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यूपी में नहीं हो रहा क्राइम कंट्रोल, कानपुर के बाद तीन और अपहरण

यूपी में अपहरण की वारदातों को लेकर पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठ रहे हैं. कानपुर संजीत अपहरणकांड की वारदात के बाद सरकार ने बड़े बड़े दावे किए थे, लेकिन उस वारदात के बाद भी एक नहीं, दो नहीं बल्कि तीन-तीन अपहरण के मामले सामने आए हैं.

संजीत अपहरणकांड में यूपी पुलिस की काफी किरकिरी हो चुकी है संजीत अपहरणकांड में यूपी पुलिस की काफी किरकिरी हो चुकी है
aajtak.in/परवेज़ सागर
  • नई दिल्ली,
  • 27 जुलाई 2020,
  • अपडेटेड 8:34 PM IST

  • कानपुर के संजीत अपहरण-हत्याकांड के बाद भी बदमाश बेखौफ
  • गोंडा समेत कई जिलों में ताबड़तोड़ घटनाएं, पुलिस को चुनौती

उत्तर प्रदेश में इन दिनों अपराधी बेखौफ हैं, वो जहां चाहते हैं घटनाओं को अंजाम देते हैं. खासकर अपहरण की वारदातों को लेकर यूपी पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठ रहे हैं. कानपुर संजीत अपहरणकांड की वारदात के बाद सरकार ने बड़े बड़े दावे किए थे, लेकिन उस वारदात के बाद भी एक नहीं, दो नहीं बल्कि तीन तीन अपहरण के मामले सामने आए हैं.

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गोंडा में बच्चे का अपहरण

यूपी के गोंडा जिले में किडनैपर बच्चे को अगवा करने में कामयाब हो गया था. किडनैपर एक महिला थी. उसने बच्चे की रिहाई के बदले 4 करोड़ की फिरौती मांगी. फिरौती के लिए बाकायदा लेडी किडनैपर ने बच्चे को पिता के फोन किया. फोन पर सीधे धमकी दी. बच्चा ज़िंदा चाहिए या नहीं. इत्तेफाक से लेडी किडनैपर की ये कॉल रिकार्ड हो गई. बस उसी कॉल की वजह से पुलिस को इस केस में राह दिखाई दी. पुलिस पूरे जिले में जाल फैलाया.

एक ख़बर पुलिस के लिए राहत लेकर आई. पुलिस को मुखबिर से सूचना मिली कि बदमाश बच्चे को गोंडा से बाहर लेकर जा रहे हैं. पुलिस ने देर रात बैरिकेडिंग की. चिन्हित कार को रोका. लेकिन जब बदमाश गोली चलाने लगे. तो पुलिस ने जवाबी फायरिंग की. दो बदमाशों उमेश और दीपू को पैर में गोली लगी. लेकिन सभी पकड़ में आ गए.

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किडनैपर महिला भी धरी गई. पुलिस ने बदमाशों के पास से 32 बोर की एक पिस्तौल और 315 बोर के दो तमंचे भी बरामद किए. इस मामले में कुल पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया. बच्चे को सकुशल बरामद किया गया. बदमाशों ने कारोबारी के घर से बच्चे को अगवा किया था. वो लोग सेनिटाइजर और मास्क बांटने के बहाने वहां गए थे. सीसीटीवी में एक बदमाश को देखा गया था. बच्चा भी उसके पीछे-पीछे जा रहा था. इसी वीडियो के आधार पर पुलिस को बदमाश की कदकाठी का पता चला था.

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गोरखपुर में अपहरण के बाद बच्चे की हत्या

लेकिन गोंडा वाले बच्चे की तरह सब किस्मत वाले नहीं होते. ताजा मामला यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के गोरखपुर जिले का है. जहां बदमाशों ने अपहरण की वारदात को बेखौफ अंजाम दिया. रविवार की शाम को पांचवी कक्षा में पढ़ने वाले छात्र को अगवा कर लिया और उसके परिजनों से एक करोड़ की फिरौती की मांग की गई. मामला पुलिस तक जा पहुंचा. सीएम के जनपद का मामला था, लिहाजा एसटीएफ को भी जांच में लगाया गया. लेकिन बदमाश बेरहम थे, उन्होंने अपहरण के कुछ मिनटों बाद करीब 5 बजे ही बच्चे की हत्या कर दी.

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इससे पहले कि पुलिस और एसटीएफ बच्चे तक पहुंच पाती, बच्चे का शव एसटीएफ ने बरामद कर लिया. इस घटना की जानकारी मिलने पर बच्चे के घर में कोहराम मच गया. वहां भी हालात कानपुर जैसे हो गए. हर तरफ मातम है. और पुलिस खामोश. अफसर जल्द अपराधियों तक पहुंचने का आश्वासन दे रहे हैं. कानपुर के बाद इस मामले को लेकर भी योगी सरकार पर विपक्ष के निशाने पर है.

नोएडा से पांचवीं का छात्र लापता, सप्ताह बाद भी नहीं खबर

दिल्ली से सटे उत्तर प्रदेश के नोएडा में 10 साल का मासूम शिवम संदिग्ध हालातों में लापता हो गया. मामला सेक्टर 20 थाना क्षेत्र के हरौला का है. लापता मासूम 5वीं कक्षा का छात्र है. परिजनों ने उसके लापता होने की शिकायत की तो पुलिस ने खानापूर्ति के लिए गुमशुदगी दर्ज कर ली. बच्चे को गायब हुए एक हफ्ते से भी ज्यादा का वक्त हो चुका है. परिजन थाने के चक्कर काट रहे हैं. मगर न तो परिजनों को उसकी कोई ख़बर लगी और न ही पुलिस ने कोई कार्रवाई की.

