
तिहाड़ की मंडोली जेल में बंद देश के सबसे बड़े ठग सुकेश चंद्रशेखर को हमेशा सुर्खियों में बने रहने की आदत सी हो गई है. उसने एक बार फिर से सभी को चौंका दिया है. 200 करोड़ से ज्यादा की ठगी के आरोपी सुकेश ने जेल में बैठकर फर्राटेदार अंग्रेजी में तीन पन्नों का एक खत लिखा. इसके बाद उसने वो खत अपने वकील अनंत मलिक को भेजा. साथ ही संदेशा भेजा कि उस खत को मीडिया और सोशल मीडिया से जुड़े लोगों को भेज दिया जाए और फिर ऐसा ही हुआ भी. इस खत में सुकेश ने मन की बात लिख डाली.
खत का मजमून देखकर अंदाजा हो जाता है कि सुकेश ने ये खत बड़ी तसल्ली से लिखा है. खत में सुकेश खुद ही लिखता है कि बहुत से लोग उसके केस के बारे में उससे सवाल पूछते हैं. इसीलिए उसने तय किया कि वो इस खत के ज़रिए खुद के, खुद के केस के, और खासतौर पर जैकलीन फर्नांडिस के साथ खुद की मोहब्बत के बारे में प्वाइंट टू प्वाइंट सारी बातें रखेगा.
हालांकि इस खत को पढ़ने के बाद ऐसा लगता है कि जैसे ये खत उसने सिर्फ और सिर्फ जैकलीन फर्नांडिस को जेल जाने से बचाने के लिए लिखा है. खत की शुरुआत मीडिया के साथियों के नाम से होती है. कुछ इस अंदाज में-
सुकेश ने यूं किया खत का आगाज़
डियर मीडिया फ्रेंड, पिछले कई दिनों से मीडिया के हमारे कई दोस्त हमारे उस केस के सिलसिले में जानकारी हासिल करना चाहते हैं. हमसे लगातार इस बारे में पूछ भी रहे हैं कि हमारा केस कहां तक पहुंचा और उसमें अब क्या क्या हो रहा है. असल में उन सभी का मतलब ये है कि जब भी मुझे कोर्ट में पेश किया जाता है, तो मुझसे क्या क्या और कैसी कैसी बातें पूछी जाती हैं, इसी सिलसिले में हमने ये नोट तैयार करने का फैसला किया है ताकि सारी बातें प्वाइंट टू प्वाइंट आपको पता चल सके.
सुकेश ने तीन पन्नों के अपने इस खत में प्वाइंट टू प्वाइंट कुल पांच प्वाइंट रखे हैं. पहले प्वाइंट में वो खुद पर लगे इल्जामों पर कुछ इस तरह सफाई देता है-
खत का प्वाइंट - 1
"सबसे पहले तो मैं ये कहना चाहता हूं कि पिछले कुछ दिनों से मैं ये पढ़ रहा हूं कि वो लोग एक ऐसी तस्वीर बनाने की कोशिश में हैं, जिसके तहत ये साबित किया जा सके कि उन सभी को ठगा गया है और उनके साथ फरेब हुआ है. मगर इसमें गौर करने वाली जो बात है वो ये कि वो सारे लोग जो ये सब कह रहे हैं वो स्कूल जाने वाले बच्चे नहीं हैं या भोले भाले लोग नहीं हैं. अलबत्ता ये कहा जा सकता है कि वो सब के सब अच्छे खासे पढ़े लिखे और समझदार होने के साथ साथ अच्छी पहुंच वाले लोग हैं.
बल्कि ये भी कहा जा सकता है कि उनमें से ज़्यादातर लोगों की पहुंच बहुत ऊपर तक भी है. यानी हरेक प्लेटफॉर्म तक उनकी पहुंच हो सकती है. ऐसे में इतने रुतबे वाले लोगों के बारे में क्या ये कहना सही होगा कि ये सारे लोग आंख बंद करके किसी फरेब या झांसे में आ गए. आपकी स्थिति और परिस्थिति को देखते हुए मेरा एक आग्रह है कि उन तमाम लोगों की सच्ची कहानी सामने लाने की कोशिश कीजिए, जिन्हें तथाकथित शिकार बताया जा रहा है. जहां तक अदालत का सवाल है तो उसे तो सबूत चाहिए, ना कि किसी शिकार की मासूम सी तस्वीर. हम उस दौर में जी रहे हैं जहां सच्ची कहानियों की अहमियत है."
