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भोपाल सांसद साध्वी प्रज्ञा को सेक्सटॉर्शन कॉल करने वाले कैसे देते थे वारदात को अंजाम, पूछताछ में किया खुलासा

भोपाल की सांसद साध्वी प्रज्ञा को सेक्सटॉर्शन कॉल करने वाले दो आरोपियों को साइबर क्राइम की टीम ने राजस्थान के भरतपुर से गिरफ्तार कर लिया है. पूछताछ में दोनों आरोपियों ने पुलिस को जानकारी दी है कि वे कैसे बड़े नामों के नंबर निकालते थे और फिर उन्हें इस तरह के मामले में फंसा कर रुपए की मांग करते थे.

भोपाल से भाजपा सांसद साध्वी प्रज्ञा ठाकुर. -फाइल फोटो भोपाल से भाजपा सांसद साध्वी प्रज्ञा ठाकुर. -फाइल फोटो
रवीश पाल सिंह
  • भोपाल,
  • 16 फरवरी 2022,
  • अपडेटेड 6:08 PM IST
  • गूगल पर सर्च करके निकालते थे नंबर
  • दोनों आरोपी भरतपुर राजस्थान के हैं निवासी
  • आरोपियों के पास से मोबाइल, सीमकार्ड बरामद

मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से भाजपा सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर को सेक्सटॉर्शन कॉल करने वाले आरोपी पुलिस के हत्थे चढ़ चुके हैं. भोपाल में पूछताछ के दौरान आरोपियों ने कई खुलासे किए हैं. उन्होंने पूछताछ में वारदात करने के 2 तरीके बताए हैं. इन तरीकों के बारे में जानकर पुलिस भी हैरान है. 

पूछताछ के दौरान आरोपियों ने बताया कि वे सबसे पहले गूगल पर राज्य के सीनियर अधिकारी/नेताओं के मोबाईल नंबरों की सूची सर्च करके निकालते थे. सर्च में मिले नंबरों पर वॉट्सऐप के जरिए मैसेज भेजते थे. मैसेज का जवाब आने पर जाना-पहचाना नाम बताकर थोड़ी चैटिंग करने का प्रयास करते थे. इसके बाद सीधा वीडियो कॉल कर देते थे और अपने दूसरे मोबाइल पर पोर्न वीडियो चलाकर वीडियो कॉल उठाने वाले की स्क्रीन रिकार्डिंग कर लेते थे. 

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स्क्रीन रिकार्डिंग का वीडियो बनाने के बाद उस रिकार्डेड वीडियो को पीड़ित के परिचितों का फेसबुक मैसेंजर पर भेजकर इसका स्क्रीनशॉट ले लेते थे. इसी स्क्रीनशॉट को लेकर पीड़ित को ब्लैकमेल कर पैसों की डिमांड करते थे. ब्लैकमेल से प्राप्त पैसे अपने फर्जी बैंक खाते में मंगवाते थे और गिरोह के अन्य साथी एटीएम से पैसा निकालकर आपस में बांट लिया करते थे.

संबंधित धाराओं के तहत दर्ज किया गया मामला

आपको बता दें कि सांसद भोपाल साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर को उनके मोबाइल पर वॉट्सऐप वीडियो कॉल कर सेक्सटॉर्शन कर धमकाने वालों के खिलाफ धारा 354(क), 507, 509 आईपीसी के तहत मामला दर्ज किया गया था. चूंकि अपराध साइबर क्राइम से संबंधित होने से विवेचना साइबर क्राइम भोपाल द्वारा की गई थी. 

साइबर क्राइम की टीम ने आरोपियों के मोबाइल नंबर की लोकेशन के आधार पर उन्हें चिन्हित किया जो कि ग्राम चंदा का बास तहसील नगर थाना सीकरी जिला भरतपुर, राजस्थान होना ज्ञात हुआ. पुलिस टीम 05 दिन तक लगातार आरोपियों की पहचान की और उनके द्वारा घटना करने का स्थान पता किया जो कि गांव में सरसो के खेतों के बीच होना पता चला. 

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भोपाल पुलिस टीम के द्वारा आरोपियों को सरसों के खेत में घेराबंद्धी कर गिरफ्तार किया गया तथा मामले में शामिल दो आरोपियों से 03 मोबाइल व 04 सिमकार्ड को जब्त किया गया. पकड़े गए आरोपियों की पहचान वारिस खान और रवीन खान के रूप में हुई है.

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