लापता बच्चे के पिता ने पुलिस को बताया कि शिवम पास की दुकान से कुछ सामान लेने गया था. जब वह देर तक नहीं लौटा तो उन्होंने उसे तलाश किया. लेकिन उसका कुछ पता नहीं चला. उन्होंने बताया कि बच्चा बहुत समझदार है. उसे किसी भी तरह की डांट या फटकार भी नहीं मिली, जो वो भागने की सोचता. रही बात रास्ता भटकने की तो वह अपनी मां की मदद के लिए दूर-दूर जाता था. अभी इस मामले में पुलिस भी कुछ नहीं कह रही है.

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कानपुर देहात में अपहरण की वारदात

यूपी के कानपुर देहात में एंटीक समान की टेस्टिंग करने वाले व्यक्ति का अपहरण कर लिया गया. उसे एंटीक समान की टेस्टिंग करने के नाम पर बुलाया गया था. यही नहीं अपहरण करने के बाद बदमाशों ने उसके घरवालों से 1 करोड़ की फिरौती मांगी. इस दौरान अगवा किए गए शख्स को बेरहमी से पीटा भी गया. इस काम में बीजेपी का एक नेता भी शामिल था.

मामला यूपी के कानपुर देहात का है. अकबरपुर कोतवाली क्षेत्र के रहने वाले सत्यम सिंह चौहान ने बीती 19 जुलाई को एक चमत्कारी बॉक्स को चेक कराने के नाम पर मध्य प्रदेश के खंडवा से पंडित सुशील तिवारी को कानपुर देहात बुलावाया. पंडिताई करने वाले सुशील तिवारी एंटीक सामान की परख करते हैं, जिसकी अंतरराष्ट्रीय बाजार में करोड़ों की कीमत होती है. सुशील किलोमीटर के हिसाब से अपनी फीस लेते हैं. ये फीस लाखों में हो जाती है.

इसी वजह से सत्यम सिंह चौहान ने रोहित, पंकज और अन्य साथियों के साथ मिलकर सुशील का अगवा अगवा किया था. पुलिस ने मामले का खुलासा करते हुए सत्यम सिंह चौहान के पास से सफेद रंग की टीयूवी (TUV) कार बरामद की है, जिस पर भाजपा जिला मंत्री भी लिखा है. साथ ही उस पर भाजपा का झंडा भी गाड़ी में लगा है. वहीं, पुलिस को दिल्ली नम्बर की बार वाली एक नीले रंग की बलेनो भी बरामद की है. इसी गाड़ी से भाजपा नेता का दोस्त रोहित सिंह सुशील तिवारी को दिल्ली से अपने साथ लेकर आया था. पुलिस ने तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है और अन्य लोगों की तलाश के लिए टीम गठित कर दी है.

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बदायूं में दिनदहाड़े अपहरण-लूट की वारदात

यूपीके बदायूं जिले में दिन दहाड़े 16 जुलाई को व्यापारी के बेटे और टेंपो चालक का अपहरण कर मैंथा आयल की लूट को अंजाम दिया गया. बिनावर थाना क्षेत्र में हुई सनसनीखेज वारदात को पुलिस ने दबाने का प्रयास किया. पुलिस ने इसे संदिग्ध घटना करार दिया. पुलिस अपहरण और लूट की वारदात का मुकदमा दर्ज करने से भी कतराती रही. यहां तक कि लुटेरों को पकड़ने की जगह भुक्तभोगी को हिरासत में लेकर सवाल-जवाब करती रही.

चश्मदीदों ने कहा भी कि दो गाड़ियों में सवार होकर आए बदमाशों ने घटना को अंजाम दिया, लेकिन पुलिस मानने को तैयार नहीं थी. व्यापारी के बेटे ने रामपुर के पेट्रोल पंप के बारे में बताया जहां बदमाशों ने अपनी गाड़ियों में तेल डलवाया था. वहां से सबूत भी मिले थे. लेकिन पुलिस अपनी बात पर कायम रही. इस घटना से व्यापारियों में पुलिस की प्रति रोष है. मामले से पर्दा उठ जाने के बाद भी पुलिस इस संगीन वारदात को संदिग्ध बताती रही.

8 माह पहले हुआ था अपहरण, फिरौती नहीं दे पाया परिवार

यूपी के इटावा शहर की फ्रेंड्स कॉलोनी में रहने वाला एक परिवार पिछले 8 माह से अपने बेटे शिवम को तलाश रहा है. जिसका अपहरण 18 नवंबर 2019 को हुआ था. अपहरण के तीसरे दिन बदमाशों ने एक दूध वाले को भेजकर 6 लाख की फिरौती मांगी थी. आर्थिक परेशानी के चलते पीड़ित परिवार फिरौती के लिए पैसों का इंतजाम नहीं कर पाया. जिसकी वजह से उनका बेटा वापस नहीं लौटा. अपहरण के बाद से उसके परिजन इटावा से लेकर लखनऊ तक अफसरों से गुहार लगा चुके हैं, लेकिन आज तक शिवम का कोई सुराग नहीं मिला. पीड़ित परिवार अपने लापता बेटे के पोस्टर शहर में जगह जगह लगा रहा है.

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