यहां पर सुकेश उल्टे उन लोगों पर उंगलियां उठा रहा है जो पीड़ित हैं यानी ठगी का शिकार हुए हैं. सुकेश की दलील ये है कि इतने पढ़े लिखे रसूखदार और ऊंची पहुंच वाले लोगों को कोई इतनी आसानी से कैसे अपना शिकार बना सकता है. इतना ही नहीं, वो मीडिया से इन पीड़ित या शिकार लोगों की सच्ची कहानी सामने लाने को भी कहता है, इसके बाद सुकेश खत में प्वाइंट नंबर दो लिखता है-
खत का प्वाइंट - 2
"मेरे खिलाफ जितने भी आरोप लगाए गए हैं, वो सिर्फ इल्जाम ही हैं और जैसा मैंने पहले भी कहा, ये सारा केस बदले की भावना से किया गया है. और ये बात मैं बहुत जल्द साबित भी कर दूंगा. बस केवल ये वक़्त की बात है. ये बड़ी ही अजीब बात है कि हर कोई मुझे जालसाज या ठग कहकर मजे ले रहा है. लेकिन ये भी सच है कि मेरे खिलाफ लगा एक भी इल्ज़ाम साबित नहीं हो सका है. आज तक कोई भी शख्स मेरे खिलाफ लगाए आरोपों को न तो साबित कर पाया और न ही मुझे दोषी ठहराकर मुझे सज़ा ही दिला सका.
जितने लोगों को मेरा शिकार बताया जा रहा है, उनमें से किसी के पास भी मेरे खिलाफ कोई भी सबूत नहीं है. ऐसे में मुझे जालसाज़ या ठग कहने का मतलब है कि मैं उन सबके खिलाफ मानहानि का केस करूं जो मुझे जालसाज या फरेबी कहकर मुझे बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं. मेरे पास कानून की शरण में जाने के पर्याप्त रास्ते और कारण मौजूद हैं."
प्वाइंट नंबर टू में सुकेश एक तरह से खुद अपनी और अपने हुनर की तारीफ करता है. साथ ही ये धमकी भी दे रहा है कि अगर उसे ठग या जालसाज कहा गया तो वो कानून का सहारा लेगा और मानहानि का मुकदमा करेगा. अब इसके बाद सुकेश तीन पन्नों के अपने इस खत का सबसे अहम और खास प्वाइंट लिखता है. ये अहम और खास प्वाइंट उसकी अपनी मोहब्बत का है. जिसका इजहार इस खत के जरिए वो पहली बार खुले आम करता है. तो सुकेश के खत के इस सबसे अहम हिस्से यानी प्वाइंट नंबर तीन को गौर से पढ़ियेगा-
खत का प्वाइंट - 3
"ये बड़े ही अफसोस और दुर्भाग्य की बात है कि जैकलीन फर्नांडिस को पीएमएलए (PMLA) केस में आरोपी बनाया जा रहा है. मैं ये बात पूरी तरह से साफ कर देना चाहता हूं कि मैं और जैकलीन फर्नांडिस रिलेशनशिप में हैं. और मैंने उसे और उसके परिवार के लोगों को तोहफे दिए हैं. इसमें उसका क्या कसूर? उसने मुझसे कभी कुछ नहीं मांगा सिवाय प्यार के. उसे और उसके परिवार को मैंने एक-एक पाई अपने गाढ़े खून पसीने की कमाई से दी है. और वो पैसा मैंने क़ानूनी तौर तरीकों से ही कमाया है. और इस बात को मैं जल्दी ही अदालत के सामने साबित भी कर दूंगा. ऐसे में कोई वजह नहीं बनती कि उसे या उसके परिवार को इस केस में घसीटा जाए. ये सारी चीजें फौरन रुकनी चाहिए. मैं चाहता हूं कि ये गैरकानूनी तौर तरीके रुकने चाहिए.
