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जेल में महाठग सुकेश की सेवा, सत्येंद्र जैन की खातिरदारी... ऐसे ही विवादों की भेंट चढ़ गए तिहाड़ के डीजी संदीप गोयल

ईडी ने इसी साल 30 मई को 57 साल के सत्येंद्र जैन को गिरफ्तार कर लिया था. फिर उनके और उनसे जुड़े लोगों के ठिकानों पर छापेमारी की. इसी दौरान ED ने 6 जून को दावा किया था कि एजेंसी ने सत्येंद्र जैन के करीबी के ठिकाने से 2.85 करोड़ कैश और सोने के 133 सिक्के बरामद किए हैं.

दिल्ली के जेल मंत्री सत्येंद्र जैन और महाठग सुकेश चंद्रशेखर के मामले डीजी को भारी पड़ गए दिल्ली के जेल मंत्री सत्येंद्र जैन और महाठग सुकेश चंद्रशेखर के मामले डीजी को भारी पड़ गए
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 04 नवंबर 2022,
  • अपडेटेड 12:01 AM IST

तिहाड़ जेल की डीजी संदीप गोयल को उनके पद से हटा दिया गया. छोटे-मोटे मामलों के अलावा उन्हें हटाए जाने की वजह दो ऐसे लोग बन गए, जो खुद तिहाड़ की जेल में बंद हैं. उनमें पहला नाम है देश के सबसे बड़े ठग सुकेश चंद्रशेखर का. जिसने साल भर तक करोड़ों रुपये खर्च कर जेल में हर ऐशो-आराम हासिल किया. और दूसरा नाम है दिल्ली सरकार के जेल मंत्री सत्येंद्र जैन का, जो मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में खुद भी तिहाड़ जेल में बंद हैं. इन दोनों लोगों पर जेल के बाहर और जेल के अंदर ऐसे काम करने के आरोप लगे कि उसकी गाज अब डीजी संदीप गोयल पर गिर गई. आइए जानते हैं कि आखिर सुकेश चंद्रशेखर और सत्येंद्र जैन पर इल्जाम क्या हैं? 

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मंत्री सत्येंद्र जैन पर क्या हैं इल्जाम 
दिल्ली सरकार के स्वास्थ मंत्री सत्येंद्र जैन की उल्टी गिनती तब शुरु हो गई थी, जब उनके खिलाफ सीबीआई ने पांच साल पहले भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम समेत तमाम धाराओं के तहत एक एफआईआर दर्ज की थी. जिसमें सत्येंद्र जैन के अलावा अजीत प्रसाद जैन, पूनम जैन, वैभव जैन, सुनील जैन और अंकुश जैन के नाम भी शामिल किए गए थे. फिर इस मामले की जांच प्रवर्तन निदेशालय (ED) को दे दी गई थी. क्योंकि यह मामला मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़ा था. 

30 मई को हुई थी सत्येंद्र जैन की गिरफ्तारी
तभी से इस मामले में जांच चल रही है. इसी साल 30 मई को ईडी ने बड़ा कदम उठाया और 57 साल के सत्येंद्र जैन को गिरफ्तार कर लिया. फिर उनके और उनसे जुड़े लोगों के ठिकानों पर छापेमारी शुरू कर दी. इसी दौरान ईडी (ED) ने 6 जून को दावा किया था कि एजेंसी ने सत्येंद्र जैन के करीबी के ठिकाने से 2.85 करोड़ कैश और सोने के 133 सिक्के बरामद किए हैं. जिनका वजन 1.80 किलोग्राम है. यह बरामदगी दिल्ली और एनसीआर में पूरे दिन चली रेड के दौरान की गई थी. 

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ईडी ने कोर्ट को सौंपा सीसीटीवी फुटेज
तभी से सत्येंद्र जैन तिहाड़ जेल में बंद हैं. इसी दौरान मामला अदालत में जा पहुंचा. 30 अक्टूबर को ईडी के अधिकारियों ने कोर्ट को एक शिकायत दी. जिसमें सत्येंद्र जैन पर जेल के नियमों का उल्लंघन करने का इल्जाम लगाया गया. ईडी ने सबूत के तौर पर अदालत में एक वीडियो फुटेज भी जमा की. जो तिहाड़ जेल के भीतर की फुटेज थी. उस वीडियो फुटेज में दिखाया गया कि दिल्ली सरकार के मंत्री कैसे जेल में ऐशो-आराम हासिल कर रहे हैं. 

