Advertisement

23 दिन... सैकड़ों सवाल लेकिन जांच अधूरी, श्रद्धा मर्डर मिस्ट्री में अबतक पुलिस के हाथ खाली!

दिल्ली पुलिस अभी तक श्रद्धा वॉल्कर मर्डर मिस्ट्री सुलझा नहीं पाई है. आफताब को गिरफ्तार हुए 23 दिन बीत चुके हैं, लेकिन पुलिस खाली हाथ है. इन 23 दिनों में पुलिस की कई टीमें विभिन्न लोकेशनों पर जांच के लिए गईं. कई दिन तक पॉलीग्राफ टेस्ट हुए. नार्को टेस्ट हुआ. इसके बाद भी पुलिस को कोई ठोस सबूत हाथ नहीं लगा है.

श्रद्धा मर्डर केस में पुलिस अभी तक खाली हाथ है श्रद्धा मर्डर केस में पुलिस अभी तक खाली हाथ है
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 04 दिसंबर 2022,
  • अपडेटेड 3:53 PM IST

दिल्ली के श्रद्धा वॉल्कर मर्डर केस की जांच जारी है. पुलिस मर्डर मिस्ट्री सुलझाने के लिए तमाम कोशिशें कर रही है. लेकिन अभी तक जांच अधूरी है. आफताब अमीन पूनावाला की गिरफ्तारी के 23 दिन बीत चुके हैं. लेकिन अभी तक पुलिस इस केस में किसी मुकम्मल दिशा की तरफ नहीं बढ़ पाई है. लिहाजा दिल्ली पुलिस अभी तक पुलिस ठोस सबूतों के लिए भी हाथ पैर मार रही है. इससे साफ है कि इस बार उसका पाला सही मायने में एक बेहद शातिर मुजरिम से पड़ा है. जो जुर्म को अंजाम देने से पहले ही पुलिस के खिलाफ हर अचूक चाल चल चुका है. 

Advertisement

18 मई 2022 को दिल्ली के छतरपुर इलाके में देश की सबसे बडी मर्डर मिस्ट्री की शुरुआत हुई थी. जब शातिर आफताब ने उस पर भरोसा करने वाली श्रद्धा का कत्ल करने के बाद ऐसी हैवानियत की कि सुनकर हर किसी का कलेजा कांप गया. इस हैवानियत के कुछ महीनों तक आरोपी आजाद रहा और आखिर पिछले महीने की 12 तारीख को पुलिस के शिकंजे में आया. वो भी तब, जब श्रद्धा के परिवार ने मुंबई के थाने में उसकी गुमशुदगी दर्ज कराई और आफताब पर शक जताया. इसके बाद उसको गिरफ्तार किया गया

पुलिस के हाथ कमोबेश खाली
 

इन 23 दिन में पुलिस की कई टीमें कई लोकेशनों पर जांच के लिए गईं. कई दिन तक पॉलीग्राफ टेस्ट हुए. इतना ही नहीं, दो बार नार्को टेस्ट हुए. इस सबके बाद आज 4 दिसम्बर को पुलिस के हाथ कमोबेश खाली हैं. पहले पॉलीग्राफ टेस्ट से उम्मीद जताई गई थी, सवालों के दौरान उसके शरीर  की हर हलचल पर नजर रखी गई. नतीजा कमोबेश सिफर रहा. इसके बाद कहा गया कि नार्को में ये शातिर सब कुछ उगल देगा. लेकिन अब तक नार्को को लेकर जो रिपोर्ट सामने आ रही है, उसको देखते हुए भी साफ लग रहा है कि मामला उतना सीधा सपाट नहीं है.

Advertisement

अभी तक बड़ी बरामदगी नहीं की पुलिस ने
 

नार्को के बाद शातिर आफताब से मिली जानकारी के आधार पर पुलिस कोई भी ऐसी बड़ी बरामदगी नहीं कर पाई, जिससे मामले को अहम लीड मिले. कुल मिलाकर शतरंज का शौकीन ये शातिर श्रद्धा के कत्ल से पहले ही ऐसी चालें चल चुका है, जिससे पुलिस अब सबूतों के लिए भटक रही है.