मैं इसे कानूनी तौर पर साबित कर दूंगा कि उसके और उसके परिवार के लोगों के खिलाफ जो भी इल्ज़ाम हैं वो सब के सब ग़लत हैं. ये मेरी ज़िम्मेदारी है कि मैं अपने प्यार के साथ हमेशा खड़ा रहूं और जो वायदा उससे किया उसे हर हाल में निभाऊं. मेरी वजह से उसे किसी भी तरह की परेशानी में फंसने की कोई ज़रूरत नहीं है. मगर इस वक़्त जो सर्कस चल रहा है उसकी वजह से मुझे अदालत में ये बात साबित करनी पड़ेगी कि उसे और उसके परिवार को जानबूझकर इस मामले में घसीटा गया है. केवल मेरी वजह से. जबकि इस मामले में उन लोगों का कोई कसूर नहीं है. मुझे यकीन है कि वो जल्दी ही इस झंझट से निकल जाएगी और वो खुद को बेकसूर साबित करने में कामयाब हो जाएगी."
तो इस तरह सुकेश खुलेआम ये ऐलान कर रहा है कि वो और जैकलीन फर्नांडिस रिलेशनशिप में हैं. इसी रिश्ते के नाते उसने जैकलीन और उसके परिवार के लोगों को तमाम तोहफे दिए. तोहफे खरीदने के लिए उसने अपने गाढ़े खून पसीने की कमाई खर्च की. इतना ही नहीं, वो ये भी कहता है कि जैकलीन बेकसूर है और वो अपने प्यार के साथ हमेशा खड़ा रहेगा.
जैकलीन से रिश्ते के बाद सुकेश अपनी ज़िंदगी के कुछ और राज़ से भी पर्दा उठाता है. ये राज़ उसकी आलीशान जिंदगी, महंगे शौक और कमाई के ज़रिए से जुड़े हैं. सुकेश अपने खत के प्वाइंट नंबर चार में अपनी कमाई का ज़रिया बताता है-
खत का प्वाइंट - 4
"मैंने देखा कि कुछ सवाल हैं जिनका ताल्लुक मेरे कारोबार से है और जिनका ज़िक्र चार्जशीट में भी किया गया है. लिहाजा मुझे ये बात साफ करनी है कि इंडोनेशिया की कोयला खदान में मेरी हिस्सेदारी थी. इसके अलावा कुछ होटलों में और न्यूज़ चैनल में भी मैं साझीदार था, जिनका बाद में मैंने सौदा कर दिया. कॉरपोरेट घरानों के लिए लॉबिंग का काम करते हुए मैंने हथियारों और रक्षा क्षेत्र के कई ठेके भी लिए.
मेरे बारे में आयकर विभाग ने विस्तार से जो तफ्तीश की है, उस रिपोर्ट में ये सब कुछ बाकायदा साफ-साफ लिखा है. और जैसे ही ये सारी जांच खत्म होती है मैं तमाम संबंधी दस्तावेज मुहैया करवा सकता हूं. जिनको देखकर हर तरह का शक और शुबा निकल सकता है. ऐसे में न तो कुछ छुपाने की जरूरत पड़ेगी और न ही उसे डरने की कोई जरूरत है. सब कुछ कानूनी है और सब कुछ सबके सामने होगा शीशे की तरह. जिसे आसानी से हर कोई देख सकता है."
तो पढ़ा आपने...कोयला खदान, कई होटल, हथियारों और रक्षा क्षेत्र के कई ठेकों में हिस्सेदारी के साथ-साथ सुकेश चंद्रशेखर यही कह रहा है कि बाकायदा न्यूज चैनल में भी वो कभी साझीदार हुआ करता था. प्वाइंट टू प्वाइंट लिखे इस खत के पांचवें प्वाइंट में सुकेश खुद के और खुद के जानने वालों के खिलाफ साज़िश रचे जाने का इल्जाम लगाता है-
खत का प्वाइंट - 5
"..और आखिर में मैं यही कहना चाहता हूं कि मेरे इर्द गिर्द जो कुछ भी चल रहा है, वो सब कुछ सियासी बदले की कार्रवाई है. बल्कि ये भी कहा जा सकता है कि ये शायद देश की सबसे बड़ी साज़िश भी है और यही सबसे बड़ी वजह भी है. इसीलिए मुझे और मेरे परिवार के साथ-साथ मेरे प्यार और उसके परिवार और दोस्तों को इस पचड़े में घसीटकर दबाव बनाने की कोशिश की जा रही है. लिहाजा मैंने आगे आकर उसकी मदद करने की कोशिश की है, ताकि वो इस दलदल से बाहर निकल सके. मेरा दिल गवाही नहीं देता कि बदले की इस कहानी की स्क्रिप्ट लिखने वालों को उनके मकसद में कामयाब होने दूं.