'सत्येंद्र जैन को जेल में मसाज की सुविधा'
वीडियो फुटेज सौंपते हुए (ईडी) ED ने साथ में अपना हलफनामा भी कोर्ट में दाखिल किया. जिसमें कहा गया है कि तिहाड़ जेल में सत्येंद्र जैन को हेड मसाज, फुट मसाज और बैक मसाज जैसी तमाम लग्जरी सुविधाएं दी जा रही हैं. सीसीटीवी फुटेज के आधार पर कहा गया कि जेल अधीक्षक हर रोज सत्येंद्र जैन से मिलते हैं, जो कि जेल नियमों के खिलाफ है. कोर्ट के आदेश की अनदेखी कर सत्येंद्र जैन को घर का बना खाना दिया जाता है.

ईडी ने लगाए कई आरोप
ईडी ने हलफनामे में बताया कि जेल मैनुअल के खिलाफ सत्येंद्र जैन की पत्नी पूनम जैन उनसे सेल में जाकर मिलती हैं. सीसीटीवी फुटेज के आधार पर जानकारी दी गई कि इस केस के अन्य आरोपी अंकुश जैन और वैभव उनकी सेल में जाकर घंटों बातें करते हैं. जिससे मामले की जांच प्रभावित होती है. आरोपी अंकुश और वैभव भी इस वक्त तिहाड़ जेल बंद हैं.

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सत्येंद्र जैन की सेल में कोई नहीं आया
प्रवर्तन निदेशालय के हलफनामे में लिखा है कि सत्येंद्र जैन दिल्ली के जेल मंत्री भी हैं, जिसका वो फायदा उठा रहे हैं. तिहाड़ जेल प्रशासन से ईडी ने सत्येंद्र जैन के सेल और वार्ड की सीसीटीवी फुटेज मांगी थी. जेल प्रशासन ने ईडी को फुटेज मुहैया कराईं थी. अब तिहाड़ जेल प्रशासन का कहना है कि सत्येंद्र जैन की सेल में बाहर से कोई नहीं आया. हालांकि सुबह गिनती के समय वार्ड में मौजूद सभी कैदी एक दूसरे से बात कर सकते हैं.

जेल प्रशासन ने बताई पूरी कहानी
तिहाड़ जेल प्रशासन ने सफाई देते हुए कहा कि जिन सह-आरोपियों की बात की जा रही है, वो भी उसी वार्ड में बंद हैं, जहां सत्येंद्र जैन हैं. इसलिए वो आपस में बात कर सकते हैं. जेल प्रशासन ने यह भी कहा कि गिनती के बाद जब सभी अपनी-अपनी सेल में चले जाते हैं, तब कोई भी एक-दूसरे की सेल में नही जाया जा सकता है. तिहाड़ जेल प्रशासन वहां किसी भी तरह के इलेक्ट्रॉनिक गैजेट की मौजूदगी से भी साफ इनकार कर दिया. अब बात करते हैं इस मामले से जुड़े दूसरे किरदार की.

सुकेश चंद्रशेखर का खेल और खुलासा
ठगी करने के आरोप में सुकेश चंद्रशेखर जब 12 महीने तक तिहाड़ की रोहिणी जेल में बंद था, तो उसने एक करोड़ रुपये महीना देकर जेल के अंदर मौजूद पूरे स्टाफ और जेलर को भी अपनी सेवा में लगा रखा था. वो जेल में सुविधाएं पाने के लिए 12 करोड़ रुपये रिश्वत के तौर पर दे चुका था. इस पूरे खेल में रोहिणी जेल के 82 अफसर और कर्मचारी शामिल थे. 

