
दिल्ली में एक ट्रक के घुस आने का अंदेशा है. ये ट्रक है तो देसी, लेकिन इसका ड्राइवर सरहद पार से आया है. नीयत वही है जो हर बार होती है. बस फर्क इतना है कि इस बार इस साज़िश में पाकिस्तानी आतंकियों ने बग़दादी जैसी प्लानिंग की है. आपको डराना हमारा मक़सद कतई नहीं है. लेकिन हमारी सुरक्षा एजेंसियों को जो अलर्ट मिला है. वो ये बताता है कि फेक आईडी के ज़रिए आतंकी या तो दिल्ली में दाखिल हो चुका है या फिर फिराक में है.
प्लानिंग गणतंत्र दिवस परेड के दौरान ट्रक के ज़रिए टेरर फैलाने की साजिश है. सुरक्षा एजेंसियों ने आतंक का एक कोड डिकोड किया है. इंफार्मेशन्स के डॉट्स जब जोड़े गए तो समझ में आया कि दशहत के नुमाइंदों ने इस बार गणतंत्र दिवस में धमाके के लिए खास और अलग तैयारी की है. आप डरिए नहीं, क्योंकि इस डर की नकेल को हर कोने से दिल्ली पुलिस और तमाम सुरक्षा एजेंसियों ने कस दिया है. लेकिन मगर फिर भी नज़र रखिए. हर ट्रक पर.
ट्रक के एक्सीलेटर पर पड़ने वाला हर पैर शक़ के दायरे में है. लेकिन इनमें से कोई एक कदम ऐसा है, जो दहशत के मक़सद से दिल्ली में घुसने को बेताब है. यही वो इंफार्मेशन है जिसने भारत की तमाम सुरक्षा एजेंसियों की पेशानी पर बल ला दिया है. आतंकी धमाके के इस अलर्ट के बाद राजधानी में आने वाले हर ट्रक पर सुरक्षा एजेंसियों की नज़र है. उसमें रखे सामान की बारीकी से पड़ताल की जा रही है. ड्राईवर से लेकर क्लीनर तक सभी के पहचान पत्रों की जांच हो रही है.
पुलिस उन ट्रांसपोर्टरों से भी पूछताछ कर रही है जिन्होने हाल में ही नए ड्राइवर नौकरी पर रखा है. उनका पुलिस वेरीफिकेशन नहीं कराया गया है. चेकिंग में पुलिस पैरा मिल्ट्री फोर्स के जवानों की भी मदद ले रही है. सिर्फ ट्रक ही नहीं राजधानी में आने वाली बसों पर भी नज़र है. दिल्ली आने वाले हर रास्ते पर पुलिस बैरीकेडिंग है. सेंसेटिव इलाकों पर ऐसी गाड़ियों की एंट्री ही बैन कर दी गई है. जिनसे गणतंत्र दिवस की सुरक्षा को जरा सा भी खतरा हो सकता है.
ये तमाम आशंकाएं इसलिए हैं क्योंकि हिज्बुल से लेकर लश्कर तक और आईएम, अल कायदा के अलावा आईएसआईएस भी इस बार अपना खौफ कायम करने के लिए गणतंत्र दिवस पर किसी बड़ी वारदात को अंजाम देने की फिराक़ मे है. ऐसी खबर है कि ट्रक के ज़रिए ये आतंकी हमला कुछ कुछ वैसा ही हो सकता है जैसे पिछले साल फ्रांस के नीस शहर में हुआ था. बेहद खुफिया तौर पर ये जानकारी मिली है कि अफ़गानी पासपोर्ट पर पाकिस्तानी आतंकी दिल्ली में मौजूद हो सकता है.
यदि वो दिल्ली में आ चुका है तो यहां पहले से मौजूद अपने स्लीपर सेल की मदद से ट्रक में बारूद भरकर धमाके को अंजाम देने की कोशिश करेगा. यदि नहीं कर पाया तो 'लोन वुल्फ' अटैक की भी कोशिश हो सकती है. आईएसआईएस पिछले काफी अरसे से हिंदुस्तान में छुपे अपने आतंकियों को लोन वूल्फ अटैक के लिए मॉटीवेट कर रहा है. हाल ही में एनआईए ने केरल में ऐसे ही एक आतंकी सेल का भंडाफोड़ किया था. आईएसआईएस के पास भारत में ट्रेंड कैडर भी मौजूद हैं.
लफ्ज़ों पर जाएंगे तो भेड़ियों की तरह हमला करने को ही लोन वुल्फ़ अटैक कहते हैं. आसान ज़बान में इसे यूं समझिए कि ऐसे हमले अकेले अंजाम दिए जाते हैं. इसके लिए किसी टीम की ज़रूरत नहीं होती है. लोन वूल्फ अटैक में आतंकी भीड़ में कुछ इस तरह से शामिल हो जाता है कि वो भीड़ का ही हिस्सा लगने लगता है. फिर अचानक वो एके-47 जैसे हथियारों और ग्रेनेड से भीड़ पर हमला करना शुरु कर देता है. अटैक के बाद इन्हें मौके से भाग जाने की भी पूरी ट्रेनिंग दी जाती है.