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मुस्कान से कराया पति का 'वध', घर ले गया सौरभ का कटा सिर-हथेलियां... साहिल से जुड़ी वो पहेली जिसने पुलिस को उलझाया

साहिल शुक्ला का कमरा देख कर आप को आसानी से समझ आ जाएगा कि एक अंधविश्वासी के दिमाग में क्या चलता है. वो क्या सोचता है? उसके आसपास की चीजें कैसी होती हैं? 10 बाई 10 का कमरा. कमरे के दरवाजे से ही कमरे की कहानी शुरु हो जाती है.

मुस्कान का प्रेमी साहिल शुक्ला जादू टोना और तंत्र मंत्र से जुड़ा है मुस्कान का प्रेमी साहिल शुक्ला जादू टोना और तंत्र मंत्र से जुड़ा है
उस्मान चौधरी/हिमांशु मिश्रा
  • मेरठ,
  • 21 मार्च 2025,
  • अपडेटेड 9:12 PM IST

Meerut Saurabh Kumar Murder Case: कत्ल के लिए वध शब्द का इस्तेमाल करना. सौरभ के दोनों हाथों की हथेलियां काट देना. सौरभ के सीने पर पहला वार मुस्कान के हाथों से करना और फिर सौरभ का कटा हुआ सिर और दोनों हथेलियां अपने घर ले जाना. मेरठ पुलिस अभी इन पहेलियों को सुलझाने की कोशिश में लगी ही थी कि फिर मुस्कान के प्रेमी साहिल शुक्ला का कमरा सामने आ गया, जिसके दरो दीवार देखने के बाद ये सवाल भी उठने लगा कि सौरभ की हत्या के पीछे की वजह तंत्र-मंत्र या जादू टोने या कुछ और है? साथ ही इस मामले में अब मुस्कान के घरवाले भी सवालों के घेरे में आ गए है. ये पूरा मामला अभी भी उलझा हुआ है.   

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स्कूल टाइम से ही दोस्त थे साहिल और मुस्कान
साउथ की एक सुपरहिट फिल्म है डीजे. पुष्पा यानी अल्लू अर्जुन फिल्म के हीरो. इस फिल्म में एक कैरेक्टर है 20 साल पहले मर चुकी अपनी मां से अब भी बात करता है. मेरठ में एक अंधविश्वासी प्रेमी का घर है. नाम है साहिल शुक्ला. उसकी मां को मरे भी कई बरस बीत चुके हैं. पर साहिल स्नैपचैट पर आज भी अपनी मां से बात करता है. साहिल की स्कूल टाइम की दोस्त और प्रेमिका है मुस्कान. जिसे साहिल के बारे में ये पता था कि वो अपनी मुर्दा मां से अब भी बातें करता है. साहिल को कंट्रोल में रखने के लिए मुस्कान ने भी साहिल की मां के नाम से स्नैपचैट पर एक अकाउंट खोला. और साहिल की मां बन कर साहिल से बातें करने लगीं.

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साहिल के कमरे का मंजर
पुलिस की कहानी तो आप समझ गए. अब कहानी की गहराई में जाने के लिए ज़रूरी है अंधविश्वासी प्रेमी साहिल के घर को समझना. उसका कमरा देख कर आप को आसानी से समझ आ जाएगा कि एक अंधविश्वासी के दिमाग में क्या चलता है. वो क्या सोचता है? उसके आसपास की चीजें कैसी होती हैं? 10 बाई 10 का कमरा. कमरे के दरवाजे से ही कमरे की कहानी शुरु हो जाती है. कमरे की तरफ कदम बढ़ाते ही पहले कदम पर मौजूद इस दरवाजे से आप नज़रें चुरा ही नहीं सकते. नमक स्वाद अनुसार, अकड़ औकात अनुसार. तो दरवाज़े पर स्वागत इसी लाइन से होता है.

क्या आदियोगी है साहिल?
अब दरवाजा खुलता है. कमरे में दाखिल होते ही सामने दीवार पर भगवान शिव की एक तस्वीर दिखाई देती है. तस्वीर भगवान शिव के आदियोगी अवतार की है. तमिलनाडू के कोयंबटूर में मौजूद आदियोगी वही होते हैं जो योग साधना करना चाहते हैं. यानि शांति चाहते हैं. साहिल के कमरे में सोफे पर एक स्केच है. जो साहिल का है, जिसे उसने खुद बनाया है. पहली नज़र में ही कमरे में बिखरे सामान को देख कर अंदाजा लग जाता है कि ये किसी बैचलर का ही कमरा है. कोई भी चीज तो अपनी जगह पर नहीं है.