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हैरान करने वाली तस्वीरें
देश का सबसे बड़ा ठग या सबसे बड़ा नटवरलाल सुकेश चंद्रशेखर जब रोहिणी जेल के वार्ड नंबर तीन और बैरक नंबर 204 में बंद था. तो उसकी कुछ तस्वीरें सामने आईं थीं, जो 7 अगस्त 2021 की बताई जा रही थीं. पता चला कि ठग-ए-आज़म को बाकायदा जेल के अंदर एक पूरा बैरक ही अलग से दे दिया गया था. जहां बकायदा पर्देदारी की गई थी. सीसीटीवी कैमरों को धोखा देने के लिए पर्दे डाले गए थे. 

सीसीटीवी कैमरों पर डाल दिए थे पर्दे
जब महाठग रोहिणी जेल में बंद था, तो तिहाड़ जेल की तरफ से एक बयान आया था, जिसमें कहा गया था कि सुकेश पर नजर रखने के लिए उसके बैरक के इर्द-गिर्द 55 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं. अब कैमरों को छुपाना और ढकना था. लिहाज़ा पर्दे, तौलिए, कपड़े यहां तक कि पानी के बोतल तक से कैमरों को ढक दिया गया था. ताकि पर्दे के पीछे से सुकेश अपना धंधा आसानी और आजादी से चलाता रहे.

जेल स्टाफ को दी थी मोटी रकम
जेल में इतनी मेहरबानी के बदले जेल स्टाफ का मोटी रकम मिल रही थी. क्योंकि जेल में मुफ्त कुछ नहीं मिलता. वहां सब माया का खेल होता है. एक साल के दौरान जेल में बैठकर ही सुकेश 200 करोड़ कमा सकता है तो क्या कुछ करोड़ जेल स्टाफ को नहीं दे सकता? उसने जेल में दिल खोलकर पैसे दिए. महीने का करीब एक करोड़. यानी एक साल में लगभग 12 करोड़. तिहाड़ जेल पर ये इल्जाम खुद पुलिस ने लगाया था. पुलिस की चार्जशीट में इस बात का खुलासा किया गया था.

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दिल्ली पुलिस की ईओडब्लू ने किया था खुलासा
दरअसल, दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने इस पूरे मामले की जांच की थी. उसी ने कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की थी. जिसमें कहा गया था कि जेल के अंदर जेल का स्टाफ पूरी तरह बिके हुए थे. ऊपर से नीचे तक हरेक को सुकेश पैसे देता था.जेल में आईफोन का इस्तेमालचार्जशीट के मुताबिक सुकेश के पास जेल में पूरे साल भर तक मोबाइल था. आईफोन 12 प्रो और आईफोन 11. इन्ही मोबाइल नंबरों से वो जेल में बैठ कर ही बाहर के लोगों को चूना लगाता और उनसे पैसे ऐंठता था. साल भर में अकेले जेल में ही बंद एक बिजनेसमैन की पत्नी से उसने करीब 200 करोड़ रुपए वसूले थे. कई बार तो पैसे लेने के लिए उसने जेल के स्टाफ को उन्हीं की गाड़ी में भेजा था.

सुकेश ने एलजी को लिखा खत, किया बड़ा खुलासा
महाठग सुकेश ने हाल ही में दिल्ली के एलजी को अंग्रेजी में एक खत लिखकर सनसनी फैला दी. उसने खत में लिखा "सत्येंद्र जैन ने मुझे लगातार पैसे देने के लिए मजबूर किया. दबाव के चलते 2-3 महीनों के अंतराल में 10 करोड़ की राशि मुझसे वसूल की गई." सुकेश ने दावा किया कि पूरा पैसा कोलकाता में सत्येंद्र जैन के करीबी चतुर्वेदी द्वारा लिया गया. इस तरह से मैंने सत्येंद्र जैन को 10 करोड़ रुपए का भुगतान किया. सुकेश ने खत में कहा कि सत्येंद्र जैन पिछले 7 महीने से तिहाड़ जेल में बंद हैं. उन्होंने मुझे डीजी जेल संदीप गोयल और जेल प्रशासन द्वारा धमकाया. मुझसे हाईकोर्ट में दायर शिकायत को वापस लेने के लिए कहा गया. मुझे परेशान किया गया और धमकी दी गई.

