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फौजी अफसर, डांसर प्रेमिका और पहाड़ों में कत्ल... पुलिस ने 24 घंटे में किया मर्डर मिस्ट्री का खुलासा, जानें इनसाइड स्टोरी

रायपुर पुलिस स्टेशन के थानेदार अब दल-बल के साथ बताई गई जगह पर पहुंचे. ख़बर बिल्कुल सही थी. सिरवालगढ़ की सुनसान सड़क पर झाड़ियों के बीच एक लड़की की लाश पड़ी थी. मरनेवाली लड़की की उम्र यही कोई 30-35 साल के आस-पास होगी. लड़की ने एक सिंगल पीस स्कर्टनुमा ड्रेस पहन रखी थी.

श्रेया को कत्ल करने के बाद उसकी लाश को लेफ्टिनेंट कर्नल ने पहाड़ों में फेंक दिया था श्रेया को कत्ल करने के बाद उसकी लाश को लेफ्टिनेंट कर्नल ने पहाड़ों में फेंक दिया था
अंकित शर्मा
  • देहरादून,
  • 14 सितंबर 2023,
  • अपडेटेड 11:57 PM IST

उत्तराखंड की राजधानी देहरादून की पहाड़ियों में एक लड़की की लाश मिलती है. उसका हुलिया देखकर साफ पता चल रहा था कि वो लड़की किसी दूसरे राज्य से आई है. ये भी जाहिर था कि लड़की का कत्ल हुआ है. अब कातिल तक पहुंचने के लिए पुलिस के पास सुराग के नाम पर सिर्फ 18 गाड़ियां थीं. इनमें से एक गाड़ी पर आर्मी लिखा हुआ था. वो गाड़ी जिस अफसर की थी, वो एक लेफ्टिनेंट कर्नल था. ऐसे सिर्फ एक गाड़ी की बिनाह पर एक आर्मी अफसर को कातिल कैसे ठहराया जा सकता था?

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10 सितंबर 2023, सुबह 7 बजे
देहरादून के रायपुर पुलिस स्टेशन के एसएचओ को उस दिन सुबह-सुबह एक शख्स ने फोन किया. फोन करनेवाला इसी थाने की हद में पड़नेवाले एक गांव सोडा सरोली का ग्राम प्रधान था. लेकिन मामूली दुआ-सलाम के बाद ग्राम प्रधान ने एसएचओ साहब को जो बात बताई, उसने साहब के होश उड़ा दिए. ग्राम प्रधान का कहना था कि उनके इलाके में एक लड़की का कत्ल हो गया है. और लाश उन्हीं के थाना इलाके में सिरवालगढ़ की एक सुनसान सड़क के किनारे झाड़ियों में पड़ी है. फोन करने वाले ने ही ये भी बताया कि लड़की के जिस्म में और खास कर सिर पर चोट के निशान हैं.

सिरवालगढ़ में पड़ी थी लड़की की लाश
रायपुर पुलिस स्टेशन के थानेदार अब दल-बल के साथ बताई गई जगह पर पहुंचे. ख़बर बिल्कुल सही थी. सिरवालगढ़ की सुनसान सड़क पर झाड़ियों के बीच एक लड़की की लाश पड़ी थी. मरनेवाली लड़की की उम्र यही कोई 30-35 साल के आस-पास होगी. लड़की ने एक सिंगल पीस स्कर्टनुमा ड्रेस पहन रखी थी. लाश पर चोट के कई निशान थे. खास कर सिर पर किसी भारी चीज से हमला किया गया था. हालांकि लाश के आस-पास कोई पर्स या आई कार्ड जैसी चीज नहीं थी, जिससे लड़की की पहचान साफ हो पाती. 

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पुलिस के सामने शिनाख्त की चुनौती
हां, पास में ही एक टॉयलेट क्लीनर की खाली बोतल जरूर पड़ी थी. ऐसे में पुलिस के लिए सबसे पहले मरनेवाली लड़की की पहचान पता करने की ही चुनौती थी. एक खास बात ये भी थी कि चेहरे मोहरे से लड़की लोकल नहीं बल्कि भारत के उत्तर पूर्वी हिस्से या फिर नेपाल की रहनेवाली लग रही थी. अब अगर लड़की बाहर की थी, तो किसी लोकल थाने में उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज होने की गुंजाइश भी नहीं के बराबर थी. हालांकि पुलिस ने ऐसी किसी रिपोर्ट के बारे में पता किया, लेकिन उसके कामयाबी नहीं मिली.

