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राम मंदिर के नाम पर साइबर फ्रॉड, फर्जी सोशल मीडिया आईडी बनाकर मांगा जा रहा है चंदा

राम मंदिर के नाम पर साइबर फ्रॉड का एक और मामला सामने आया है. अपराधियों ने सोशल मीडिया पर फर्जी आईडी बनाई है और फिर राम मंदिर के नाम पर चंदा मांग रहे हैं. इसे लेकर विश्‍व हिंदू परिषद (VHP) ने गृह मंत्रालय, डीजीपी उत्तर प्रदेश और दिल्ली पुलिस कमिश्नर को पत्र लिखा है.

राम मंदिर के नाम पर हो रही है साइबर ठगी राम मंदिर के नाम पर हो रही है साइबर ठगी
अरविंद ओझा
  • नई दिल्ली,
  • 31 दिसंबर 2023,
  • अपडेटेड 3:08 PM IST

एक तरफ राम मंदिर में 22 जनवरी को होने वाले प्राण प्रतिष्ठा समारोह की तैयारियां जोरों पर हैं दूसरी तरफ राम मंदिर (Ram Mandir) के नाम पर साइबर फ्रॉड के मामले भी सामने आ रहे हैं. लोगों से फर्जी सोशल मीडिया आईडी के जरिए चंदा मांगा जा रहा है. साइबर अपराधियों ने सोशल मीडिया पर ‘श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र अयोध्या, उत्तर प्रदेश’ का फर्जी पेज बनाया है जहां चंदा लेने के लिए फर्जी क्यू आर कोड डाला गया है.

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वीएचपी ने लिखा डीजीपी और गृह मंत्रालय को पत्र

 इसे लेकर विश्‍व हिंदू परिषद (VHP) ने गृह मंत्रालय, डीजीपी उत्तर प्रदेश और दिल्ली पुलिस कमिश्नर को पत्र लिखा है. वीएचपी ने इस खत में राम मंदिर के नाम पर फ्रॉड करने वाले लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है. इस फर्जी पेज पर QR कोड भी डाला गया है, अपील की जा रही है की राम मंदिर के नाम पर चंदा दें.

इस तरह की जा रही है ठगी

वीएचपी के अयोध्या के एक सदस्य ने ठगी करने से वाले से फोन पर बात की, राम मंदिर के नाम पर चंदा मांगने वाले ने बताया, 'ज्यादा से ज्यादा चंदा दें, नाम नंबर डायरी में नोट किया जाएगा, जब मंदिर कंप्लीट हो जायेगा तो आप सबको अयोध्या बुलाया जाएगा, मैं अयोध्या से बोल रहा हूं, आपको पता है मुस्लिम समाज और हिंदू समाज में जंग चल रहा है. मुस्लिम समाज मंदिर बनने नहीं दे रहा है. हम अपने मंदिर को चंदा एकत्र करके काम कर रहे हैं.अपन इधर ही रहते हैं.'

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पहले भी की जा चुकी है राम मंदिर के नाम पर ठगी

यह पहली बार नहीं है जब राम मंदिर के नाम पर ठगी हुई हो. 2021 में यूपी के गौतमबुद्ध नगर की साइबर सेल ने राम जन्मभूमि की फर्जी वेबसाइट बनाकर लोगों से लाखों रुपए ठगने वाले 5 लोगों को गिरफ्तार किया था. ये सभी राम जन्मभूमि ट्रस्ट के नाम पर फर्जी वेबसाइट बनाकर लोगों से लाखों रुपए ठग रहे थे. जांच में इस बात का खुलासा हुआ था कि सभी आरोपी दिल्ली के रहने वाले हैं पर इनमें से कई सॉफ्टवेयर के बिजनेस से जुड़े हुए थे.

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