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सुकेश ने तीन पन्नों के अपने इस खत में प्वाइंट टू प्वाइंट कुल पांच प्वाइंट रखे हैं. पहले प्वाइंट में वो खुद पर लगे इल्जामों पर कुछ इस तरह सफाई देता है- 

खत का प्वाइंट - 1
"सबसे पहले तो मैं ये कहना चाहता हूं कि पिछले कुछ दिनों से मैं ये पढ़ रहा हूं कि वो लोग एक ऐसी तस्वीर बनाने की कोशिश में हैं, जिसके तहत ये साबित किया जा सके कि उन सभी को ठगा गया है और उनके साथ फरेब हुआ है. मगर इसमें गौर करने वाली जो बात है वो ये कि वो सारे लोग जो ये सब कह रहे हैं वो स्कूल जाने वाले बच्चे नहीं हैं या भोले भाले लोग नहीं हैं. अलबत्ता ये कहा जा सकता है कि वो सब के सब अच्छे खासे पढ़े लिखे और समझदार होने के साथ साथ अच्छी पहुंच वाले लोग हैं. 

बल्कि ये भी कहा जा सकता है कि उनमें से ज़्यादातर लोगों की पहुंच बहुत ऊपर तक भी है. यानी हरेक प्लेटफॉर्म तक उनकी पहुंच हो सकती है. ऐसे में इतने रुतबे वाले लोगों के बारे में क्या ये कहना सही होगा कि ये सारे लोग आंख बंद करके किसी फरेब या झांसे में आ गए. आपकी स्थिति और परिस्थिति को देखते हुए मेरा एक आग्रह है कि उन तमाम लोगों की सच्ची कहानी सामने लाने की कोशिश कीजिए, जिन्हें तथाकथित शिकार बताया जा रहा है. जहां तक अदालत का सवाल है तो उसे तो सबूत चाहिए, ना कि किसी शिकार की मासूम सी तस्वीर. हम उस दौर में जी रहे हैं जहां सच्ची कहानियों की अहमियत है."

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यहां पर सुकेश उल्टे उन लोगों पर उंगलियां उठा रहा है जो पीड़ित हैं यानी ठगी का शिकार हुए हैं. सुकेश की दलील ये है कि इतने पढ़े लिखे रसूखदार और ऊंची पहुंच वाले लोगों को कोई इतनी आसानी से कैसे अपना शिकार बना सकता है. इतना ही नहीं, वो मीडिया से इन पीड़ित या शिकार लोगों की सच्ची कहानी सामने लाने को भी कहता है, इसके बाद सुकेश खत में प्वाइंट नंबर दो लिखता है.

खत का प्वाइंट - 2
"मेरे खिलाफ जितने भी आरोप लगाए गए हैं, वो सिर्फ इल्जाम ही हैं और जैसा मैंने पहले भी कहा, ये सारा केस बदले की भावना से किया गया है. और ये बात मैं बहुत जल्द साबित भी कर दूंगा. बस केवल ये वक़्त की बात है. ये बड़ी ही अजीब बात है कि हर कोई मुझे जालसाज या ठग कहकर मजे ले रहा है. लेकिन ये भी सच है कि मेरे खिलाफ लगा एक भी इल्ज़ाम साबित नहीं हो सका है. आज तक कोई भी शख्स मेरे खिलाफ लगाए आरोपों को न तो साबित कर पाया और न ही मुझे दोषी ठहराकर मुझे सज़ा ही दिला सका.

जितने लोगों को मेरा शिकार बताया जा रहा है, उनमें से किसी के पास भी मेरे खिलाफ कोई भी सबूत नहीं है. ऐसे में मुझे जालसाज़ या ठग कहने का मतलब है कि मैं उन सबके खिलाफ मानहानि का केस करूं जो मुझे जालसाज या फरेबी कहकर मुझे बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं. मेरे पास कानून की शरण में जाने के पर्याप्त रास्ते और कारण मौजूद हैं."

