
श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुखदेव सिंह गोगामेड़ी हत्यकांड में पुलिस ने आरोपी शूटरों को गिरफ्तार करके बड़ी सफलता हासिल की है. दिल्ली और राजस्थान पुलिस के संयुक्त ऑपरेशन में इस हत्याकांड को अंजाम देने वाले दोनों आरोपी शूटरों रोहित राठौर और नितिन फौजी को चंडीगढ़ से गिरफ्तार किया गया है. 5 दिसंबर को हुई वारदात के बाद लॉरेंस बिश्नोई गैंग के गैंगस्टर रोहिता गोदारा ने इस हत्याकांड की जिम्मेदारी ली थी. लेकिन पुलिस जांच में एक चौंकाने वाला नाम सामने आया, जिसने न सिर्फ शूटरों को हथियार मुहैया कराए थे, बल्कि उन्हें इस वारदात को अंजाम देने के लिए तैयार भी किया था. इस शातिर अपराधी का नाम वीरेंद्र चारण है.
राजस्थान पुलिस की गिरफ्त में आए आरोपियों ने पूछताछ के दौरान गैंगस्टर वीरेंद्र चारण के नाम खुलासा किया है. उनके मुताबिक, चारण ने ही इस हत्याकांड की साजिश रची है. इस मर्डर केस का असली मास्टरमाइंड वही है. उसके कहने पर ही रोहित राठौर और नितिन फौजी करणी सेना के प्रमुख सुखदेव गोगामेड़ी की हत्या के लिए तैयार हुए थे. उसने ही जयपुर में दोनों शूटरों को हथियार मुहैया कराए थे. इतना ही नहीं उसके इशारे पर नवीन शेखावत ने गोगामेड़ी के घर का रेकी किया और शूटरों को साथ ले गया था. वीरेंद्र ने ये सबकुछ अपने आका रोहित गोदारा के कहने पर किया था. रोहित और वीरेंद्र जेल में एक-दूसरे के संपर्क में आए थे. तब से दोनों साथ में काम कर रहे हैं.
कौन है वीरेंद्र चारण, जिसने रची इस हत्याकांड की साजिश
एक लाख का इनामी गैंगस्टर वीरेंद्र चारण राजस्थान के चूरू जिले के सुजानगढ़ का रहने वाला है. साल 2015 में हुए रामलाल मेघवाल हत्याकांड में उसका नाम आया था. इसके बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार करके जेल भेज दिया. जेल में वो कई गैंगस्टरों के संपर्क में आया. वहां उसने अपना एक नेटवर्क बना लिया, जिसमें आनंदपाल सिंह लेकर रोहित गोदारा तक शामिल थे. साल 2022 में उसे जमानत मिली तो जेल से बाहर आ गया. इसके बाद उसने गोगामेड़ी के करीबी गैंगस्टर राजू ठेहट की हत्या की साजिश रची. उसके लिए शूटरों का इंतजाम किया. इस हत्याकांड के बाद नेपाल होते हुए दुबई फरार हो गया था. पिछले एक साल से दुबई से ही लॉरेंस बिश्नोई गैंग के लिए काम कर रहा है.
कौन था राजू ठेहट, चारण ने उसकी हत्या क्यों कराई थी
पिछले साल 3 दिसंबर को गैंगस्टर राजू ठेहट की वीरेंद्र चारण और उसके गुर्गों ने हत्या कर दी थी. राजू ठेहट का असली नाम राजेन्द्र जाट था. वो सीकर जिले के जीणमाता थाने के खुर्द तन रूपगढ का रहने वाला था. छात्र राजनीति में सक्रियता के दौरान उसकी मुलाकात शराब के धंधे से जुड़े गोपाल फोगावट से हुई. उसके साथ ठेहट भी शराब का कारोबार करने लगा. इसी दौरान एक शराब तस्कर बलवीर बानूड़ा से उसकी दुश्मनी हो गई. बानूड़ा ने उससे निपटने के लिए कुख्यात गैंगस्टर आनंदपाल सिंह से हाथ मिला लिया. आनंदपाल ने उसे कई बार मारने की कोशिश की, लेकिन सफल नहीं हो पाया. इसी बीच उसका एनकाउंटर हो गया. इधर ठेहट को जेल हो गई, लेकिन कोरोना काल में जमानत पर छूट गया.
