
Hamas Leader Yahya Sinwar Death Inside Story: वो 16 अक्टूबर 2024 का दिन था. गाजा में इजरायल के हमले जारी थे. दक्षिणी गाजा के राफे इलाके में तालल सुल्तान नाम की जगह है. और वहां तीन मंजिला एक बिल्डिंग है. उस बिल्डिंग की दूसरी मंजिल पर फिलहाल सब कुछ बिखरा पड़ा है. कुछ सोफे नजर आ रहे हैं. लेकिन अंदर धूल ही धूल है. इन्हीं धूल के बीच एक सोफे पर नकाब से चेहरा ढके एक शख्स बैठा है. उसका दाहिना हाथ शायद जख्मी है. बाएं हाथ से वो एक छड़ी या डंडा उठाता दिखता है. और फिर उसे अपनी दाहिनी तरफ फेंक देता है. तस्वीर यहीं पर खत्म हो जाती है. और यहीं से शुरू होती है असली कहानी.
दरअसल, उसी शाम इजरायली डिफेंस फोर्स यूनिट 828 बिस्लामैक ब्रिगेड की टुकड़ी तालल सुल्तान इलाके में रुटीन पेट्रोलिंग पर थी. तभी उन्हें एक बिल्डिंग में तीन संदिग्ध लोगों के मौजूद होने की खबर मिलती है. इसी के बाद ब्रिगेड की टुकड़ी के जवान इस बिल्डिंग पर गोलीबारी शुरु कर देते हैं. इस शूटआउट के दौरान ही ड्रोन को भी एक्टिव कर दिया जाता है. जमीन से गोलीबारी हो रही थी और अचनाक ड्रोन से बिल्डिंग पर बम गिराया जाता है.
इजरायली डिफेंस फोर्स यानि आईडीएफ के जवान अब तक बिल्डिंग को चारों तरफ से घेर चुके होते हैं. वो बाहर रहकर ही बिल्डिंग से होने वाली किसी गोलीबारी और साथ ही साथ अंदर से धूल छटने का इंतजार करते हैं. थोड़ी देर बाद जब दूसरी तरफ से कोई हरकत नहीं होती और धूल छट चुकी होती है तब आईडीएफ के जवान बिल्डिंग के अंदर दाखिल होने का फैसला करते हैं.
थोड़ी बहुत धूल अब भी बिल्डिंग में मौजूद थी. अंदर तलाशी लेने पर कुल तीन लाशें मिलती हैं. अब भी आईडीएफ को कोई अंदाजा नहीं था कि इस बिल्डिंग में मौजूद ये तीनों कौन थे. वो यही मान कर चल रहे थे कि ये हमास के लड़ाके हो सकते हैं. अब एक-एक कर तीनों लाशों के चेहरे से कपड़े हटाए जाते हैं. लेकिन सोफे पर मौजूद उस शख्स के चेहरे से जैसे ही कपड़ा हटा, आईडीएफ के जवानों को यकीन ही नहीं हुआ.
वजह ये थी कि उसका चेहरा हू-ब-हू हमास लीडर याह्या सिनवार से मिल रहा था. उस याह्या सिनवार से जिसकी तलाश में पिछले एक साल से आईडीएफ, मोसाद और इजरयाल की बाकी तमाम एजेंसियां पूरी शिद्दत से लगी हुई थी. उन्हें यकीन नहीं हो रहा था कि इजरयाल के इतिहास के दूसरे सबसे बड़े घातक हमले जिसे पिछले साल 7 अक्टूबर को अंजाम दिया गया था. उसका मास्टमाइंड याह्या सिनवार उनके सामने मुर्दा पड़ा है.
हमास लीडर याह्या सिनवार इतनी आसानी से मारा जाएगा या उनके हाथ आएगा. खुद इजरायली सेना के जवानों को अब भी यकीन नही हो रहा था. लिहाजा, उन्होंने उसकी उंगलियों के निशान लिए, ब्लड सैंपल लिया और उसे फौरन हेडक्वाटर भेजा. अब तक ये ख़बर इजरायल के प्रधानमंत्री नेतन्याहू तक भी पहुंच चुकी थी. लेकिन किसी को भी यकीन नही हो रहा था.