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साहिल के कमरे में शैतानी तस्वीर!
कमरे में दो दरवाजे और दो खिड़कियां हैं. खिड़कियां पर्दे से ढकी हुई हैं. ताकि रोशनी कमरे में कम से कम आए. शायद साहिल को अंधेरा ज्यादा पसंद था. अंदर एक कुर्सी, एक टेबल और सोफा कम बेड रखा हुआ है. सोफे के ठीक ऊपर दीवार पर इस कमरे की सबसे अजीब चीज है एक सैटेनिक पिक्चर. यानि पैशाचिक तस्वीर. इस शैतानी तस्वीर के ठीक ऊपर ब्लैक मैजिक स्टार है, जिसपे 5 बार 6 लिखा हुआ है. साथ ही कुछ जंजीर है जो नीचे जाकर जुड़ रही हैं. इस तरह की तस्वीर अक्सर वही लोग लगाते हैं जो ब्लैकि मैजिक यानि काला जादू में विश्वास रखते हैं. 

दीवारों पर देवी देवताओं के चित्र
आगे दीवार पर दो हाथ बने हैं. एक के हाथ में सिगरेट है. एक हाथ पर लिखा है पफ..पफ..पास. यानि सिगरेट पियो और आगे पास कर दो. नीचे टेबल पर ऐशट्रे है, जिसमें कई सिगरेट्स के बड्स पड़े हैं. टेबल पर सिगरेट, बीड़ी, लाइटर माचिस पड़ी है. आगे दीवार पर भगवान गणेश की एक छोटी सी आकृति बनी हुई है. और साथ में ही भगवान शिव की एक और तस्वीर है. दीवार पर वहीं आदियोगी, माहदेव, ओम नम: शिवाय और बूम शंकर लिखा है. शिव जी की तस्वीर के साथ ही एक पेड़ भी है. जिसपे ओम बना है. पेड़ से एक पिंजरा लटका है. कई पक्षी पेड़ पर है. 

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तंत्र-मत्र, जादू-टोना में विश्वास
और इन सबके ठीक ऊपर साहिल की अपनी मां के साथ एक तस्वीर टंगी हुई है. दरवाजे के ठीक बगल में एक बोर्ड लगा है जिसपर लिखा है यू कांट ट्रिप विद अस. यानी आप हमसे उलझ नहीं सकते. वहां भी एक शैतानी तस्वीर बनी हुई है. कमरे में चांद से लटकता हुआ एक अजीब से आकार का जानवर भी नजर आ रहा है. साहिल के इस कमरे को देखकर साफ समझ आ रहा है कि वो तंत्र-मत्र, जादू-टोना में विश्वास रखता था. और नशे का आदि था. और इसी कमरे का सच बाहर आने के बाद अब मेरठ पुलिस इस पहलू से भी मामले की जांच कर रही है कि सौरभ के कत्ल के पीछे धोखा और फऱेब के साथ जादू-टोना का भी तो एंगल नहीं है? 

मुस्कान से ही करना चाहता था सौरभ का 'वध'
सौरभ के कत्ल से जुड़ी कई ऐसी चीजें हैं, जो इशारा करती हैं कि साहिल के अंधविश्वासी होने की वजह से कत्ल भी उसी तरीके से किया गया. जैसे साहिल जब भी मुस्कान से सौरभ के मारने की बात करता तो कभी हत्या या कत्ल शब्द का इसतेमाल नहीं करता. वो यही कहता कि उसे सौरभ का वध करना है. इतना ही नहीं वो ये भी चाहता था कि ये वध उसके हाथों से ना हो. बल्कि ये वध खुद मुस्कान करे. वो भी अपने हाथो से. खंजर उतारने वाली बात शायद वो अंधविश्वास ही था कि साहिल ने मुस्कान के हाथ से तीन बार सौरभ के सीने में खंजर उतारा. इन तीन वार से ही सौरभ की मौत हो चुकी थी. 

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हथेलियां और सिर काटकर साथ ले गया था साहिल
फिर भी साहिल ने अपने हाथों से सौरभ का सिर काट कर उसे धड़ से अलग कर दिया. इतना ही नहीं अमूमन लाश को किसी फ्रिज या बैग में ठूंसने के लिए ही कातिल लाश के टुकड़े करता है. हाथ-पैर काट देता है ताकि लाश बैग या फ्रिज में आसानी से आ जाए. मगर यहां साहिल सौरभ के हाथ नहीं काटता. बल्कि सिर्फ उसकी दोनों हथेलियां काटता है. हथेली काटने का मतलब अब तक पुलिस समझ नहीं पाई है. पुलिस के गले ये बात भी नहीं उतर पा रही है कि जब पूरी लाश इतने बड़े ड्रम में ही रखना था तो फिर सौरभ का सिर और हथेली काटने की क्या जरूरत थी? 