आनंदपाल सिंह के एनकाउंटर से लॉरेंस का कनेक्शन
गैंगस्टर आनंदपाल सिंह के एनकाउंटर के बाद लॉरेंस बिश्नोई ने पूरे राजस्थान में अपना पैर फैलाना शुरू कर दिया. वो उसके साम्राज्य को हथियाना चाहता था. आनंदपाल के मारे जाने के बाद करणी सेना प्रमुख सुखदेव सिंह गोगामेड़ी ने उसके समर्थन में कई दिनों तक विरोध प्रदर्शन किया था. दबी जुबान ये भी कहा जा रहा था कि लॉरेंस के टिप पर ही पुलिस ने आनंदपाल को मारा है. ऐसे में दोनों गैग के बीच दुश्मनी तय थी. आनंदपाल गैंग के हितैषी होने की वजह से गोगामेड़ी उसके निशाने पर आए गए. इधर गोगामेड़ी और राजू ठेहट के बीच दोस्ती गहरी थी. दोनों एक साथ मिलकर प्रॉपर्टी का कारोबार करते थे. यही बात रोहिता गोदारा को खटकती थी. इसलिए सबसे पहले उसने ठेहट की हत्या करवाई थी.
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जेल में रोहित और नितिन की हुई वीरेंद्र से मुलाकात
गैंगस्टर राजू ठेहट हत्याकांड में वीरेंद्र चारण को जेल हो गई. इसी दौरान अजमेर जेल में उसकी मुलाकात रोहित राठौर से हुई. वो रेप के केस में जेल में बंद था. उसके ऊपर दर्ज रेप केस की पैरवी खुद सुखदेव सिंह गोगामेड़ी कर रहे थे. यही वजह है कि वो उनसे भयंकर नाराज था. उनसे बदला लेने की सोच रहा था. यह बात वीरेंद्र को पता था, क्योंकि दोनों अक्सर साथ में समय बीताते थे. इसी तरह नितिन फौजी भी जेल में ही उससे संपर्क में आया थ. उस पर हरियाणा के महेंद्र गढ़ में किडनैपिंग का केस दर्ज है. चोरी एक केस में पुलिस जब उसको पकड़ने आई, तो उसने फायरिंग कर दी. इसके बाद उसे समझ में आ गया कि फौज की नौकरी भी जानी है और परिवार के लोग भी किनारा कर लेंगे.
मजबूरी का फायदा उठाकर दोनों शूटरों को दी सुपारी
इसके साथ ही वो विदेश जाकर सेटल होना चाहता था. वो किसी भी तरह से भारत से बाहर जाना चाहता था. रोहित गोदारा ने जब वीरेंद्र चारण को सुखदेव सिंह गोगामेड़ी की हत्या की जिम्मेदारी दी, तो उसके जेहन में सबसे पहले रोहित राठौर और नितिन फौजी का नाम ही आया. एक उससे बदला लेना चाहता था, दूसरा मजबूरी में कुछ भी करने के लिए तैयार थी. उसने दोनों को लालच देकर हतया के लिए तैयार किया. इसके बाद अपने गुर्गों के जरिए दोनों शूटरों को जयपुर में हथियार भेजवाए. उसी हथियार से दोनों ने हत्याकांड को अंजाम दिया. वारदात के पहले और उसके बाद दोनों शूटर लगातार वीरेंद्र के संपर्क में थे. फरार होने से पहले जयपुर के पास एक होटल के बगल में हथियार दबा दिए थे.
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सिग्नल एप के जरिए शूटरों के संपर्क में था गोदारा
राजस्थान पुलिस की पूछताछ में ये भी खुलासा हुआ है कि गैंगस्टर रोहित गोदारा सिग्नल एप के जरिए लगातार शूटरों से संपर्क में बना हुआ था. इसके साथ ही उसने गोल्डी बराड़ को भी इस साजिश की जानकारी दी थी. इस हत्याकांड के कुछ घंटों के बाद ही फेसबुक पर उसने ऐलान कर दिया कि उसने ही वारदात को अंजाम दिया है. उसने इसके पीछे की वजह भी बताई थी. उसका कहना था कि गोगामेड़ी उसके दुश्मनों की मदद किया करते थे. उसके काम में दखल देते थे. यही वजह है कि उसने उनकी हत्या करवा दी. इसके साथ ही उसने उनको अपशब्द भी कहे थे. इसके अलावा राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे पर रंगदारी के पैसों में हिस्सा लेने का आरोप लगाया था.