प्वाइंट नंबर टू में सुकेश एक तरह से खुद अपनी और अपने हुनर की तारीफ करता है. साथ ही ये धमकी भी दे रहा है कि अगर उसे ठग या जालसाज कहा गया तो वो कानून का सहारा लेगा और मानहानि का मुकदमा करेगा. अब इसके बाद सुकेश तीन पन्नों के अपने इस खत का सबसे अहम और खास प्वाइंट लिखता है. ये अहम और खास प्वाइंट उसकी अपनी मोहब्बत का है. जिसका इजहार इस खत के जरिए वो पहली बार खुले आम करता है. तो सुकेश के खत के इस सबसे अहम हिस्से यानी प्वाइंट नंबर तीन को गौर से पढ़ियेगा.

खत का प्वाइंट - 3
"ये बड़े ही अफसोस और दुर्भाग्य की बात है कि जैकलीन फर्नांडिस को पीएमएलए (PMLA) केस में आरोपी बनाया जा रहा है. मैं ये बात पूरी तरह से साफ कर देना चाहता हूं कि मैं और जैकलीन फर्नांडिस रिलेशनशिप में हैं. और मैंने उसे और उसके परिवार के लोगों को तोहफे दिए हैं. इसमें उसका क्या कसूर? उसने मुझसे कभी कुछ नहीं मांगा सिवाय प्यार के. उसे और उसके परिवार को मैंने एक-एक पाई अपने गाढ़े खून पसीने की कमाई से दी है. और वो पैसा मैंने क़ानूनी तौर तरीकों से ही कमाया है. और इस बात को मैं जल्दी ही अदालत के सामने साबित भी कर दूंगा. ऐसे में कोई वजह नहीं बनती कि उसे या उसके परिवार को इस केस में घसीटा जाए. ये सारी चीजें फौरन रुकनी चाहिए. मैं चाहता हूं कि ये गैरकानूनी तौर तरीके रुकने चाहिए.
 
मैं इसे कानूनी तौर पर साबित कर दूंगा कि उसके और उसके परिवार के लोगों के खिलाफ जो भी इल्ज़ाम हैं वो सब के सब ग़लत हैं. ये मेरी ज़िम्मेदारी है कि मैं अपने प्यार के साथ हमेशा खड़ा रहूं और जो वायदा उससे किया उसे हर हाल में निभाऊं. मेरी वजह से उसे किसी भी तरह की परेशानी में फंसने की कोई ज़रूरत नहीं है. मगर इस वक़्त जो सर्कस चल रहा है उसकी वजह से मुझे अदालत में ये बात साबित करनी पड़ेगी कि उसे और उसके परिवार को जानबूझकर इस मामले में घसीटा गया है. केवल मेरी वजह से. जबकि इस मामले में उन लोगों का कोई कसूर नहीं है. मुझे यकीन है कि वो जल्दी ही इस झंझट से निकल जाएगी और वो खुद को बेकसूर साबित करने में कामयाब हो जाएगी." 

तो इस तरह सुकेश खुलेआम ये ऐलान कर रहा है कि वो और जैकलीन फर्नांडिस रिलेशनशिप में हैं. इसी रिश्ते के नाते उसने जैकलीन और उसके परिवार के लोगों को तमाम तोहफे दिए. तोहफे खरीदने के लिए उसने अपने गाढ़े खून पसीने की कमाई खर्च की. इतना ही नहीं, वो ये भी कहता है कि जैकलीन बेकसूर है और वो अपने प्यार के साथ हमेशा खड़ा रहेगा. 