इसलिए मैं ये बात पूरी तरह से साफ कर देना चाहता हूं कि इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि मैं जो कुछ भी सामने नहीं ला सका, लेकिन किसी भी सूरत में तमाम जांच एजेंसियों के साथ मिलकर जो दबाव डाला जा रहा है, उसे कामयाब नहीं होने देना चाहता. बस ये केवल वक़्त का तकाजा है. लेकिन मेरा टाइम आएगा. वो बहुत ज़्यादा दूर नहीं है. मैं एक-एक चीज कोर्ट में साबित कर दूंगा. कोई भी सच और हकीकत को झुठला नहीं सकता. इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कोई कितनी ही मज़बूती से इसे छुपाने की कोशिश करे." खत के आखिर में सुकेश अपना फ्यूचर प्लान भी बताता है-
सुकेश चंद्रशेखर का फ्यूचर प्लान
"इससे भी कोई फर्क नहीं पड़ता कि मेरे सामने कितनी भी दुश्वारियां क्यों न आएं. इससे भी कुछ फर्क नहीं पड़ता कि मुझे झुकाने की लाख कोशिश क्यों ना की जाएं. जैसा मैंने पहले कहा कि मैं 2024 का लोकसभा चुनाव लड़ूंगा और जीतूंगा भी. मेरी जीत इकतरफा होगी. मैं अपने परिवार, दोस्तों और चाहने वालों के साथ-साथ अपने समर्थकों से मिल रहा हूं. मैं साबित कर दूंगा कि मेरी कम्यूनिटी मुझ पर फख्र करेगी. इन पंक्तियों को ज़रूर साझा करें. जिससे मैं सच्चाई को समझने और जानने के लिए मार्च अप्रैल 2024 में इन तमाम चीजों की तुलना कर सकूं. ये बेहद ज़रूरी है कि जो लोग ये सब कर रहे हैं वो इसे फौरन रोक दें और ये भी नोट कर लें कि 2024 में मैं अपने राज्य के चुनाव में बड़ा अहम रोल अदा करने वाला हूं."
अपने इस खत के जरिए सुकेश 200 करोड़ रुपये की उस ठगी के बारे में भी लिखता है, जिसकी वजह से वो इस वक़्त जेल में है. शायद जेल में रहते-रहते सुकेश को क़ानून खासतौर पर आर्थिक घोटालों से जुड़े क़ानून की अच्छी खासी समझ आ गई है. जानिए वो इस बारे में क्या कहता है-
200 करोड़ की ठगी पर सुकेश
"मैं ये भी कहना चाहता हूं कि इस पूरे मामले में रियल्टी चेक ज़रूर किया जाए. जिसमें ये भी देखा जाए कि जो लोग मुझसे जुड़े हैं और जिनसे मुझे फर्क पड़ता है. परिवार के लोगों को बेमतलब इस मामले में फंसाया जा रहा है. 200 करोड़ की ठगी की जो शिकायत की जा रही है, कहा जा रहा है कि रिश्वत के तौर पर मुझे 200 रुपये दिए गए. जिससे मैं उन रुपयों से ऐसी लाबिंग कर सकूं ताकि उनके पति को छुड़वाया जा सके. ये PMLA के तहत मनी लॉन्ड्रिंग का केस नहीं है. ये PC एक्ट के तहत भ्रष्टाचार का मामला बनता है. नगद भुगतान (काला धन) यानी रिश्वत के लिए अपनी फर्जी कंपनी या विदेशी खातों से काला धन निकालकर उसे सफेद बताते हुए भुगतान किया गया."