पुलिस ने खंगाली कई CCTV कैमरों की फुटेज
अब एक-एक कर पुलिस ने सबसे पहले सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगालने का फैसला किया. हालांकि सिरवालगढ़ में जहां पर लाश फेंकी गई थी, वहां आस-पास कोई सीसीटीवी कैमरा नहीं था. बल्कि ये एक सुनसान जगह थी. इसलिए पुलिस ने सिरवालगढ़ की तरफ जानेवाले तमाम सड़कों में लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज देखने का फैसला किया. चूंकि लाश सुबह-सवेरे मिली थी, शक था कि लाश एक रोज़ पहले रात के अंधेरे में ही फेंकी गई हो. इस हिसाब से पुलिस के पास एक करीब 12 से 15 घंटों के समय का एक अंदाजा भी था. इस कोशिश में पुलिस ने करीब ढाई सौ गाड़ियों की जांच, जो सिरवालगढ़ की तरफ आती-जाती ही नजर आ रही थी. और इसके बाद उसने 18 ऐसी गाड़ियों को शॉर्ट लिस्ट किया, जिनका इस वारदात से वास्ता हो सकता था. इनमें गाड़ियों की मेक, उस पर लिखे शब्द, जाने और आने के बीच का टाइम गैप सबकुछ नोट किया गया.

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ड्रेस के बार कोड से पुलिस को मिला सुराग
वैसे जांच सिर्फ गाड़ियों के सहारे ही नहीं चल रही थी, बल्कि पुलिस दूसरे तरीकों से भी कातिल तक पहुंचने की कोशिश में लगी थी. इसी सिलसिले में पुलिस ने गौर किया कि मरने वाली लड़की ने जो सिंगल पीस स्कर्ट पहनी है, वो ज्यादा पुरानी नहीं है. यानी कुछ रोज पहले ही खरीदी गई है. पुलिस ने बारीकी से ड्रेस का मुआयना किया तो उसे ड्रेस में ही एक बारकोड भी मिला. तब पुलिस ने उस बारकोड के सहारे ड्रेस बेचने वाली दुकानों तक पहुंचने का फैसला किया. पुलिस जुडियो ब्रांड की इस ड्रेस के दो शो रूम जाखन और किशन नगर में पहुंची और इन दोनों ही शो रूम में पिछले चंद दिनों में कुल आठ ऐसे ड्रेस बेचने की बात कही.

संदिग्ध गाड़ी तक पहुंच गई थी पुलिस
धीरे-धीरे ही सही पुलिस कातिल के करीब पहुंच रही थी. पुलिस ने जिस टाइम-फ्रेम में वो ड्रेस बेची गई थी, उस टाइम फ्रेम में उन दुकानों के पास की सीसीटीवी फुटेज चेक कर ये देखने की कोशिश की कि क्या उन 18 शॉर्ट लिस्ट की गई गाड़ियों में कोई गाड़ी उस खास वक्त में शो-रूम के आस-पास आई थी या नहीं? और इस कोशिश में पुलिस को पुलिस को बड़ी कामयाबी मिली. पुलिस को एक ऐसी KIA एसयूवी का पता चला, जिस पर आर्मी लिखा हुआ था. यही एसयूवी 9 और 10 सितंबर की दरम्यानी रात को सिरवालगढ़ की तरफ जाती और आती हुई भी देखी गई थी. अब पुलिस गाड़ी के नंबर से उसका एड्रेस भी पता कर चुकी थी. पुलिस को पता चला कि वारदात से पहले दिन रात को वो गाड़ी करीब 11 बजे अपने पते पर वापस लौटी थी. यानी अब तक की तफ्तीश के ये सारे तथ्य एक दूसरे से मेल खा रहे थे. और ये शक लगातार गहरा होता जा रहा था कि उस किया कार से लड़की के मर्डर का कोई ना कोई कनेक्शन जरूर है.

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मौका-ए-वारदात के आस-पास मिली मोबाइल लोकेशन 
वो KIA एसयूवी आर्मी के एक लेफ्टिनेंट कर्नल की थी. पुलिस ने आनन-फानन में लेफ्टीनेंट कर्नल का मोबाइल नंबर निकाला और फिर उसकी सीडीआर भी चेक की. सीडीआर में भी कर्नल साहब की लोकेशन उन्हीं इलाकों में नजर आ रही थी, जहां-जहां गाड़ी गई थी. और लाश फेंकी गई थी. नंबर में कर्नल साहब की बातचीत वारदात वाले समय के आस-पास एक संदिग्ध नंबर से हुई थी. ऐसे सुराग भी मिल रहे थे.

