
सलमान खान के घर के बाहर हुई गोलीबारी मामले में मकोका एक्ट लगने के बाद चार गिरफ्तार आरोपियों को सोमवार को मुंबई सेशन कोर्ट में पेश किया गया. मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच के अधिकारियों ने चार आरोपियों में से तीन की पुलिस हिरासत की मांग की, जिसके कोर्ट ने तीनों को आठ मई तक के लिए भेज दिया. चौथा आरोपी सोनू कुमार सुभाष चंद्र बिश्नोई अस्वस्थ है, इसलिए पुलिस ने उसकी हिरासत की मांग नहीं की है.
मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच के अधिकारियों ने विशेष न्यायाधीश एएम पाटिल के सामने कहा कि इस मामले में मुख्य आरोपी लॉरेंस बिश्नोई और अनमोल बिश्नोई को अभी तक गिरफ्तार नहीं किया गया है. लॉरेंस गुजरात की साबरमती जेल में बंद है. वहां से उसकी हिरासत लेने की प्रक्रिया की जा रही है. 14 अप्रैल की सुबह सलमान खान के बांद्रा स्थित गैलेक्सी अपार्टमेंट के बाहर हुई गोलीबारी की जिम्मेदारी अनमोल बिश्नोई ने ली थी.
पुलिस ने कोर्ट को ये भी बताया कि अनमोल बिश्नोई देश से बाहर है. उसे भी देश में वापस लाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. आरोपी विक्की गुप्ता (24), सागर पाल (21), सोनू कुमार सुभाष चंद्र बिश्नोई और अनुज थापन (32) बिश्नोई गैंग के लिए काम कर रहे थे. इस गैंग के सरगना कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के खिलाफ करीब 98 केस दर्ज हैं, जिसमें हत्या, हत्या के प्रयास, अपहरण, रंगदारी सहित कई गंभीर मामले हैं.
आरोपी विक्की गुप्ता और सागर पाल की ओर से पेश वकील अमित मिश्रा ने दलील दी कि अपराध में इस्तेमाल किए गए देशी हथियार की घातक तीव्रता बहुत कम है. उन्होंने सलमान खान के घर के बाहर पांच राउंड फायर किए थे, जिनमें तीन मिस हो गए, दो बालकनी की दीवार पर लगे थे. वकील ने कोर्ट में ये भी कहा कि उनके दोनों मुवक्किलों को कुछ भी नहीं पता था कि वे क्या कर रहे हैं और उनकी हरकत का नतीजा क्या होगा.
इस केस में सलमान खान के सिक्योरिटी गार्ड के बयान के आधार पर मुंबई पुलिस ने आईपीसी की धारा 307 (जान से मारने की कोशिश) और आर्म्स एक्ट के तहत मामला दर्ज किया है. लेकिन बाद में एफआईआर में तीन नई धाराएं जोड़ी गई, जिनमें आईपीसी की धारा 506(2) (धमकी देना), 115 (उकसाना) और 201 (सबूत नष्ट करना) शामिल है. इसके बाद पुलिस ने इस केस में मकोका एक्ट भी लगा दिया, जिससे केस मजबूत हो चुका है.
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जानिए क्या है मकोका एक्ट?
महाराष्ट्र सरकार ने साल 1999 में मकोका एक्ट बनाया था. इसे महाराष्ट्र कंट्रोल ऑफ ऑर्गेनाइज्ड क्राइम एक्ट कहा जाता है. इसका उद्देश्य संगठित और अंडरवर्ल्ड अपराध को खत्म करना है. महाराष्ट्र और दिल्ली में यह कानून लागू है. मकोका की सबसे बड़ी खासियत ये है कि यदि किसी के खिलाफ इसके तहत कार्रवाई हो रही होती है, तो जांच पूरी होने तक उसे जमानत नहीं मिल सकती. मकोका के तर्ज पर उत्तर प्रदेश में यूपीकोका बनाया गया है.
लॉरेंस बिश्नोई की क्राइम कुंडली
लॉरेंस बिश्नोई पर 50 से ज्यादा आपराधिक मामले हैं. इनमें कत्ल से लेकर, कत्ल की कोशिश, रंगदारी, फिरौती, लूटपाट और दूसरे जुर्म के मामले शामिल हैं. साल 2014 में लॉरेंस को पहली बार जेल भेजा गया. उसे राजस्थान पुलिस ने एक एनकाउंटर के बाद गिरफ्तार किया था. इसके बाद वो भरतपुर जेल में रहा. फिर पेशी के दौरान मोहाली से फरार हो गया. साल 2021 में मकोका के तहत दर्ज एक मामले में लॉरेंस को तिहाड़ जेल में ट्रांसफर दिया गया था. इससे पहले वो पंजाब की बठिंडा जेल में बंद था. साल 2022 में ही पंजाब पुलिस ने उसे सिद्धू मूसेवाला मर्डर केस में गिरफ्तार किया था.
साबरमती जेल में बंद है लॉरेंस
इसके बाद वो एक बार फिर से बठिंडा जेल पहुंच गया. उसे सुरक्षा के लिहाज से साल 2023 में पहले दिल्ली में तिहाड़ जेल की शाखा मंडोली में लाया गया. फिर साल 2023 में उसे गुजरात एटीएस ने एक ड्रग्स केस के सिलसिले में गिरफ्तार किया और अपने साथ तिहाड़ से गुजरात ले गई, जिसके बाद से वो साबरमती जेल में ही बंद है. अब मुंबई में सलमान के घर हुई फायरिंग में लॉरेंस का नाम आया है. ऐसे में अब एक बार फिर लॉरेंस की जेल बदलने की आशंका पैदा हो गई है. लेकिन केंद्र सरकार द्वारा लगाई गई धारा 268 (1) की वजह से कम से कम एक साल तो ऐसा संभव होता नहीं दिख रहा है.