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बेटे ने मैरिज एनिवर्सरी पर ही मां-बाप को क्यों मारा... दंग कर देगी दिल्ली ट्रिपल मर्डर की वजह!

दिल्ली के नेब सराय के देवली गांव में हुए ट्रिपल मर्डर केस में आरोपी की गिरफ्तारी हो चुकी है. आरोपी कोई और नहीं बल्कि परिवार का बेटा ही है, जिसने अपने मां-बाप और बहन को मौत के घाट उतार दिया. पुलिस को मर्डर का मोटिव भी पता चल चुका है. लेकिन एक सवाल अभी सबके जेहन में कौंध रहा है.

दिल्ली के नेब सराय के देवली गांव में हुए ट्रिपल मर्डर केस में आरोपी की गिरफ्तारी हो चुकी है. दिल्ली के नेब सराय के देवली गांव में हुए ट्रिपल मर्डर केस में आरोपी की गिरफ्तारी हो चुकी है.
आजतक ब्यूरो
  • नई दिल्ली,
  • 07 दिसंबर 2024,
  • अपडेटेड 7:58 PM IST

दिल्ली के नेब सराय के देवली गांव में हुए ट्रिपल मर्डर केस में आरोपी की गिरफ्तारी हो चुकी है. आरोपी कोई और नहीं बल्कि परिवार का बेटा ही है, जिसने अपने मां-बाप और बहन को मौत के घाट उतार दिया. पुलिस को मर्डर का मोटिव भी पता चल चुका है. लेकिन एक सवाल अभी सबके जेहन में कौंध रहा है. आरोपी ने मां-बाप को मारने के लिए उन्हीं की जिंदगी के सबसे अहम दिन यानी उनकी मैरिज एनिवर्सरी की तारीख क्यों चुनता है? ये सवाल लगातार दिल्ली पुलिस को कचोट रही थी.

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ये सवाल जब पुलिस ने अर्जुन से पूछा, तो उसका जवाब सुन कर सन्न रह गई. उन्हें जरा भी अंदाज़ा नहीं था कि किसी बेटे को अपने मां-बाप से इतनी नफरत हो सकती है कि वो उनकी मौत के लिए खास उस दिन को चुने, जो उनकी जिंदगी की सबसे खूबसूरत और खुशियों भरा दिन हो. अर्जुन का जवाब सुन कर आप भी सन्न रह जाएंगे. जी हां, जानते हैं मैरिज एनिवर्सरी के दिन ही अर्जुन ने अपने मां-बाप के कत्ल का फैसला क्यों किया था?? क्योंकि वो उन्हें उनकी खुशियों के साथ मारना चाहता था. अर्जुन के मुताबिक वो अपने मां-बाप का कत्ल दो दिसंबर को उस दिन भी कर सकता था, जिस दिन उसकी बहन का बर्थ डे था.

उस दिन भी घर में खुशियां थीं. लेकिन फिर उसे लगा कि ये उसकी बहन की खुशी का दिन है. उसकी मां बाप की खुशी का दिन तो आने वाला है. बस इसीलिए उसने दो की जगह 4 दिसंबर की तारीख चुनी. बकौल अर्जुन, वो कत्ल से पहले अपने मां-बाप के चेहरे पर वो खुशियां देखना चाहता था, जिससे उसे सबसे ज्यादा गुस्सा आता था. उनकी यही खुशी उसे इस कदर गुस्से में पागल कर गई कि देर रात अपने ही हाथों से अपने मां-बाप का गला रेत डाला. पुलिस के मुताबिक इस दिन को चुनने के पीछे एक और वजह भी थी. अर्जुन को यकीन था कि मैरिज एनिवर्सरी के दिन घर में खुशियों का माहौल होगा. बहुत से मेहमानऔर रिश्तेदार आएंगे. 