सबूतों में तब्दील हो रहे थे सुराग
ऐसे तमाम सुराग जब सबूतों में तब्दील होने लगे तो आखिरकार पुलिस ने कर्नल साहब की कोठी पर दबिश दे दी. ये थे कर्नल रामेंदु उपाध्याय. उपाध्याय ने पहले तो ऐसी किसी वारदात में शामिल होने की बात से इनकार किया, लेकिन जब पुलिस ने उसका सबूतों से सामना करवाया, तो उसके पास गुनाह कबूल करने के सिवाय कोई चारा नहीं था. उसने माना कि उसी ने 9 सितंबर की रात को श्रेया नाम की उस लड़की का कत्ल किया था. और कत्ल की वजह थी लड़की का पहले से कर्नल पर शादी के लिए दबाव बनाना. जबकि कर्नल पहले से शादीशुदा है.

सिलिगुड़ी के डांस बार में लड़की से हुई थी मुलाकात
असल में कर्नल उपाध्याय की पोस्टिंग पहले पश्चिम बंगाल के सिलिगुड़ी टाउन में थी. वहां उसका एक डांस बार में आना-जाना था. और वहीं नेपाली लड़की उसकी मुलाकात हुई. ये लड़की उस बार में डांसर के तौर पर काम करती थी. लेकिन यहां डांस से शुरू हुआ मनोरंजन पहले दोस्ती में बदला और फिर धीरे-धीरे प्यार में बदल गया. दोनों एक दूसरे से काफी करीब आ गए. और अब कर्नल उपाध्याय ही लड़की के सारे खर्चे भी उठाने लगा. लेकिन जैसे ही कर्नल उपाध्याय का ट्रांसफर देहरादून हुआ, उसने लड़की से सारे रिश्ते नाते खत्म कर दिए और देहरादून चला आया. 

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सिलिगुड़ी से देहरादून पहुंच गई थी लड़की 
अब इतने दिनों से साथ रहनेवाली लड़की कर्नल उपाध्याय से अपना हक मांगने लगी थी. वो कर्नल से शादी करने की जिद पर अड़ी थी, लेकिन कर्नल पहले से शादीशुदा था और उसे एक बच्चा भी है. इन हालात में कर्नल उससे पीछा छुडा़ना चाहता था. लेकिन लड़की अपना हक मांगती हुई सिलिगुड़ी से देहरादून आ गई. यहां कर्नल उपाध्याय ने ही उसके रहने ठहरने का इंतजाम भी किया. यहां तक कि उसे कपड़े भी दिलवाए. 

कर्नल ने ऐसे किया था अपनी माशूका का कत्ल
उधर, कर्नल की बीवी को अपने पति के इस रिश्ते की खबर मिल चुकी थी. इस रिश्ते को लेकर घर में झगड़े होने लगे थे. जाहिर है कर्नल तनाव में था और वो अब इससे बाहर निकलना चाहता था. बस इसीलिए उसने लड़की की हत्या की साजिश रच ली. 9 सितंबर को वो श्रेया को अपने साथ एक बार में लेकर गया. वहां दोनों ने शराब पी. इसके बाद गाड़ी में दोनों के बीच अपने रिश्ते को लेकर विवाद हुआ और इसी गुस्से में कर्नल से गाड़ी में रखे हथौड़े से लड़की के सिर पर एक के बाद एक कई वार कर उसकी जान ले ली. इसके बाद कर्नल उपाध्याय अपनी KIA कार से उसकी लाश सिरवालगढ़ की तरफ लेकर गया. और वहां रात के अंधेरे में सुनसान जगह पर उसकी लाश फेंक कर गाड़ी में रखा टॉयलेट क्लीनर उसके चेहरे पर डाल दिया और फरार हो गया.

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कर्नल के खिलाफ पुख्ता सबूत
हालांकि देहरादून पुलिस ने टेक्निकल इनवेस्टिगेशन के सहारे महज 24 घंटे में इस मामले की जांच पूरी कर ली और लेफ्टिनेंट कर्नल को गिरफ्तार कर मामले का खुलासा कर दिया. पुलिस को आरोपी के मोबाइल से लड़की की तस्वीरें, दोनों के बीच हुई चैट समेत कई ऐसी चीजें बरामद हुई हैं, जो कर्नल उपाध्याय के खिलाफ अदालत में अहम सबूत साबित होंगी.

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