खत के आखिर में सुकेश ये दावा करता है कि वो जल्द ही सारा सच साबित करेगा. साथ ही मीडिया को धन्यवाद भी देता है-
कानून के तहत कदम उठाने की बात
"ये सब कुछ बदले की कार्रवाई है. बस इसमें मेरा नाम इस्तेमाल किया गया है. मैं क़ानून के तहत इसके खिलाफ कदम उठाऊंगा और जल्दी ही सारा सच साबित करके रहूंगा. जिससे जो आरोप लगाए जा रहे हैं वो निराधार साबित हो सकें. इस मसले पर यहां का क़ानून बड़ा ही सख्त है और कोई भी झूठ बोलकर इससे बच नहीं सकता. और न ही इसके साथ खिलवाड़ किया जा सकता है. मीडिया के मेरे दोस्तों आप सभी का बहुत-बहुत शुक्रिया. अभी और आगे भी आपका सहयोग हमें इसी तरह से मिलता रहेगा. गॉड ब्लेस यू भगवान भला करे. शुक्रिया.
सुकेश चंद्रशेखरन"
जैकलीन को 10 नवंबर तक अग्रिम जमानत
तो सुकेश चंद्रशेखर का ये खत आपने पढ़ लिया, अब एक जानकारी और दे दें. जिस प्यार के लिए सुकेश ने ये खत लिखा, उसका वो प्यार यानी जैकलीन फर्नांडिस फिलहाल कम से कम 10 नवंबर तक तो आजाद हैं. दिल्ली की एक अदालत ने जैकलीन की अग्रिम जमानत 10 नवंबर तक बढ़ा दी है. मगर 10 नवंबर के बाद क्या होगा, ये कहना मुश्किल है. चूंकि जैकलीन को जांच एजेंसी ने 200 करोड़ की ठगी के मामले में सुकेश का सहयोगी बना रखा है. साथ ही मनी लॉन्ड्रिंग का केस भी उनके खिलाफ है. तो क्या सुकेश के इस खत का क़ानूनी दांव पेच पर कोई असर पड़ेगा? एक आरोपी का अपनी सहयोगी आरोपी को क्लीन चिट देने की बात क्या क़ानून और अदालत मानेगी? इसका नतीजा जानने के लिए थोड़ा इंतज़ार करना होगा.
चार्जशीट में जैकलीन का नाम
प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी की मानें तो जैकलीन अब तक बेशक खुद को महाठग सुकेश चंद्रशेखर की जालसाजी से अंजान बताती रही हो, लेकिन सच्चाई यही है कि उसे सुकेश की ठगी के मायाजाल की पूरी खबर थी और वो सबकुछ जानते हुए भी ना सिर्फ़ सुकेश चंद्रशेखर का साथ देती रही, बल्कि उसके ठगी के पैसों से मौज भी काटती रही. यही वजह है कि ईडी ने अब सुकेश के बाद जैकलीन फर्नांडीज के खिलाफ भी 215 करोड़ की महाठगी के अदालत में चार्जशीट दाखिल कर दी है. चार्जशीट में दावा किया गया है कि वसूली के पैसों का जैकलीन को भी फायदा मिला है और वो जानती थीं कि सुकेश क्रिमिनल है.
सुकेश के बारे में सब जानती थी जैकलीन
सूत्रों की मानें तो ईडी ने अपनी चार्जशीट में जैकलीन को आरोपी बनाने के लिए कई आधार पेश किए हैं और उन्हें खारिज कर पाना जैकलीन के लिए भी मुश्किल होनेवाला है. मसलन, ईडी ने कहा है कि जैकलीन को ये पता था कि सुकेश एक क्रिमिनल है. तिहाड़ जेल में बंद है और वहीं से ठगी का अपना पूरा कारोबार चला रहा है. इसके बावजूद वो सुकेश से लगातार महंगे गिफ्टस लेते रहीं. ईडी ने ये भी कहा है कि जैकलीन को ये भी पता था कि वो करोड़ों रुपये के जो महंगे गिफ्ट्स सुकेश से ले रही हैं, वो दरअसल ठगी के पैसों से खरीदे गए हैं. लेकिन इसके बावजूद उसने अपने हाथ नहीं रोके. मुख्य गवाहों और आरोपियों के कई बयानों से ये खुलासा हुआ है कि वीडियो कॉल के जरिए जैकलीन लगातार सुकेश के संपर्क में थी. दूसरी ओर सुकेश ने भी जैकलीन को महंगे गिफ्ट्स देने की बात कुबूल की है.
