
डिजिटल युग में साइबर अपराध लोगों के साथ ही पॉलिसी मेकर्स के लिए एक बड़ी चुनौती बन गया है. देश के हर राज्य में साइबर अपराधी आम से लेकर खास लोगों तक को अपना शिकार बना रहे हैं. लोकसभा में केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय कुमार मिश्रा ने जो रिपोर्ट पेश की है उसके मुताबिक 2022-23 में उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा साइबर क्राइम हुए हैं. इस दौरान यूपी में 2 लाख लोगों के साथ साइबर फ्रॉड हुआ है. साइबर ठगों ने इस दौरान यूपी में 721.1 करोड़ रुपयों की ठगी की है.
इसके बाद महाराष्ट्र और फिर गुजरात में साइबर क्राइम के सबसे ज्यादा केस हुए हैं. उत्तर प्रदेश में साइबर क्राइम से निपटने के लिए 16 जिलों में साइबर थाने संचालित हो रहे हैं. साइबर क्राइम की रोकथाम के लिए सीनियर अधिकारियों को लगाया गया है. आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल करके इन साइबर ठगों की कारगुजारियों पर रोक लगाने की कोशिश की जा रही है. यदि कारोबारी साल 2022-23 में साइबर ठगी से जुड़े आंकड़ों की बात करें तो 11.28 लाख मामले देशभर में सामने आए थे.
इसमें आधे मामले तो केवल पांच राज्यों में ही दर्ज किए गए हैं. इनमें उत्तर प्रदेश में लगभग 2 लाख केस दर्ज हुए है. दूसरे नंबर पर महाराष्ट्र में 1 लाख 30 हजार केस, तीसरे नंबर पर गुजरात में 1 लाख 20 हजार केस, चौथे और पांचवे नंबर पर राजस्थान और हरियाणा में करीब 80-80 हजार मामले दर्ज किए गए थे. साइबर ठगी बढ़ने की वजह लोगों का जागरुक ना होना है. तमाम अभियानों और ठगी के मामलों के बावजूद लोग अनजान लोगों से ओटीपी शेयर करके नुकसान उठा लेते हैं.
सबसे ज्यादा सेक्सटॉर्शन के नाम पर ठगी
वहीं अनजान नंबर से भेजे एसएमएस, व्हाट्सएप या मेल के जरिए मिले लिंक पर क्लिक करके वो इन शातिरों का शिकार बन रहे हैं. आंकड़ों के मुताबिक यूपी में सबसे ज्यादा सेक्सटॉर्शन और फ्रेंडशिप के नाम पर ठगी हुई है. इसके अलावा सोशल मीडिया में फेक प्रोफाइल बनाकर ठगी की जा रही है. ऑनलाइन फ्रॉड और एटीएम क्लोनिंग के साइबर फ्रॉड के मामले दर्ज हो रहे हैं. इसके अलावा मेट्रीमोनियल साइट के जरिए नाइजीरियन गैंग ठगी करते हैं. बीते दिनों ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं.
किसी नई सरकारी योजना का फायदा देने के नाम पर भी कई मामले दर्ज हुए हैं. नौकरी और पार्ट टाइम जॉब के नाम पर रोजाना लाखों की ठगी की जाती है. अब आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के दौर में तो पुलिस के उच्चाधिकारियों के फेक वीडियो से धमकी देकर वसूली की जा रही है. साइबर ठगी के सेंटर रहे झारखंड के जामताड़ा और नूंह से ज्यादा ये क्राइम अब मथुरा और नोएडा से हो रहे हैं. एआई के जरिए वॉयस क्लोनिंग करके लोगों के साथ होने वाली ठगी की घटनाओं में भी खूब इजाफा हुआ है.
यह भी पढ़ें: UP की लेडी सिंघम से फ्रॉड... DSP श्रेष्ठा ठाकुर की फर्जी IRS से हुई शादी, मेट्रोमोनियल साइट से हुआ था रिश्ता
क्या है सेक्सटॉर्शन, कैसे फंसते हैं लोग
सेक्सटॉर्शन रैकेट चलाने वाले गैंग में कई लोग एक साथ मिलकर काम करते हैं. इनमें महिलाएं और लड़कियां भी होती है. ये लोग ज्यादातर सोशल मीडिया के जरिए अपना शिकार खोजते हैं. जो लोग हाईप्रोफाइल दिखते हैं, उनको गैंग की लड़कियां फेसबुक पर फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजती हैं. इसके बाद धीरे-धीरे उनसे संपर्क बढ़ाती है. उसके बाद मोबाइल नंबर लेकर उनसे बातें करने लगती हैं. मौका देखकर व्हाट्सऐप कॉल के जरिए अश्लील बातचीत भी करती हैं. इस तरह सामने वाला उनकी जाल में फंस जाता है. उसका अश्लील वीडियो बनाकर ब्लैकमेल किया जाने लगता है. सेक्सटॉर्शन दो शब्दों से मिलकर बना है. 'सेक्स' और 'एक्सटॉर्शन'. यह एक साइबर क्राइम है, जिसका शिकार कोई भी बन सकता है.
यह भी पढ़ें: मेट्रीमोनियल साइट पर दोस्ती, क्रिप्टोकरेंसी में निवेश का लालच... कंसल्टिंग फर्म के CEO को ऐसे लगाया लाखों का चूना
सेक्सटॉर्शन से बचने के लिए क्या करें
साइबर क्राइम से बचने के लिए सबसे पहला मंत्र यही है कि सोशल मीडिया इस्तेमाल करते समय सावधान रहना चाहिए. सावधानी हटी, दुर्घटना घटी. सोशल मीडिया पर किसी भी अनजान व्यक्ति से दोस्ती करने से बचना चाहिए. खासकर किसी महिला या लड़की से तो बिल्कुल भी नहीं. फ्रेंड रिक्वेस्ट स्वीकार करने से पहले हर प्रोफाइल की ठीक से जांच करनी चाहिए. मसलन वो किस तरह की पोस्ट डालता है. कैसी तस्वीरें शेयर करता है. कॉमन फ्रेंड कौन हैं. इसके अलावा व्हाट्सऐप पर किसी भी अनजान नंबर से आ रही वीडियो कॉल को उठाने से बचना चाहिए. यदि किसी वजह से ऐस मामले में फंस गए हैं, तो ब्लैकमेल होने की बजाए सीधे पुलिस के पास जाना चाहिए. इस मामले की शिकायत करना चाहिए.