नशा और टोना-टोटका करता था साहिल!
और तो और ये बात भी बेहद अटपटी है कि सौरभ के कत्ल के बाद धड़ तो साहिल ने मुस्कान के घर में ही बैग में डाल कर छोड़ दिया. जबकि उसका सिर और दोनों हथेलियां एक दूसरे बैग में रख कर देर रात अपने साथ अपने घर ले गया. हथेलियां और सिर अपने साथ ले जाने का क्या मकसद हो सकता है? हथेली घर ले जाने शुरूआती पूछताछ और तफ्तीश के मुताबिक साहिल शराब के अलावा गांजे का भी नशा करता था. मां की मौत के बाद से वैसे ही सदमे में था. जिस तरह वो मुर्दा मां से बाते करने की बात कहता और जो तरीका उसने सौरभ के कत्ल के लिए आज़माया उससे साफ है कि अंधविश्वासी होने के साथ-साथ वो टोना-टोटके में यकीन रखता था. और उसका कमरा इसी बात की गवाही देते हैं.

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साथ-साथ पढ़ते थे मुस्कान और साहिल
साहिल शुरू से ऐसा नहीं था. वो मेरठ के एक स्कूल में पढ़ता था. इत्तेफाक से उसी स्कूल में मुस्कान भी पढ़ती थी. दोनों आठवीं तक एक ही स्कूल में साथ रहे थे. तब भी दोनों में दोस्ती थी. मगर तब बचपना था. बाद में स्कूल बदल गया और दोनों जुदा हो गए. वक्त बीतता रहा. इधऱ 2016 में मुस्कान ने सौरभ से शादी कर ली. दोनों की लव मौरिज थी. सौरभ ने तो घर वालों की मर्जी के खिलाफ जाकर शादी की थी. यहां तक कि तब घर वालों ने उससे रिश्ता तक तोड़ लिया था. 

स्टूंडेट्स ग्रुप के ज़रिए मुलाकात
शादी के कुछ साल बाद ही सोशल मीडिया पर उसी स्कूल के स्टूंडेट्स का एक ग्रुप एक्टिव हुआ, जिसमें कभी साहिल और मुस्कान साथ पढ़ा करते थे. इसी ग्रुप ने कई बरस बाद साहिल और मुस्कान का एक बार फिर आमना-सामना करा दिया. बचपन का प्यार अब सचमुच के प्यार में बदल चुका था. इसी दौरान साहिल की मां की मौत हो गई. साहिल अपनी मां के बेहद करीब था. मां की मौत के बाद से धीरे-धीरे अंधविश्वासी होता चला गया. उसने लोगों से कहना शुरू कर दिया कि उसकी मां से अब भी उसकी बातें होती हैं. 

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अपनी 'मुर्दा' मां से बातें करता था साहिल
उसकी मां नहीं थी. मगर उसने अपनी मां के नाम पर स्नैप चैट पर एक अकाउंट खोल रखा था. उसे लगता था कि उसकी मुर्दा मां उससे बात करती है. ये बात मुस्कान को भी पता थी. मुस्कान ने अपने भाई के मोबाइल नंबर पर एक अकाउंट खोला. उसी नंबर के जरिए वो साहिल को उसकी मां बन कर मैसेज करती थी कि मुस्कान अच्छी लड़की है, तू उसके साथ खुश रहेगा. इससे साहिल मुस्कान से और ज्यादा प्यार करने लगा. शायद मां वाली बात और अंधविश्वास का ही असर था कि अब वो मुस्कान से शादी करना चाहता था. और इसके लिए वो सौरभ को रास्ते से हटाना चाहता था. 

नवंबर से बना रहे था मर्डर का प्लान
इतना ही नहीं इसी अंधविश्वास के चक्कर में वो मुस्कान को ये भी कहता था कि सौरभ का वध वही करेगी. मुस्कान भी अब सौरभ से पीछा छुड़ाना चाहती थी. इसी के बाद दोनों ने पिछले साल नवंबर में ही तय कर लिय़ा था कि इस बार सौरभ के मेरठ आते ही उसे मार डालेंगे. और नवंबर से ही कत्ल की प्लानिंग शुरू हो गई. सबसे पहले दोनों ने इस बात की प्लानिंग की कि कत्ल के बाद लाश का क्या करेंगे? आखिर में तय किया कि लाश को जमीन में गाड़ देंगे. पर कैसे ये उन्हें नहीं पता था इसके लिए अब दोस्तों से पूछताछ करने लगे. मगर दूसरी तरह से. वो पूजा सामग्री गाड़ने के लिए पूछ रहे थे.