वजह ये थी कि 7 अक्टूबर 2023 के हमले के बाद से याह्या सिनवार के बारे में यही खबर आ रही थी कि वो किसी बंकर या तहखाने में छुपा है और ऐसी जगह छुपा है जहां पर उसने अपने साथ 100 से ज्यादा इजरायली बंधकों को भी ढाल बनाकर रखा हुआ है. इतना ही नहीं उसके इर्द-गिर्द हर वक्त उसके दर्जनों गार्ड रहते हैं. अब ऐसे में एक आम बिल्डिंग में, एक आम इंसान की तरह सिर्फ दो लोगों के साथ याह्या सिनवार पनाह लेगा ये बात हजम नहीं हो रही थी. ऊपर से इस बिल्डिंग या उसके आसपास की दूसरी बिल्डिंग से एक भी बंधक नहीं मिला था.
मारा गया शख्स याह्या सिनवार ही था, इस बात की तस्दीक अब उसके डीएनए रिपोर्ट से ही हो सकती थी. जिसका सैंपल आईडीएफ फोर्स भेज चुकी थी. रिपोर्ट आने में वक्त था. लिहाजा, आईडीएफ फोर्स को रिपोर्ट आने तक उसी बिल्डिंग में उन लाशों के साथ रहने की हिदायत दी गई. पूरी रात बीत जाती है. नेतन्याहू समेत तमाम इजरायली एजेंसियां दम साधे डीएनए रिपोर्ट का इंतजार कर रही थी और आखिरकार गुरुवार की सुबह डीएनए रिपोर्ट आती है. और इसके साथ ये पुख्ता हो जाता है कि अनजाने में चलाए गए एक ऑपरेशन में इजरायल का सबसे बड़ा दुश्मन मारा गया.
जैसे ही ये खबर पुख्ता होती है इजरायली एजेंसियों के जरिए ये वीडियो जारी कर दिया जाता है. और इसके साथ ही प्रधानमंत्री नेतन्याहू खुद सामने आकर याह्या सिनवार की मौत का ऐलान करते हैं.
दरअसल याह्या सिनवार इसलिए इजरायल का सबसे बड़ा दुश्मन था. क्योंकि उसने हाल के वक्त का इजरायल पर सबसे बड़ा हमला किया था. 7 अक्टूबर 2023 को इजरायली सुरक्षा घेरे को तोड़ते हुए हमास ने इजरायल पर हमला किया था. जिसेमें करीब 1200 इजरायली मारे गए थे. जबकि 150 लोगों को हमास ने बंधक बना लिया था. इनमें से कुछ को बाद में छोड़ दिया गया. लेकिन 100 से ज्यादा बंधक अभी भी हमास के कब्जे में हैं. खबर यही है कि उन्हें गाजा मे ही किसी गुप्त ठिकाने पर रखा गया है.
7 अकटूबर का बदला लेने के लिए इजरायल ने पलटवार किया था. जिसकी वजह से 40 हजार से ज्यादा फिलिस्तिनियों की मौत हो गई. इजरयाल के मुताबिक 7 अक्टूबर के हमले की पूरी प्लानिंग याह्या सिनवार ने ही की थी. पर याह्या सिनवार की मौत के बाद भी इजरायल अपने बंधकों तक नहीं पहुंच पाया. खतरा इस बात का भी है कि कहीं याहिया की मौत का बदला लेने के लिए हमास इजरायली बंधकों को मार ना डाले.
इसलिए नेतन्याहू ने ये चेतावनी दी है कि अगर बंधकों को कुछ हुआ तो अंजाम बुरा होगा. नेतन्याहू ने ये भी कहा है कि गाजा में सरेंडर करने वाले और बंधकों की रिहाई में मदद करने वालों को गाजा से सुरक्षित बाहर जाने दिया जाएगा.
याह्या सिनवार का जन्म दक्षिणी गाजा पट्टी मे ही एक शरणार्थी कैंप में हुआ था. फिलिस्तीन के लोगों की लड़ाई में शामिल याहिया अलग-अलग मामलों मे करीब 20 सालों तक इजरायल की अलग अलग जेलों में रहा.
- साल 2011 में इजरायली सैनिकों के बदले कैदियों की रिहाई के तहत एक समझौता हुआ था. इसी समझौते के तहत याह्या सिनवार को भी रिहाई मिल गई थी.
- साल 2012 में यानी जेल से रिहा होने के एक साल बाद ही याह्या सिनवार को हमास के राजनीतिक ब्यूरो के लिए चुना गया. उसके जिम्मे सुरक्षा की जिम्मेदारी थी.
- साल 2013 में हमास की सैनिक शाखा अलकासम ब्रिगेड की जिम्मेदारी याहिया को सौंप दी गई.
- साल 2017 में याहिया को गाजा आंदोलन के राजनीतिक ब्यूरो का चीफ चुना गया.
- साल 2021 में याहिया को फिर से अगले 4 साल के लिए चीफ बना दिया गया.