जैकलीन से रिश्ते के बाद सुकेश अपनी ज़िंदगी के कुछ और राज़ से भी पर्दा उठाता है. ये राज़ उसकी आलीशान जिंदगी, महंगे शौक और कमाई के ज़रिए से जुड़े हैं. सुकेश अपने खत के प्वाइंट नंबर चार में अपनी कमाई का ज़रिया बताता है- 

खत का प्वाइंट - 4
"मैंने देखा कि कुछ सवाल हैं जिनका ताल्लुक मेरे कारोबार से है और जिनका ज़िक्र चार्जशीट में भी किया गया है. लिहाजा मुझे ये बात साफ करनी है कि इंडोनेशिया की कोयला खदान में मेरी हिस्सेदारी थी. इसके अलावा कुछ होटलों में और न्यूज़ चैनल में भी मैं साझीदार था, जिनका बाद में मैंने सौदा कर दिया. कॉरपोरेट घरानों के लिए लॉबिंग का काम करते हुए मैंने हथियारों और रक्षा क्षेत्र के कई ठेके भी लिए.
 
मेरे बारे में आयकर विभाग ने विस्तार से जो तफ्तीश की है, उस रिपोर्ट में ये सब कुछ बाकायदा साफ-साफ लिखा है. और जैसे ही ये सारी जांच खत्म होती है मैं तमाम संबंधी दस्तावेज मुहैया करवा सकता हूं. जिनको देखकर हर तरह का शक और शुबा निकल सकता है. ऐसे में न तो कुछ छुपाने की जरूरत पड़ेगी और न ही उसे डरने की कोई जरूरत है. सब कुछ कानूनी है और सब कुछ सबके सामने होगा शीशे की तरह. जिसे आसानी से हर कोई देख सकता है."  

तो पढ़ा आपने...कोयला खदान, कई होटल, हथियारों और रक्षा क्षेत्र के कई ठेकों में हिस्सेदारी के साथ-साथ सुकेश चंद्रशेखर यही कह रहा है कि बाकायदा न्यूज चैनल में भी वो कभी साझीदार हुआ करता था. प्वाइंट टू प्वाइंट लिखे इस खत के पांचवें प्वाइंट में सुकेश खुद के और खुद के जानने वालों के खिलाफ साज़िश रचे जाने का इल्जाम लगाता है- 

खत का प्वाइंट - 5 
"..और आखिर में मैं यही कहना चाहता हूं कि मेरे इर्द गिर्द जो कुछ भी चल रहा है, वो सब कुछ सियासी बदले की कार्रवाई है. बल्कि ये भी कहा जा सकता है कि ये शायद देश की सबसे बड़ी साज़िश भी है और यही सबसे बड़ी वजह भी है. इसीलिए मुझे और मेरे परिवार के साथ-साथ मेरे प्यार और उसके परिवार और दोस्तों को इस पचड़े में घसीटकर दबाव बनाने की कोशिश की जा रही है. लिहाजा मैंने आगे आकर उसकी मदद करने की कोशिश की है, ताकि वो इस दलदल से बाहर निकल सके. मेरा दिल गवाही नहीं देता कि बदले की इस कहानी की स्क्रिप्ट लिखने वालों को उनके मकसद में कामयाब होने दूं.
 
इसलिए मैं ये बात पूरी तरह से साफ कर देना चाहता हूं कि इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि मैं जो कुछ भी सामने नहीं ला सका, लेकिन किसी भी सूरत में तमाम जांच एजेंसियों के साथ मिलकर जो दबाव डाला जा रहा है, उसे कामयाब नहीं होने देना चाहता. बस ये केवल वक़्त का तकाजा है. लेकिन मेरा टाइम आएगा. वो बहुत ज़्यादा दूर नहीं है. मैं एक-एक चीज कोर्ट में साबित कर दूंगा. कोई भी सच और हकीकत को झुठला नहीं सकता. इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कोई कितनी ही मज़बूती से इसे छुपाने की कोशिश करे." खत के आखिर में सुकेश अपना फ्यूचर प्लान भी बताता है- 

करोड़ों की संपत्ति जब्त
आपको बताते चलें कि ईडी ने जैकलीन की 7 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति भी जब्त कर ली है. ईडी ने 24 अगस्त को चेन्नई में सुकेश का सी-फेसिंग बंगला भी सीज कर लिया था. उस बंगले से करीब 82 लाख रुपए कैश, 2 किलो सोना और 12 से ज्यादा लग्जरी गाड़ियां जब्त की गई थीं. 

 

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