कत्ल के लिए तय किया था ये खास दिन
मगर लाश दफनाने वाला आइडिया काम नहीं आया. तब इन्होंने दो और आइडिया पर काम किया. पहला लाश के टुकड़े कर बैग में रख कर कहं फेंक आएंगे या फिर उसे ड्रम में डाल कर सीमेंट के घोल से उसे बंद कर देंगे. ड्रम वाला आइडिया साहिल का था. 25 फरवरी को मुस्कान का जन्म दिन आता है. लिहाजा सौरभ ने 24 फरवरी को लंदन से मेरठ लौटने का प्लान बनाया. ये बात मुस्कान ने साहिल को बताई. इसी के बाद तय हुआ की ठीक बर्थडे वाले दिन ही सौरभ का कत्ल होगा. प्लानिंग ये थी कि शऱाब में बेहोशी की दवा मिला कर उसे पिला देंगे फिर मार डालेंगे. मगर उस रात सौरभ ने शराब पी ही नहीं.

पहले 25 फरवरी को होना था सौरभ का मर्डर
25 फरवरी वाला आइडिया यानी पहली कोशिश नाकाम रही. अब मौत की दूसरी तारीख 3 मार्च तय की गई. क्योंकि उस दिन मुस्कान और सौरभ की बेटी के एग्जाम खत्म होने थे और फिर बेटी को मुस्कान अपनी मां के घर भेजने वाली थी. प्लान के तहत मुस्कान पहले से ही दुकान से आठ सौ रुपए में दो चाकू खऱीद कर लाई थी. दुकानदार को शक ना हो इसलिए कहा कि मुर्गाा काटने के लिए चाकू चाहिए. फिर 3 मार्च की रात आई. इस बार शराब की जगह मुस्कान ने सौरभ का पसंदीदा खाना कोफता बनाया और उसी में बेहोशी की दवा मिला दी. जब सौरभ बेहोश हो गया. तब देर रात मुस्कान ने साहिल को घर बुलाया और फिर सौरभ के सीने पर पहला वार मुस्कान ने ही किया. क्योंकि सौरभ चाहता था कि सौरभ का वध मुस्कान करे.

बदल भी सकती थी कहानी
ये साहिल का अंधविश्वास ही था कि उसने कत्ल के बाद उसने सौरभ की दोनों हथेलिय़ां और सिर काटकर बैग में रखा और अपने घर ले गया. दोनों ने ये भी पहले से तय कर लिया था कि कत्ल के बाद वो शिमला चले जाएंगे और सबको यही लगेगा मुस्कान और सौरभ साथ घूमने गए हैं. कत्ल के बाद सौरभ का फोन भी मुस्कान के पास था. वो सौरभ के फोन से ही उसके भाई बहन को मैसेज करती या मैसेज का रिप्लाई देती. ताकि सभी को यह लगे कि मैसेज सौरभ भेज रहा है. पर किस्मत का खेल कहिए या फरेब.. बकौल मेरठ पुलिस मुस्कान सौरभ का कत्ल तो करना चाहती थी. पर वो साहिल से शादी नहीं करना चाहती थी. और साहिल ये सब कुछ सिर्फ मुस्कान से शादी करने के लिए कर रहा था. यानी कहानी का क्लाइमेक्स कुछ और भी हो सकता था. 

मुस्कान के माता-पिता पर भी उठ रहे सवाल!
मीडिया के सामने आकर रो-रोकर अपनी कातिल बेटी के लिए फांसी की मांग करनी वाली कविता रस्तोगी मुस्कान की सौतेली मां है. सौरभ के परिजनों द्वारा पैसों को लेकर मुस्कान के घर वालों पर लगाए गए सभी आरोपों की भी जांच शुरू हो गई है. जिस मां ने अपने दामाद की मौत पर आंसू बहाए, इंसाफ की गुहार लगाई, वही अब सवालों के घेरे में है. मेरठ के एसपी सिटी आयुष विक्रम के मुताबिक पुलिस जांच में सामने आया कि सौरभ के पास करीब 6 लाख रुपये थे, जिसमें से 1 लाख रुपये मुस्कान के अकाउंट में ट्रांसफर किए गए थे. पुलिस के अनुसार चौंकाने वाली बात यह है कि मुस्कान की मां के अकाउंट में भी पैसे भेजे गए थे. इससे पहले भी कब-कब और कितने पैसे भेजे गए, इन पैसों का कहां इस्तेमाल हुआ, ऐसे सवालों का जवाब ढूंढने के लिए पुलिस जांच में जुटी हुई है.

 

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