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मारपीट, लूटपाट, रेप और आपत्तिजनक वीडियो... फर्जी पुलिसवाला बनकर जंगल में आतंक फैलाने वाले 'डायना' की पूरी कहानी

डायना एक ऐसा नाम है, जिसने कुसुम्ही जंगल में अपना आतंक फैला रखा था. डायना नाम का ये कुख्यात अपराधी किसी डायन से कम नहीं है. उसने अब तक हजारों की संख्या में लूटपाट की घटनाओं को अंजाम दिया है. और बड़ी संख्या में महिलाओं को अपनी हवस का शिकार भी बनाया है. तो चलिए आपको बताते हैं कि आखिर ये शातिर बदमाश डायना है कौन? और कैसे वो जंगल में आतंक फैला रहा था?

पुलिस को काफी वक्त से कुख्यात बदमाश डायना की तलाश थी पुलिस को काफी वक्त से कुख्यात बदमाश डायना की तलाश थी
रवि गुप्ता/परवेज़ सागर
  • गोरखपुर/नोएडा,
  • 02 जुलाई 2024,
  • अपडेटेड 9:26 PM IST

यूपी के गोरखपुर शहर से सटा कुसुम्ही जंगल अमूमन एक सैर सपाटे और पर्यटन की जगह माना जाता है. लेकिन पिछले कुछ वर्षों से वहां कुछ ऐसा हो रहा है, जिसकी वजह से वहां जाने वाले तमाम लोग परेशान और खौफजदा हैं. लेकिन अब लोगों को परेशान होने की कोई ज़रूरत नहीं, क्योंकि उस जंगल में अमंगल करने वाला शातिर बदमाश अब पुलिस के हत्थे चढ़ गया है. जिसका नाम है डायना. 

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जंगल में आतंक का दूसरा नाम था 'डायना'
जी हां, आपने सही पढ़ा. डायना एक ऐसा नाम है, जिसने कुसुम्ही जंगल में अपना आतंक फैला रखा था. डायना नाम का ये कुख्यात अपराधी किसी डायन से कम नहीं है. उसने अब तक हजारों की संख्या में लूटपाट की घटनाओं को अंजाम दिया है. और बड़ी संख्या में महिलाओं को अपनी हवस का शिकार भी बनाया है. तो चलिए आपको बताते हैं कि आखिर ये शातिर बदमाश डायना है कौन? और कैसे वो जंगल में आतंक फैला रहा था? 

जंगल में डायना के मुखबिरों का जाल
दरअसल, कुसुम्ही जंगल गोरखपुर से कुशीनगर जिले की तरफ बढ़ने पर एक हरा भरा और घना जंगल है, जो हज़ारों एकड़ में फैला हुआ है. वहां लोग अक्सर सुकून की तलाश में जाते हैं. अच्छा वक्त गुजारने जाते हैं. कुछ प्रेमी युगल और कॉलेज और स्कूल के छात्र-छात्राएं या प्रेमी जोड़े भी वहां जाने वालों में शामिल हैं. कुछ लोग घरवालों से छिपकर और लोगों की नजरों से बचकर या फिर इस जंगल को सुरक्षित मानकर वहां जाते थे. लेकिन डायना के मुखबिर वहां हर तरफ घात लगाए बैठे रहते थे. जो उसे वहां आने वालों की खबर दिया करते थे.

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मारपीट, लूटपाट और आपत्तिजनक वीडियो
खबर मिलते ही डायना अपने गिरोह के साथ वहां पहुंच जाता था. वो कभी पुलिसवाला बनकर तो कभी वन विभाग का अधिकारी बनकर वहां आने वालों से सवाल जवाब करता था. उसके साथ मारपीट और लूटपाट करता था. यही नहीं वो दरिंदगी के मामले में भी कम नहीं है. वो खासकर वहां आने वाले जोड़ों और प्रेमी युगलों से सख्त पूछताछ करता था. ऐसे में वे लोग भेद खुलने के डर से सकपका जाते थे. तब डायना मौके का फायदा उठाने लगता था. पहले वो लड़के को बंधक बनाकर उसका वीडियो बनाता था. फिर लड़के के साथ वहां गई लड़की से छेड़छाड़ करता था. कुछ के साथ रेप भी करता था और उन लड़कियों के आपत्तिजनक वीडियो भी बनाता था. कहानी यहीं खत्म नहीं होती.

 
डायना उर्फ दयानंद उर्फ देवेंद्र निषाद का असली खेल
इसके बाद शुरू होता था डायना उर्फ दयानंद उर्फ देवेंद्र निषाद का असली खेल यानी ब्लैकमेलिंग. वीडियो बनाकर वो प्रेमी युगलों को ब्लैकमेल करता था. उनकी वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल करने की बात कहता था. और उनसे पैसे की उगाही करता था. सूत्रों की मानें तो पिछले पंद्रह सालों से वो इस काम को अंजाम दे रहा था. बड़ी संख्या में बेगुनाह लोग उसका शिकार बने हैं, जो शायद लोक लाज के डर से अपने साथ हुए उस जुल्म को बुरा सपना समझकर भुलाने की कोशिश करते होंगे.

