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किम जोंग उन के 40 कदमों से बदला 70 साल का इतिहास

70 साल पहले एक मुल्क के दो टुकड़े हुए. इसके बाद पूरे 70 साल तक उत्तर कोरिया के किसी शासक ने कभी दक्षिण कोरिया की सरजमीन पर कदम तक नहीं रखा और 70 साल बाद 27 अप्रैल को जब दोनों मुल्क के नेताओं ने पहली बार हाथ मिलाया तब दोनों के हाथ तो एक-दूसरे के हाथों में थे, मगर कदम तब भी दोनों के अपने-अपने मुल्क में थे. बाद में दोनों के कदम एक-दूसरे की सरजमीन पर पड़े और इसके साथ ही उत्तर कोरिया के नेता मार्शल किम जोंग उन अपने देश के पहले ऐसे नेता बन गए जिनके कदम दक्षिण कोरिया में पड़े.

किम ने दक्षिण कोरिया की जमीन पर कदम रख नया इतिहास रच दिया किम ने दक्षिण कोरिया की जमीन पर कदम रख नया इतिहास रच दिया
परवेज़ सागर/शम्स ताहिर खान
  • नई दिल्ली,
  • 28 अप्रैल 2018,
  • अपडेटेड 10:39 AM IST

70 साल पहले एक मुल्क के दो टुकड़े हुए. इसके बाद पूरे 70 साल तक उत्तर कोरिया के किसी शासक ने कभी दक्षिण कोरिया की सरजमीन पर कदम तक नहीं रखा और 70 साल बाद 27 अप्रैल को जब दोनों मुल्क के नेताओं ने पहली बार हाथ मिलाया तब दोनों के हाथ तो एक-दूसरे के हाथों में थे, मगर कदम तब भी दोनों के अपने-अपने मुल्क में थे. बाद में दोनों के कदम एक-दूसरे की सरजमीन पर पड़े और इसके साथ ही उत्तर कोरिया के नेता मार्शल किम जोंग उन अपने देश के पहले ऐसे नेता बन गए जिनके कदम दक्षिण कोरिया में पड़े.

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40 कदम उठाने में लगे 70 साल

बस चंद क़दम की बात थी. गिनती करें तो शायद 40 कदम. मगर इन 40 क़दमों को उठाने में पूरे 70 बरस लग गए. जी हां 70 बरस. 70 सालों में पहली बार उत्तर कोरिया का कोई शासक दक्षिण कोरिया की सरज़मीन पर कदम रखने जा रहा था. 70 साल पहले हुए कोरिया के दो टुकड़े के बाद दोनों कोरिय़ाई देशों के लिए ये वक्त एक ऐतिहासिक पल बनने जा रहा था.

किम के 40 कदम और...

उत्तर कोरिया के तानाशाह मार्शल किम जोंग उन करीब 40 कदम चलते हैं और फिर एक जगह आकर ठहर जाते हैं. दरअसल, यही वो लकीर है जो उत्तर कोरिया और दक्षिण कोरिया की सरहदों को बांटती है. नफरत की बुनियाद पर खींची गई इस लकीर पर इस वक्त जहां किम जोंग उन खड़े हैं वो उत्तर कोरिया है. और लकीर के उस पार दक्षिण कोरिया, जहां इस वक्त दक्षिण कोरिया के नेता मून जे-इन खड़े हैं.

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सीमा पर मिले दोनों नेताओं के हाथ

किम जोंग उन सरहद की इस लकीर के करीब पहुंचते ही रुक जाते हैं. उनके कदम अब भी उत्तर कोरिया में ही हैं. वो वहीं खड़े होकर अपना हाथ आगे बढ़ाते हैं. लकीर के उस पार दक्षिण कोरिया की ज़मीन पर खड़े मून जे-इन भी जवाब में वहीं से अपना हाथ आगे बढ़ा देते हैं. अब दोनों नेताओं के हाथ मिल रहे थे. मगर अब भी दोनों अपने-अपने देश में ही थे.

दक्षिण कोरिया की सरजमीं पर किम

इसके बाद कुछ देर तक दोनों मुस्कुराते हुए बात करते हैं. बात-बात में ही मून जे-इन किम जोंग उन को दक्षिण कोरिय़ा आने की दावत देते हैं. किम उसी वक्त पहला कदम उठाते हैं और दूसरा कदम दक्षिण कोरिया की ज़मीन पर था. 70 साल बाद उत्तर कोरिय़ा के किसी शासक ने दक्षिण कोरिया की ज़मीन पर अब कदम रख दिया था.

कुछ पल रुके किम जोंग उन

इसके बाद दोनों नेता पहले उत्तर कोरिया की तरफ मुंह कर तस्वीरें खिंचवाते हैं. फिर यूं पलटते हैं. अब मुंह दक्षिण कोरिय़ा की तरफ हो चुका था. तस्वीरें अब दक्षिण कोरिय़ाई मीडिया उतार रही थी. अब किम जोंग उन को दक्षिण कोरिय़ा की तरफ जाना था. आगे की बातचीत के लिए. दक्षिण कोरिय़ा के नेता उन्हें चलने का इशारा भी करते हैं.

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उत्तर कोरिया की जमीन पर मून के कदम

मगर तभी किम जोंग अपने पड़ोसी मुल्क के नेता से एक गुज़ारिश करते हैं. इस गुज़ारिश के साथ ही अब किम.. मून जे-इन का हाथ पकड़ते हैं. वापस पलटते हैं. बस दो कदम उठाते हैं और इसके साथ ही अब दोनों नेता उत्तर कोरिया की सरज़मीन पर खड़़े थे. यहां दोनों नेता एक बार फिर गर्मजोशी के साथ हाथ मिलाते हैं. फिर वापस दो कदम उठाते हैं और दक्षिण कोरिया पहुंच जाते हैं.

क्या मिट पाएगी नफरत की लकीर

अब दोनों नेता दक्षिण कोरिया की सरहद में आगे बढे चले जा रहे थे. आगे की बातचीत के लिए. हालांकि सरहद की लकीर अब भी अपनी जगह है. पर क्या पता ये मुलाकात दो पड़ोसियों के बीच पिछले 70 सालों से चली आ रही नफरत की लकीर को मिटा जाए.

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