
उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रदेश के माफियाओं की जो लिस्ट जारी की है. उसमें कई शातिर और कुख्यात अपराधियों के नाम शामिल हैं. मगर कुछ नाम ऐसे हैं, जिनकी पिछली जिंदगी देखकर कोई भी ये अंदाजा नहीं लगा सकता कि वो अब ऐसे माफिया बन बैठे, जो समाज के लिए किसी नासूर से कम नहीं. ऐसा ही एक नाम है यूपी के माफिया सुधाकर सिंह का. आज 'दबंगों की दुनिया' में कहानी सुधाकर सिंह की.
कौन है सुधाकर सिंह?
प्रतापगढ़ जिले के महेशगंज थाना क्षेत्र का एक गांव है पुरमई सुल्तानपुर. वहीं का रहने वाला है सुधाकर सिंह. बचपन से ही सुधाकर का खेलों की तरफ काफी रुझान था. वो पढ़ाई लिखाई तो करता था लेकिन खेलों में उसका ज्यादा ध्यान रहता था. वो जब थोड़ा बड़ा हुआ तो उसने वॉलीबॉल खेलना शुरू किया. उसे ये खेल इतना पसंद था कि फिर उसने पीछे मुड़कर नहीं देखा और एक दिन वो नेशनल लेवल का वॉलीबॉल खिलाड़ी बन गया.
रेलवे में लगी नौकरी
खेल की वजह से ही उसे अच्छी नौकरी मिली. साल 2005 में उसका सिलेक्शन स्पोर्टस कोटे से रेलवे में ट्रैफिक असिस्टेंट के तौर पर हो गया. तभी से वो लगातार नौकरी कर रहा था. लेकिन वो कहते हैं ना, कामयाबी, शोहरत और ताकत हर किसी को रास नहीं आती. ऐसा ही कुछ सुधाकर सिंह के साथ हुआ. उसे शराब की तस्करी और मिलावट का ऐसा चस्का लगा कि उसका ध्यान नौकरी पर कम और शराब के अवैध धंधे पर ज्यादा हो गया.
मिलावटी शराब की फैक्ट्री
सुधाकर सिंह अपनी शोहरत और ताकत का भरपूर फायदा उठा रहा था. वो मिलावटी शराब के धंधे में इतना आगे निकला कि उसने मिलावटी शराब की अवैध फैक्ट्री लगा डाली. उस फैक्ट्री में वो नामी गिरामी ब्रांड की मिलावटी शराब बनाने लगा. इस काम में उसे खूब पैसा मिल रहा था. लिहाजा, उसने पीछे मुड़कर नहीं देखा. वो कई साल तक यही काम करता रहा. काम बढ़ता गया तो इस काम में उसने कई पार्टनर बना लिए थे.
पुलिस के रडार पर सुधाकर
मिलावटी शराब के कारोबार से सुधाकर सिंह मोटा मुनाफा कमा रहा था. इसी के साथ उसने सरकारी शराब की छह दुकानों का लाइसेंस भी हासिल कर लिया था. जहां वो अंग्रेजी शराब की आड़ में मिलावटी शराब बेचा करता था. जुर्म की दुनिया में उसकी धमक सुनाई देनी लगी थी. यही वजह थी कि वो अब पुलिस के रडार पर आ चुका था. उसके खिलाफ मामले दर्ज होने लगे थे.
अप्रैल 2021
प्रतापगढ़ में पुलिस उसके पीछे थी और वो आगे. उसकी करतूतों का पता पुलिस को चल चुका था. अप्रैल 2021 में जिले की पुलिस ने हथिगवां थाना क्षेत्र के नौबस्ता गांव में गौशाला की आड़ में चलाई जा रही एक अवैध शराब फैक्ट्री का पर्दाफाश किया. जहां से पुलिस ने 10 करोड़ रुपये से ज्यादा की शराब और शराब बनाने का तमाम साजो-सामान बरामद किया. इसके बाद सुधाकर सिंह फरार हो गया. लेकिन कुंडा कोतवाली ने सुधाकर सिंह के सहयोगी संजय सिंह, पूर्व ब्लाक प्रमुख पंकज सिंह समेत कई लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया.
ऐसे पकड़ा गया था सुधाकर
संजय सिंह और उसके साथ कई शराब माफिया पुलिस के हत्थे चढ़ चुके थे. अब पुलिस को तलाश थी सुधाकर सिंह की. जो लगातार पुलिस को चकमा दे रहा था. इसी दौरान लखनऊ एसटीएफ को मुखबिर से गुप्त सूचना मिली कि प्रतापगढ़ का एक लाख का इनामी बदमाश सुधाकर सिंह लखनऊ में देखा गया है. एसटीएफ ने खबर की पुष्टि की तो खबर सही निकली सुधाकर लखनऊ में मौजूद था.
7 सितंबर 2021
अब खबर पक्की हो जाने के बाद लखनऊ एसटीएफ की टीम ने जाल फैलाया और उस इलाके की घेराबंदी कर ली. जहां सुधाकर सिंह मौजूद था. इसके बाद जैसे ही घड़ी में शाम के 6 बजे, एसटीएफ की टीम हरकत में आ गई और शातिर सुधाकर सिंह को महानगर थाना क्षेत्र के एक अस्पताल के पास से गिरफ्तार कर लिया. इसके बाद यूपी एसटीएफ की टीम ने उसे रिमांड पर लेकर पूछताछ भी की. तभी से माफिया सुधाकर सिंह जेल में बंद है.
अवैध संपत्तियों पर एक्शन
गहन छानबीन और जांच के दौरान सुधाकर सिंह की कई अवैध संपत्तियों के बारे में पुलिस को जानकारी मिली. पुलिस को ये भी पता चला कि मिलावटी शराब का कारोबार उसने प्रतापगढ़ समेत आस-पास के सभी जिलों में फैला दिया था. इसी कारोबार से उसने कई संपत्ति भी अर्जित कर ली थी. इस वजह से पुलिस प्रशासन ने उसकी अवैध संपत्तियों पर बुल्डोजर चलवाया.
भारी पुलिस बल के साथ छापेमारी
आपको बता दें कि माफिया सुधाकर सिंह का दबदबा इस कदर था कि लोकल पुलिस उस पर हाथ डालने से भी बचती थी. इसी के चलते उसकी फैक्ट्री पर छापे की कार्रवाई को एडीजी प्रयागराज के आदेश पर स्वाट टीम ने अंजाम दिया था. छापेमारी के दौरान खुद एडीजी और आइजी भारी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे थे.