सुकेश ने जैकलीन को दिए थे 10 करोड़ के गिफ्ट्स
जानकारी के मुताबिक सुकेश ने जैकलीन को करीब 10 करोड़ रुपये के बेशकीमती गिफ्ट्स दिए थे. जिनमें लगभग 9-9 लाख रुपये की 3 पर्शियन बिल्लियां, करीब 52 लाख रुपये का एक अरबी घोड़ा, कानों में पहनने वाली 15 जोड़ी बालियां यानी कुंडल, डायमंड के सेट, बेशकीमती क्रॉकरी, गुच्ची और शनेल जैसे महंगे ब्रांड्स के डिजाइनर बैग, जिम में पहनने के लिए गुच्ची के दो आउटफिट्स, लुई वितों के कई जोड़ी जूते, हमीज़ के दो ब्रेसलेट, एक मिनी कूपर कार, रॉलेक्स की महंगी घड़ियां और दूसरी महंगी चीजें शामिल थीं.
जैकलीन कबूली थी गिफ्ट्स लेने की बात
ईडी की पूछताछ में भी जैकलीन ने सुकेश से महंगे गिफ्ट्स लेने की बात कबूल की थी. उसने कहा था "हां, मैंने सुकेश से कई गिफ्टस लिए हैं. मैंने उससे लिमिटेड एडिशन परफ्यूम्स लिए हैं. सुकेश की तरफ से मेरे लिए हर हफ्ते Veen अलकालाइन वॉटर की बोतलें आती थीं. हर दूसरे दिन फूल भेजे जाते थे. अलग-अलग जगहों से चॉकलेट्स आती थीं और इसके अलावा मेरे लिए दूसरे ब्रांड्स के कई गिफ्टस आते थे. सुकेश अलग-अलग रेस्टोरेंट्स से मेरे घर पर खाना भी भिजवाता था." हालांकि जैकलीन ने बाद में ये कहा था कि सुकेश ने उसे जो मिनी कूपर कार तोहफे में दी थी, उसे उसने अपने घर से वापस लौटा दी थी. जैकलीन ने कहा कि उसने जब ये तोहफा लेने से मना कर दिया तो सुकेश ने इसे वापस मंगवा लिया था.
करोड़ों की संपत्ति जब्त
ईडी ने जैकलीन की 7 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति भी जब्त कर ली है. ईडी ने 24 अगस्त को चेन्नई में सुकेश का सी-फेसिंग बंगला भी सीज कर लिया था. उस बंगले से करीब 82 लाख रुपए कैश, 2 किलो सोना और 12 से ज्यादा लग्जरी गाड़ियां जब्त की गई थीं.
जैकलीन के परिवार को भी दिए थे महंगे गिफ्ट्स
ईडी की मानें तो सुकेश ने सिर्फ जैकलीन को ही महंगे गिफट्स नहीं दिए, बल्कि उसके फैमिली मेंबर्स को भी महंगे तोहफे दिए थे. परिवार को दिए गए तोहफों में कार और दूसरे महंगे सामान के अलावा 1 करोड़ 32 लाख और 15 लाख रुपये के फंड्स भी शामिल थे. उसने जैकलीन की अमेरिका में रहने वाली बहन को डेढ़ लाख डॉलर यानी करीब सवा करोड़ रुपये का लोन भी दिया था. उसे BMW X5 कार भी दी थी. सुकेश ने कथित तौर पर जैकलीन के पैरेंट्स को एक मासेराती कार और उसकी मां को बहरीन में पोर्शे कार भी गिफ्ट की थी. पूछताछ में जैकलीन ने बताया था कि सुकेश ने ऑस्टेलिया में रह रहे उसके भाई वॉरेन के खाते में 15 लाख रुपये ट्रांसफर करने की बात भी मानी थी.