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वो सब उसे भी इस खुशी के पल में खुशी के साथ शामिल पाएंगे और ऐसे में किसी को उस पर शक भी नहीं होगा. दिल्ली पुलिस सूत्रों के मुताबिक सीसीटीवी कैमरे के जरिए ये तो पता चल चुका था कि इस ट्रिपल मर्डर के पीछे अर्जुन ही है. लेकिन सिर्फ इतना काफी नहीं था कि वारदात वाली रात उस घर से ना कोई बाहर निकला, न ही घर के अंदर आया. ठीक ऐसी ही कहानी आरुषि केस में सामने आ चुकी थी. इसीलिए पुलिस को कुछ पुख्ता सबूतों की जरूरत थी. पहला सबूत अर्जुन की बाइक की शक्ल में मिला. उस पर खून के कुछ निशान थे. बाइक की चाबी तक पर खून के निशान मिले. जिम बैग के अंदर भी खून के कुछ निशान मिले.

बकौल पुलिस कत्ल के बाद अर्जुन ने अपने पहने हुए कपड़े जो खून से सन चुके थे, उन्हें जिम बैग में रख दिया था. फिर सुबह मॉर्निंग वॉक के नाम पर वो उसी बैग को लेकर संजय वन पहुंच गया. वहां उसने उन कपड़ों को ठिकाने लगा दिया. पुलिस ने उसके कपड़े भी बरामद कर लिए. इतना ही नहीं अर्जुन के मोबाइल से चार दिसंबर की सुबह संजय वन में उसका लोकेशन भी मैच कर गया. ये सारे सबूत उसके खिलाफ अदालत में बेहद कारगर साबित होंगे. इतना ही नहीं पुलिस ने अर्जुन के मोबाइल और लैपटॉप को जब कब्जे में लिया, तो उसमें से भी एक अहम जानकारी मिली. उसने गूगल पर कत्ल के तरीके सर्च किए थे. 

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ट्रिपल मर्डर केस की पूरी कहानी, सामने आई हत्या की वजह

दिल्ली पुलिस सूत्रों के मुताबिक पिछले 48 घंटों से अर्जुन पुलिस हिरासत में है. लेकिन उसके हाव-भाव या बातचीत से एक पल भी ऐसा नहीं लगा जैसे उसे अपने मां-बाप या बहन का कत्ल करने का कोई पछतावा हो. ऐसे किसी भी सवाल पर उसका चेहरा हर बार बेहत सख्त और सपाट होता. अक्सर लोगों के जेहन में एक ख्याल हमेशा सवाल बन कर आता है कि कातिल कैसा होता है? कत्ल के बाद उसका बर्ताव कैसा होता है? पकड़े जाने के बाद वो कैसा हो जाता है? ये तीन तस्वीरें कत्ल के केस की एक तरह से केस स्टडी है. इन तीन तस्वीरों के जरिए आप कातिल के बॉडी लैंग्वेज को आसानी से परख और पकड़ सकते हैं.

आइए पहले इस ट्रिपल मर्डर की पूरी कहानी जानते हैं. 4 दिसंबर सुबह 7.45 बजे नेब सराय, दिल्ली में सेना से रिटायर हुए अफसर राजेश कुमार अपने परिवार के साथ रहते थे. वो कुछ वक्त के लिए एनएसजी में कमांडो भी रहे थे. घर में उनकी पत्नी कोमल, 23 साल की बेटी कविता और 20 साल का बेटा अर्जुन रहा करते थे. कविता और अर्जुन दोनों ही अभी पढ़ाई कर रहे थे. कविता में पढ़ाई में बेहद तेज़ थी, जबकि अर्जुन पढ़ता तो दिल्ली यूनिवर्सिटी में था, लेकिन शौक बॉक्सिंग का था. स्पोर्ट्स कोटे से ही उसको कॉलेज में दाखिला भी मिला था. लेकिन पिता राजेश कुमार चाहते थे कि बेटा पढ़ लिख कर कोई अच्छी नौकरी करे.

