
पुलिस ने जो बताया उसके मुताबिक घटना कुछ ऐसी है. एक नाबालिग ने फेसबुक पर एक ग्रुप बनाया- ‘जिसका कोई नहीं उसका मैं हूं.’ इस ग्रुप से चार लोग और जुड़े, जिनमें एक नाबालिग था. बाकी तीन की पहचान है- हिमाचल प्रदेश के बद्दी का रहने वाला 26 वर्षीय पवन गुप्ता, मुंबई का रहने वाला 18 वर्षीय रोहित सेठ और कोलकाता का रहने वाला 19 वर्षीय सुशांतो. पवन गुप्ता बद्दी में सिक्योरिटी गार्ड और सुशांतो कोलकाता में ड्राइवर के तौर पर काम कर रहा था.
पंचकूला डीसीपी कमलदीप गोयल ने बताया कि जिस नाबालिग ने फेसबुक ग्रुप बनाया था वो पवन गुप्ता से पहले एक दो बार मिला था. लेकिन बाकी सभी एक दूसरे से अनजान थे.
दो नाबालिगों समेत इन पांचों ने रातोंरात अमीर बनने के लिए अपराध का रास्ता चुनने का फैसला किया. इसके लिए पांचों ने पहले बद्दी, हिमाचल प्रदेश में मिलने का फैसला किया. 8 सितंबर को सुशांतो को छोड़ कर चारों बद्दी में मिले. कोलकाता से आने की वजह से सुशांतो को आने में देर हुई.
सुशांतो को छोड़कर बाक़ी चारों ने पहले पिंजौर के पास एक पेट्रोल पम्प लूटने का प्लान बनाया. 8 सितंबर को ही उन्होंने शिमला-कालका मार्ग पर एक कार को लूटने की नाकाम कोशिश भी की. 9 सितंबर को सुशांतो भी उनसे बद्दी में आ मिला. बद्दी में चारों ने पहले शराब पी और फिर एक टैक्सी लूटने की प्लानिंग की.
9 सितंबर की आधी रात पांचों कालका रेलवे स्टेशन पहुंचे. वहां से उन्होंने सोलन जाने के लिए टैक्सी ड्राइवर परविंदर उर्फ बिट्टू (40 वर्ष) को बुक किया. रास्ते में पांचों ने बिट्टू को गनपाइंट पर लेकर कार लूटने की कोशिश की. बिट्टू ने प्रतिरोध किया तो गोली चला दी. इससे बिट्टू की मौत हो गई. पांचों ने बिट्टू के शव को कालका के पास खेडावाली गांव में फेंक दिया. इसके बाद टैक्सी को भी सोलन के पास बोरटीवाला में छोड़ दिया.
पुलिस ने मोबाइल लोकेशन के आधार पर एक नाबालिग समेत 4 को गिरफ्तार किया. एक नाबालिग अब भी पुलिस की पकड़ से बाहर है.