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हाथरस कांडः एसआईटी की जांच रिपोर्ट के लिए करना होगा और इंतजार, ये है वजह

हाथरस केस का पूरा सच जानने के लिए अभी देश को 10 दिनों का और इंतजार करना पड़ेगा. मामले की जांच के लिए बनाई गई एसआईटी को यूपी सरकार ने अपनी फाइनल रिपोर्ट देने के लिए 10 दिनों का वक्त और दिया है. एसआईटी का नेतृत्व वरिष्ठ अधिकारी भगवान स्वरूप कर रहे हैं.

हाथरस कांड का शिकार बनी पीड़िता के घरवाले केस की न्यायिक जांच चाहते हैं हाथरस कांड का शिकार बनी पीड़िता के घरवाले केस की न्यायिक जांच चाहते हैं
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 08 अक्टूबर 2020,
  • अपडेटेड 4:50 PM IST
  • हाथरस कांड की जांच कर रही है एसआईटी
  • सरकार ने बढ़ाई जांच की मोहलत
  • हर एक पहलू पर है SIT की नजर

हाथरस कांड की जांच एसआईटी कर रही है. इस जांच को पूरा करने के लिए यूपी सरकार ने 10 दिनों का और वक्त दे दिया है, ताकि सच सामने आ सके. माना जा रहा है कि इस मामले में लगातार बढ़ते पेच की वजह से सरकार ने ये फैसला लिया है. अब एसआईटी आगामी 16 अक्टूबर को अपनी जांच रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंपेगी. इसी बीच एसआईटी ने बुधवार को भी पीड़िता के घर जाकर घरवालों से सवाल जवाब किए. 

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हाथरस केस का पूरा सच जानने के लिए अभी देश को 10 दिनों का और इंतजार करना पड़ेगा. मामले की जांच के लिए बनाई गई एसआईटी को यूपी सरकार ने अपनी फाइनल रिपोर्ट देने के लिए 10 दिनों का वक्त और दिया है. एसआईटी का नेतृत्व वरिष्ठ अधिकारी भगवान स्वरूप कर रहे हैं. 

मामले की जांच भले एसआईटी कर रही हो, लेकिन मामले में हो रहे खुलासों ने एसआईटी का काम और चुनौतीपूर्ण कर दिया है. पीड़ित लड़की के भाई और आरोपी लड़के के बीच फोन पर हुई लंबी बातचीत के सबूत सामने आए हैं. सवाल ये है कि अगर दोनों परिवारों में दुश्मनी थी और लड़के ने लड़की के साथ ज़्यादती कर उसकी जान ले ली, तो फिर दोनों के बीच इतनी लंबी और बातचीत बार-बार क्यों और किस विषय पर हो रही थी. 

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नई समय सीमा मिलने के बाद एसआईटी ने अपनी जांच और तेज़ कर दी है. एसआईटी के अधिकारियों ने बुधवार को पीड़ित परिवार से मुलाकात करने के साथ-साथ करीब 15 मिनट तक पीड़िता के भाई से सवाल जवाब किए, ताकि फोन वाली गुत्थी सुलझाई जा सके. हालांकि जांच अधिकारी इस मसले पर फिलहाल कुछ भी बोलना नहीं चाहते हैं. 

एक तरफ एसआईटी की जांच चल रही है, तो दूसरी तरफ यूपी सरकार ने सीबीआई जांच की सिफारिश कर दी है. तीसरी तरफ मामला सुप्रीम कोर्ट में भी जा पहुंचा है. ज़ाहिर है, आख़िरी फैसला सुप्रीम कोर्ट ही करेगा. हालांकि लड़की के घरवाले अब भी सीबीआई जांच के खिलाफ हैं, वो न्यायिक जांच चाहते हैं. 

 

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