ऐसे हुआ डायना की काली करतूत का खुलासा
जैसा कि हमने आपको पहले बताया कि जंगल में जोड़ों को पकड़कर डायना खुद को पुलिस या वन विभाग का अधिकारी बताता था और लोगों को डराता धमकता था. फिर उनसे पैसे ऐंठने की कोशिश करता था. इसी कड़ी में कुछ दिन पहले कुशीनगर के रहने वाला एक अधेड़ उम्र का शख्स अपनी महिला मित्र के साथ उसी जंगल में वक्त बिताने के लिए पहुंचा था. तभी डायना की नज़र उन पर पड़ी और उसका आपराधिक मोड एक्टिव हो गया. 

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अपनी एक गलती से पकड़ा गया डायना
वह उस शख्स के पास पहुंचा और वही किया जिसके लिए वो कुख्यात था. कुल दस हज़ार में वो उस शख्स और उसकी महिला मित्र को छोड़ने के लिए राजी हो गया. लेकिन इस दौरान डायना ने एक बड़ी गलती कर दी. दरअसल, उसने ब्लैकमेलिंग की रकम पीड़ित से ऑनलाइन ले ली. यहीं से उसने अपने गुनाह का सुराग छोड़ दिया. बस पुलिस को उसकी ऐसी ही किसी गलती का इंतजार था. इसके बाद पुलिस सर्विलांस और मुखबिर नेटवर्क के ज़रिए आसानी से डायाना तक जा पहुंची और उसे गिरफ्तार कर लिया गया. अब उसे सलाखों के पीछे भेज दिया गया है.

जंगल के पास डायना का आलीशान घर
डायना का गांव जंगल से सटा हुआ है. ऐसे में उसे जंगल के बारे में सब कुछ पता था. अपने गांव वालों के लिए वो एक मसीहा से कम नहीं था. कुछ लोग बताते है कि वो अपने गांव में कोई भी गलत काम नहीं करता है. बल्कि गांव में ही उसका एक अच्छा-ख़ासा मकान है. सूत्रों की मानें तो उसकी दो-दो बीवी भी हैं. बावजूद इसके वो अपने साथियों के साथ एक सिंडिकेट बनाकर इस गलत काम को अंजाम देता था. 

साल 2007 में दर्ज हुआ था पहला केस
यह बताना मुश्किल होगा कि वह कितने साल से इस गलत हरकतों को अंजाम दे रहा था, क्योंकि सबसे पहले उसके ख़िलाफ साल 2007 में पहला मुक़दमा दर्ज हुआ था. यह लकड़ी की तस्करी करने का मामला था. इसके बाद लगातार उसके खिलाफ कई और मुकदमे साल दर साल दर्ज होते रहे है. जिनमें लूट, डकैती और छिनैती जैसे मामले मुख्य रूप से शामिल थे. अब डायना को लूटपाट के आरोप में गिरफ्तार करके जेल भेज दिया गया है.

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मेडिकल परीक्षण में चौंकाने वाला खुलासा
लूटपाट और ब्लैकमेंलिंग के आरोप में जब पुलिस ने डायना को पकड़ा तो कानूनी प्रक्रिया के चलते जेल भेजने से पहले उसका मेडिकल कराया गया. दो दिन के बाद पुलिस को उसकी जो रिपोर्ट मिली, वह काफी चौंकाने वाली थी. दरअसल, डायना एचआईवी पॉजिटिव पाया गया. इसके बाद जेल प्रशासन में हड़कंप मच जया. अब उसे आइसोलेट किया गया और एक अलग बैरक में रखा गया है. जहां पर उसे किसी से भी मिलने की इजाज़त नहीं है.

पुलिसवाला बनकर करता था जुर्म
इस मामले में गोरखपुर की ASP अंशिका वर्मा ने बताया कि वो कई वर्षों से इस अपराध में सम्मिलित था. अभी हाल ही में वो फर्ज़ी पुलिसवाला बनकर कुछ लोगों के साथ लूटपाट कर चुका था, जिसके बाद उसे गिरफ़्तार किया गया है.

डायना उर्फ देवेंद्र निषाद का गैंग
डायना ने अपराध की दुनिया में कई वर्ष गुजार दिए हैं. इसी से उसका मन बढ़ता चला गया. पुलिस को डायना की करतूतों के बारे में पता था. वो अपने इलाके का हिस्ट्रीशीटर भी रहा है. पुलिस इस बात से परेशान है कि कोई उसके खिलाफ शिकायत भी नहीं करता था. एक कड़वा सच ये भी है कि डायना के खिलाफ एक भी रेप का मुकदमा दर्ज नहीं हुआ है. पुलिस ने गिरफ्तारी के वक्त उसके पास से पुलिस का फर्ज़ी आईडी कार्ड भी बरामद किया है. अब कानून उसके किए की सजा उसे भले ही देरी लगे लेकिन ऊपरवाले ने खुद उसका हिसाब कर दिया, जिलके चलते अब वो एचआईवी पॉजिटिव है.

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