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Bulli Bai Case: लैपटॉप में ही बिजी, पढ़ाई में अव्वल... जानें बुल्ली बाई केस के 'मास्टरमाइंड' नीरज की पूरी कुंडली

दिल्ली पुलिस की टीम ने शातिर आरोपी नीरज बिश्नोई को इस मामले का मुख्य साजिशकर्ता और ऐप का निर्माता बताया है. उसकी गिरफ्तारी जोरहाट शहर के दिगंबर चौक क्षेत्र से की गई है.

बुल्ली बाई ऐप मामले में नीरज ही मुख्य साजिशकर्ता बताया जा रहा है बुल्ली बाई ऐप मामले में नीरज ही मुख्य साजिशकर्ता बताया जा रहा है
हेमंत कुमार नाथ
  • गुवाहाटी,
  • 06 जनवरी 2022,
  • अपडेटेड 7:00 PM IST
  • बी.टेक कंप्यूटर साइंस का छात्र है आरोपी नीरज
  • किसी से बात भी नहीं करता था आरोपी
  • हमेशा अपने लैपटॉप पर रहता था बिजी

बुल्ली बाई ऐप (Bulli Bai App) मामले का मुख्य साजिशकर्ता नीरज बिश्नोई अपना ज्यादातर वक्त लैपटॉप पर ही बिजी रहता था. वो कम्प्यूटर साइंस में इंजीनियरिंग का छात्र है. उसके पिता का कहना है कि पिछले दो साल से वो किसी से बात भी नहीं करता था. हर वक्त अपने लैपटॉप पर ही व्यस्त रहता था. नीरज के पिता उसे निर्दोष बता रहे हैं.

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दिल्ली पुलिस की टीम ने शातिर आरोपी नीरज बिश्नोई को इस मामले का मुख्य साजिशकर्ता और ऐप का निर्माता बताया है. उसकी गिरफ्तारी जोरहाट शहर के दिगंबर चौक क्षेत्र से की गई है. वो वेल्लोर इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, भोपाल में बी.टेक कंप्यूटर साइंस द्वितीय वर्ष का छात्र है.
 
नीरज के पिता दशरथ बिश्नोई एक दुकानदार हैं, दशरथ का कहना है कि बुधवार की रात करीब 11 बजे, जोरहाट पुलिस के साथ दिल्ली पुलिस की तीन सदस्यीय टीम उनके घर पहुंची और उनके बेटे के बारे में पूछा. पुलिस टीम करीब 45 मिनट तक उनके घर में रही और तलाशी ली. फिर पुलिस उनके बेटे नीरज को गिरफ्तार कर अपने साथ ले गई और उसका लैपटॉप और एक मोबाइल फोन भी जब्त कर लिया. 
 
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दशरथ बिश्नोई का दावा है कि उनका बेटा निर्दोष है. वो कोई गलत काम नहीं कर सकता. उनकी दो बेटियां और एक बेटा नीरज है, जो घर में सबसे छोटा है. नीरज ने सेंट मैरी स्कूल से 86 प्रतिशत अंकों के साथ कक्षा 10वीं की परीक्षा पास की थी. उसे राज्य सरकार की तरफ से ही एक लैपटॉप मिला था.

दशरथ के मुताबिक उनकी आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है और वो अपने बेटे के लिए कोई कंप्यूटर नहीं खरीद सकते थे. वह रोजाना रात 11 बजे तक ज्यादातर समय अपने लैपटॉप में व्यस्त रहता था. नीरज को 2019 में वेल्लोर इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, भोपाल में दाखिला मिला था. लेकिन तब से वह घर से ही ऑनलाइन कक्षाएं दे रहा था.

नीरज के पिता ने बताया कि उसने कभी किसी पड़ोसी से भी बात नहीं की. वह केवल अपनी पढ़ाई और लैपटॉप में बिजी रहता था. उसने 12वीं की परीक्षा में 82 फीसदी अंक हासिल किए थे. ना नीरज का कोई दोस्त था, ना कोई उसे मिलने कभी घर आया. वह केवल अपने लैपटॉप में व्यस्त रहता था. 
 
पिछले साल 27 नवंबर को नीरज एक पारिवारिक शादी में शामिल होने राजस्थान गया था और 25 दिसंबर को जोरहाट लौट आया था. नीरज के पिता ने दावा किया कि उनका बेटा पूरी तरह से निर्दोष है. उन्होंने उसे पिछले दो सालों में किसी के साथ बात करते हुए नहीं देखा.

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(जोरहाट से पूर्ण विकास बोरा का इनपुट)

 

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