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हाथरस कांडः जानिए, 14 सितंबर के बाद कब क्या हुआ

हाथरस कांड को लेकर राज्य सरकार को हर तरफ से घेरने की कोशिश की जा रही है. सरकार भी जवाब देने में देरी नहीं कर रही. जानिए इस मामले में 14 सितंबर के बाद आखिर क्या-क्या हुआ.

इस केस की जांच राज्य सरकार ने सीबीआई के हवाले करने की संस्तुति कर दी है इस केस की जांच राज्य सरकार ने सीबीआई के हवाले करने की संस्तुति कर दी है
कुमार अभिषेक
  • लखनऊ,
  • 05 अक्टूबर 2020,
  • अपडेटेड 10:02 PM IST
  • 14 सितंबर को लड़की के साथ हुई थी वारदात
  • हाथरस पुलिस ने एक बाद एक चारों आरोपी पकड़े
  • पीड़िता ने 15 दिन बाद दिल्ली के अस्पताल में तोड़ा दम

उत्तर प्रदेश के हाथरस कांड की गूंज पूरे देश में सुनाई दे रही है. इस मामले को लेकर यूपी से दिल्ली तक सियासी घमासान चल रहा है. राज्य सरकार को हर तरफ से घेरने की कोशिश की जा रही है. सरकार भी जवाब देने में देरी नहीं कर रही. जानिए इस मामले में 14 सितंबर के बाद आखिर क्या-क्या हुआ.

14 सितंबर 2020
सुबह 9.30 बजे पीड़िता और उसकी मां एक दूसरे से करीब 100 मीटर की दूरी पर खेत में काम कर रही थीं. खेत उच्च जाति के किसानों का है. पीड़िता और उसकी मां अक्सर वहां अपने जानवरों के लिए घास काटने जाते थे. 

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पीड़िता की मां के अनुसार, उसने अचानक अपनी बेटी की चीख पुकार सुनी ओर वो उसकी तरफ दौड़ पड़ी. मां ने अपने बेटे को फोन किया. बेटा कुछ देर बाद अपनी बाइक पर सवार होकर घटनास्थल पर पहुंचा. 

दोनों पीड़ित लड़की को स्थानीय पुलिस चौकी पर ले गए. सुबह 10.30 बजे वे लोग पुलिस चौकी पहुंचे.

पुलिस चौकी पर तैनात पुलिसकर्मियों ने बयान और शिकायत दर्ज करने के बाद एफआईआर दर्ज कर ली. (पीड़िता और उसकी मां का पहला वीडियो स्थानीय पुलिस चौकी का ही था.)

सुबह के 11.45 बजे पुलिस पीड़िता को अपनी जीप में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (PHC) ले गई.

12.10 से 12.30 बजे के बीच प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के डॉक्टर ने कहा कि पीड़िता गंभीर है. PHC क्लिनिक में उसके इलाज की कोई सुविधा नहीं है. इसके बाद उसे एएमयू के जेएन मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में रेफर कर दिया गया. 

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PHC क्लिनिक की एम्बुलेंस पीड़िता को अलीगढ़ के जेएन मेडिकल कॉलेज ले गई. पीएमयू में शाम 4.10 बजे उसे एडमिट किया जाता है. (पीएचसी क्लिनिक से एएमयू की ड्राइव लगभग 2 घंटे की है.)

28 सितंबर 2020
पीड़ित लड़की को दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में रेफर किया गया. (एएमयू डॉक्टरों ने बाद में कहा कि उन्होंने उसे एम्स रेफर कर दिया है.)

29 सितंबर 2020
सफदरजंग अस्पताल में पीड़ित लड़की की मौत गई.

पीड़िता और परिवार के बयान
- 14 सितंबर को लड़की के भाई ने अपने बयान में संदीप को हमलावर के रूप में बताया और कहा लड़की बेहोश है.
- 19 सितंबर को पीड़ित लड़की ने अपना पहला बयान दिया. पीड़िता ने आरोपी संदीप सहित दो हमलावरों के नाम बताए. बलात्कार के प्रयास की बात कही. लेकिन बलात्कार की नहीं.
- 22 सितंबर को लड़की ने अपना दूसरा बयान दिया. सभी चार आरोपी लड़कों के नाम की पुष्टि की. पीड़िता ने बयान में बताया कि उसके साथ सामूहिक बलात्कार किया गया था. पुलिस का दावा है कि उन्होंने तब एफआईआर में सामूहिक बलात्कार की नई धारा जोड़ दी.

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