शातिर की पहली चाल
 

शातिर आफताब ने पहली चाल ये चली कि कत्ल के बाद सारे सबूत मिटा दिए. एक के बाद एक उसने हर वो कड़ी मिटाकर रख दी जो उस पर शिकंजा कस सकती थी. दिल्ली पुलिस को अब तक वो हथियार भी नहीं मिला है जिससे कत्ल किया गया था. आफताब ने सटीक जानकारी नहीं दी कि उसने आला ए कत्ल कहां छुपाया. श्रद्धा के मोबाइल से भी पुलिस काफी सबूत जुटा सकती थी, लेकिन अब तक ये नहीं मिला है. माना जा रहा है कि आफताब ने ये मोबाइल मुंबई के समंदर में फेंक दिया था. अगर ये सही है तो पुलिस कभी भी ये मोबाइल बरामद नहीं कर पाएगी और कई सबूत जुटाने का मौका खो बैठेगी.

कत्ल के वक्त पहने कपड़े भी आफताब एमसीडी के कूड़ा ढोने वाले ट्रक में फेंककर मिटा चुका है. इसके अलावा अब तक श्रद्धा का सिर भी बरामद नहीं हुआ है. कुल मिलाकर सारे अहम सबूत आफताब पहले ही मिटा चुका है. नार्को और पॉलीग्राफ के बाद भी पुलिस कुछ भी ठोस सबूत बरामद नहीं कर पाई है.

Advertisement

शातिर की दूसरी चाल
 

आफताब के मामले में ये देखकर पुलिस भी हैरत में थी कि वो हर जांच, हर टेस्ट के लिए बेहिचक तैयार था. ये जानते हुए भी कि ये टेस्ट उससे कुछ उगलवा सकते हैं. अगर वो नार्कों के लिए इनकार करता, तो पुलिस का शक उस पर गहरा जाता. जज ने आफताब से कहा भी था कि वो चाहे तो नार्को के लिए इनकार कर सकता है, लेकिन आफताब ने कहा कि वो नार्को का सामना करने के लिए तैयार है. इस चाल से भी पुलिस का हौसला कहीं ना कहीं डगमगाया. क्योंकि आफताब जानता था कि नार्को में उसकी जुबान से चाहे जो सच निकले, लेकिन कोर्ट में उसकी अहमियत कम है.

शातिर की तीसरी चाल
 

आफताब इतना शातिर था कि उसे अच्छी तरह पता था कि जब उसकी गिरफ्तारी होगी तो उसके खिलाफ सबसे मजबूत सबूत कत्ल वाली जगह यानी फ्लैट से मिलेंगे और यहीं पर उसने सबूतों का खात्मा करने में सबसे ज्यादा मेहनत की. उसने इंटरनेट और गूगल के जरिये हर वो तरीका तलाशा, जिससे खून के धब्बे और दूसरे सबूतों को पूरी तरह मिटाया जा सके. यही वजह है कि पुलिस को इस फ्लैट से कुछ खास नहीं मिला. फर्श पर खून के हल्के धब्बे जुटाने के लिए भी पुलिस को आधुनिकतम तकनीकों का सहारा लेना पड़ा. श्रद्धा के पिता और भाई के डीएनए सैंपलों से अब इन धब्बों का मिलान किया जा रहा है.

Advertisement

आफताब से 2 दौर में 10 दिन तक पूछताछ


पुलिस ने अब तक आफताब से 2 दौर में 10 दिन तक पूछताछ की है, लेकिन पुलिस खाली हाथ दिख रही है, तो इसकी बड़ी वजह आफताब का शातिर दिमाग है. दिल्ली पुलिस के दर्जनों तेज तर्रार अफसर रात दिन सबूतों की तलाश कर रहे हैं और शातिर आफताब तिहाड़ में शतरंज में खोया है. वह नई-नई चालें चल रहा है.

बेहिचक अंदाज में नार्को और पॉलीग्राफ का सामना

आफताब ने जिस बेहिचक अंदाज के साथ नार्को और पॉलीग्राफ टेस्ट का सामना किया है उससे भी पुलिस हैरत में है. मई में कत्ल के बाद नवम्बर तक वो तीन बार दिल्ली और मुंबई पुलिस के सामने पेश हुआ और पुलिस को उस पर रत्ती भर भी शक नहीं हुआ. आफताब का यही आत्मविश्वास उसके लिए हथियार बन गया है.

ये भी देखें 

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement