
अगर आप अपनी सर्विस, प्रॉपर्टी या फिर कोई प्रोडक्ट ऑनलाइन बेचना चाहते हैं. जस्ट डायल और प्रॉपर्टी पोर्टल्स पर कोई ऐड दिया है तो हो जाइए सावधान. कोरोनाकाल में जब अधिकतर चीजें ऑनलाइन हो रही हैं ऐसे में साइबर अपराध के नए ट्रैंड ने राजधानी की साइबर पुलिस को एक पांव पर खड़ा कर दिया है.
QR code स्कैन से कभी आपके अकाउंट में पैसे नहीं आते हमेशा स्कैन करने वाले के अकाउंट से डेबिट होते हैं और सामने वाले के अकाउंट में पहुंच जाते हैं. यही जो नहीं समझा उसे लाखों का चूना चग गया.
कोड से अनोखी ठगी ऐसे हुई डीकोड
आप की डिवाइस में जहां आपका पेमेंट ऐप या वॉलेट स्टोर है. स्कैन करते ही कोड को पता चल जाता है ये किसका अकाउंट है जिसको पेमेंट करनी है और स्कैन करने पर पेमेंट उसे चली जाती है. यानी क्यूआर कोड के माध्यम से सामने वाले के अकाउंट में बहुत आसानी से पेमेंट कर सकते हैं.
हालांकि कई बार लोग इस झांसे में आ जाते हैं कि क्यू आर कोड स्कैन करने से आपके अकाउंट में पैसे आएंगे. मेवात क्षेत्र के सभी फ्रॉड एक्टर्स इसी का इस्तेमाल कर रहे हैं. ठग अपनी पहचान को पुख्ता करने के लिए डिफेंस, सेंट्रल फोर्स से संबंधित दिखाने के लिए बिना आपके मांगे ही अपनी आईडी आपको भेजेंगे और झांसे में लेकर यह बताएंगे कि वह बॉर्डर कैंटोनमेंट एरिया, फिर सुदूर तैनात हैं और परिवार के लिए रेंट पर मकान भी देख रहे हैं अपना आईडी प्रूफ व्हाट्सएप भी कर देंगे.
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आमतौर पर लोगों में यह विश्वास होता है कि आर्मी के लोग कभी झूठ नहीं बोलते. बस उसी का फायदा उठाकर ये सभी फ्रॉड को कमिट करते हैं.
साइबर सेल के डीसीपी अन्येश रॉय ने बताया कि ये आपको कॉल करेंगे और झांसा देंगे कि एडवांस पेमेंट कर रहे हैं. रीसेल एप जैसे Quikr या OLX पर प्रोडक्ट बेचने का ऐड देख कर ठग आपको कॉल करते हैं. एडवांस पेमेंट के नाम पर आपको क्यू आर कोड भेजकर कहेंगे कि इसे स्कैन कीजिए आपको पैसे मिल जाएंगे. जबकि लोग भूल जाते हैं कि QR code स्कैन से कभी आपके अकाउंट में पैसे नहीं आते बल्कि हमेशा स्कैन करने वाले के अकाउंट से डेबिट होकर स्कैन हो रहे अकाउंट में जाते हैं. ये एडवांस पेमेंट करने का झूठा नाटक करते हैं जबकि स्कैन करते ही आपके अकाउंट से पैसे कट कर ठगों के पास चले जाते हैं.
ऑनलाइन ऐड पर कोड स्कैन शातिरों की नजर
ऐसे ठग फेसबुक, प्रॉपर्टी पोर्टल्स पर मौजूद ऐड को देखकर कॉल करके प्रॉपर्टी लेने में इंटरेस्ट दिखाते हैं. ये अपने आपको हड़बड़ी में दिखाते हैं और सिक्योरिटी डिपॉजिट तथा एडवांस पेमेंट पहले ही करने के नाम पर क्यू आर कोड भेजते हैं और स्कैन करके पैसे लेने की बात कहते हैं.
कोई सगा नहीं जिसे ठगा नहीं
डीसीपी अन्येश रॉय बताते हैं कि इन ठगों ने मिठाई की दुकान, प्रोफेशनल, मकान मालिक, शादी वाले कोरियोग्राफर, फोटोग्राफर और ट्यूटर्स को लाखों का चूना लगा दिया. दरअसल क्यूआर कोड पेमेंट करने के लिए इस्तेमाल होता है.
ऑनलाइन सर्विस या फिर प्रोडक्ट का ऐड करने वाले सावधान हो जाएं. शादियों के सीजन में कोरियोग्राफर, मिठाई खरीदने में बल्क ऑर्डर के नाम पर कोई भी इनका विक्टिम बन सकता है.
कैसे बचें कोड वाले ठगों से
साइबर सेल डीसीपी अन्येश रॉय ने कहा, 'किसी भी क्यूआर कोड या पेमेंट लिंक स्कैन करने और यूपीआई पिन डालते ही अकाउंट से पैसे कट जाते हैं.'
साइबर एक्सपर्ट हर्सल अरोड़ा ने कहा कि OLX पर बिना सामान देखे ही अगर खरीदने का एडवांस पेमेंट देने को कोई कहता है तो समझिए आप शिकार के जाल में फंस रहे हैं. कुल साइबर क्राइम अपराध का तकरीबन 10 फीसदी फ्रॉड क्यू आर कोड से संबंधित है.'