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मां-बाप और बहन के कत्ल के बाद पुलिस को किया गुमराह 

इसी को लेकर अक्सर वो अर्जुन को डांटते भी थे. 4 दिसंबर की सुबह 5.30 बजे रोजाना की तरह अर्जुन मॉर्निंग वॉक पर जिम बैग के साथ घर से निकला. सवा घंटे बाद जब वो घर लौटा, तो उसकी चीखें निकल गईं. ग्राउंड फ्लोर पर बहन और मां जबकि फर्स्ट फ्लोर पर पिता की लाश पड़ी थी. बेड और फर्श पर हर तरफ खून ही खून था, वो चीखता हुआ घर से बाहर आया. चीख सुन कर पड़ोसी भी पहुंचे. अर्जुन रो रो कर उन्हें घर के अंदर के मंजर बता रहा था. किसी पड़ोसी ने पुलिस को फोन किया. पुलिस घर के अंदर गई. मंजर डरावना था. राजेश कुमार, उनकी पत्नी कोमल और बेटी कविता का गला किसी तेजधार हथियार से काटा गया था. 

शुरुआत में पुलिस को यही लगा कि चूंकि अर्जुन वारदात के वक्त मॉर्निंग वॉक पर निकल गया था, इसलिए उसकी जान बच गई. चूंकि दिल्ली के एक घर के अंदर एक साथ तीन-तीन कत्ल हुए, लिहाजा पुलिस फौरन हरकत में आती है. तफ्तीश शुरू हो जाती है. घर की तलाशी लेने पर ये पता चलता है कि ऐसा कोई भी कीमती सामान नहीं, जो घर से गायब हो. यानी मामला लूटपाट का तो कतई नहीं था. तो फिर कत्ल की वजह क्या थी? अब पुलिस तफ्तीश के सबसे कारगर हथियार सीसीटीवी कैमरे की तरफ अपनी जांच की दिशा घुमाती है. नसीब अच्छा था कई ऐसे कैमरे थे, जो राजेश कुमार के घर की निगरानी कर रहे थे.

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सीसीटीवी कैमरे पर दिखा कातिल, ऐसे पकड़ में आया हत्यारा

पुलिस ने 3 दिसंबर की रात से लेकर 4 दिसंबर की सुबह तक के सारे सीसीटीवी कैमरे खंगाल डाले. जब उन कैमरों का नतीजा सामने आया, तो पुलिस को उनका कातिल मिल चुका था. दरअसल, कैमरे का सच ये था कि 3 दिसंबर की रात से लेकर 4 दिसंबर की सुबह तक इस घर के अंदर सिर्फ और सिर्फ 4 ही लोग थे. रात से लेकर सुबह तक इन चारों के अलावा ना कोई पांचवां शख्स के अंदर आया, न बाहर गया. सुबह 5.30 बजे घर से इकलौता शख्स जो बाहर निकला, वो इसी परिवार का बेटा अर्जुन था. सीसीटीवी कैमरे को लेकर ज्वाइंट सीपी अब पुलिस को यकीन हो चला था कि कातिल कोई और नहीं अर्जुन ही है. 

इसके बाद भी पुलिस को इस बात यकीन ही नहीं हो रहा था कि सिर्फ 20 साल का अर्जुन अपने मां-बाप और बहन को एक साथ क्यों और केसे मार सकता है? इस सवाल का जवाब जानने के लिए अब पुलिस रिश्तेदारों और पड़ोसियों से पूछताछ करती है. जवाब और वजह दोनों मिल जाते हैं. अब उसी यकीन के साथ पुलिस अर्जुन को गिरफ्तार कर लेती है. कुछ देर की पूछताछ के बाद अर्जुन ने अपने मां-बाप और बहन के कत्ल की बात कबूल कर ली. उसने पुलिस को बताया कि वो अपने माता-पिता के व्यवहार से नाखुश था. वो उससे उसकी बहन से प्यार करते थे. वो अपने घर अलग-थलग रहता था. इसे लेकर उसकी नाराजगी थी.

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