत सारा इत्र खरीद कर ला चुका था. प्लान के तहत ठीक घर के सामने बाकायदा जेसीबी मशीन बुला कर गड्ढा भी खुदवा चुका था. जैसे ही रात काली होनी शुरू होती है, दोनों मियां बीवी एक-एक कर लाश के छह टुकड़ों को पॉलिथीन समेत इसी गड्ढे में डाल देते हैं. लाश के टुकड़े डालने के बाद इत्र की दर्जनों शीशियां भी ढक्कन खोल कर पॉलिथीन के चारों तरफ रख देते हैं. फिर रात के अंधेरे में ही दोनों दस फीट गहरे गड्ढे को बराबर कर देते हैं. हैरानी की बात ये कि आस-पास में कई घर हैं, लेकिन किसी को भी इस बात की भनक नहीं लगी.

अब पुलिस के सामने सवाल ये था कि आखिर अनीता का क़त्ल हुआ क्यों? जबकि तफ्तीश के मुताबिक अनीता और गुलामुद्दीन करीब बीस साल से एक दूसरे को जानते थे. आमने सामने दुकान होने की वजह से इनकी रोजाना की मुलाकात थी. पर दोनों का काम जुदा था. अनीता ब्यूटी पार्लर चलाती थी, जबकि गुलामुद्दीन की ड्राई क्लीन की दुकान थी. यानी आपस में दोनों का कोई पेशेवर कॉम्पिटिशन भी नहीं था. तो फिर कत्ल की वजह क्या थी? तो पुलिस की मानें तो अनीता का कत्ल लालच की वजह से हुआ.

दरअसल, अनीता को सोने के गहने पहनने का शौक था. वो ब्यूटी पार्लर भी आती तो अक्सर बहुत सारे गहने पहने होती. इधर, गुलामुद्दीन जो जुए की लत लग चुकी थी और इसी जुए के चक्कर में उसके सर 12 लाख रुपये का कर्ज चढ़ चुका था. कर्ज उतारने का जब उसे कोई रास्ता नहीं सूझा, तो अचानक उसे ये ख्याल आया कि अगर अनीता के सोने के जेवर को लूट लिया जाए, तो उससे लाखों रुपये मिल जाएंगे. बस इसी के बाद गुलामुद्दीन ने अपनी पत्नी आबिदा को भी इस साजिश में अपने साथ शामिल कर लिया था.

(जोधपुर से अशोक शर्मा का इनपुट)

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