जेल में ऐसे खुली थी सुकेश चंद्रशेखर की पोल
सुन कर भी अजीब लगता है. जिस देश में करोड़- डेढ़ करोड़ रुपये कमाने में करोड़ों लोगों की पूरी उम्र निकल जाती है. कई लोग तो लाख कोशिश कर भी ताउम्र इतनी रकम नहीं कमा पाते और हसरतों में ही ज़िंदगी निकल जाती है, लेकिन यहां सुकेश चंद्रशेखर करोड़, डेढ़ करोड़ रुपये जेल कर्मचारियों के बीच ऐसे बांट दिया करता था, जैसे ये रकम कोई करोड़ों की रकम नहीं बल्कि हज़ारों की हों.
उन दिनों की बात है, जब महाठग सुकेश चंद्रशेखर ठगी के किसी दूसरे मामले में तिहाड़ की रोहिणी जेल में बंद था. उसका ठिकाना था जेल नंबर का 10 का वार्ड नंबर 3 और बैरक नंबर 204. लेकिन इस बैरक को सुकेश ने अपने पैसों के दम पर नखलिस्तान में तब्दील दिया था. यानी इस बैरक में उसे ऐशो आराम की हर वो चीज़ बस एक इशारे पर उपलब्ध थी, जो चीज़ कोई बड़ा से बड़ा रईस आदमी बाहर अपनी दौलत के दम पर हासिल कर सकता है.
फिर चाहे वो फ़ाइव स्टार होटल का खाना हो, ब्रांडेड कपडे हों, महंगे गैजेट्स हो, परफ्यूम्स हो, या फिर ड्रिंक्स या कुछ और. और तो और जेल में उसके पास एक हाई एंड बीएमडब्ल्यू कार भी हमेशा खड़ी रहती थी, जिस पर जेल का सरकारी स्टीकर लगा होता था और इस कार से वो जब चाहे, जिसे चाहे अपने गेस्ट के तौर पर जेल तक पिक और ड्रॉप करा सकता था. ये सारा शाही इंतजाम सिर्फ रिश्वत के पैसों के दम पर था.
सुकेश के चक्कर में नप गई पूरी जेल
जब जेल में फैलाए गए उसके इस जाल बट्टे की पोल खुली और जांच शुरू हुई, तो पहली ही तफ़्तीश में जेल के 8 कर्मचारी नप गए. उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया. लेकिन अब जब तफ्तीश काफ़ी आगे बढ़ चुकी है, तो पता चला कि सुकेश के रिश्वत के टुकड़ों पर पलनेवाले ऐसे अफसरों की तादाद कोई मुट्ठी भर नहीं, बल्कि मुट्ठी भर-भर कर थी. और तभी तो इकोनॉमिक ऑफेंसेज विंग (EOW) ने इस सिलसिले में रोहिणी जेल के 82 अफसरों और कर्मचारियों के खिलाफ केस दर्ज किया है. आज तक के पास ऐसे दागी अफसरों और मुलाज़िमों की पूरी की पूरी लिस्ट मौजूद है. इस लिस्ट में 10 असिस्टेंट जेल सुपरिंटेंडेंट लेवल के अफ़सरों के साथ-साथ तकरीबन सात दर्जन मुलाज़िमों के नाम शामिल हैं.
सुकेश के खिलाफ संगीन धाराओं में केस
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने इस सिलसिले में सबसे पहले 7 अगस्त 2021 को सुकेश चंद्रशेखर और अज्ञात लोगों के खिलाफ आईपीसी की धारा 170, 384, 386, 388, 406, 409, 419, 420, 468, 471, 506, 186, 353 और 120बी के तहत केस दर्ज किया था. इसके अलावा आईटी एक्ट और मकोका की धाराओं के तहत भी उस पर इल्ज़ाम थे. इस केस में सुकेश चंद्रशेखर पर जेल में रहते हुए ऑर्गेनाइज्ड क्राइम सिंडिकेट यानी वसूली रैकेट चलाने का आरोप था, जबकि जेल के कुछ अधिकारियों और कर्मचारियों पर उसकी मदद करने के आरोप थे.