
दिल्ली पुलिस ने एक ऐसे छात्र को गिरफ्तार किया है, जो लोगों को उनके घर में आईसीयू बेड सेटअप करने और ऑक्सीजन पहुंचाने के नाम पर ठग रहा था. आरोपी इस ठगी के काम को ऑनलाइन अंजाम दे रहा था. पकड़े गए युवक का नाम आर्यन है. पुलिस के मुताबिक आर्यन देश के अलग-अलग राज्यों के 47 लोगों को अपनी ठगी का शिकार बना चुका है.
पुलिस के मुताबिक आरोपी ठग आर्यन ने एक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अपना प्रोफाइल बनाया. वहीं पर उसने मैसेज डाला कि वो घर पर आईसीयू बेड सेटअप कर देगा. अगर ऑक्सीजन की जरूरत हो, तो ऑक्सीजन भी पहुंचवा देगा. बहुत से ऐसे लोग जिन्हें हॉस्पिटल में बेड नहीं मिल रहा था और वो परेशान हो रहे थे. वही इस शातिर ठग के जाल में फंस गए.
पैसों की ज्यादा डिमांड नहीं
पुलिस के मुताबिक आरोपी आर्यन लोगों से ज्यादा पैसों की डिमांड नहीं करता था. इसीलिए सामने वाले को लगता था कि वो सही कह रहा है. आर्यन समझता था कि ज्यादा रुपये न जाने की वजह से लोग पुलिस को अप्रोच नहीं करेंगे. वो आराम से अपना धंधा चलाता रहेगा. ठगी से कमाए गए पैसों से आरोपी ऐशो आराम की जिंदगी जी रहा था.
पुलिस को मिली जानकारी के मुताबिक, आरोपी गुड़गांव, नोएडा, गाजियाबाद और फरीदाबाद में फाइव स्टार होटलों में रुका करता था. पुलिस ने काफी पीछा करने के बाद आरोपी ठग आर्यन को पठानकोट से गिरफ्तार किया है.
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दरअसल, बीती 30 अप्रैल को दिल्ली पुलिस के कॉल सेंटर में किसी शख्स ने फोन किया और बताया कि उनके एक रिश्तेदार को कोरोना हुआ है. घर पर सुविधा देने के नाम पर एक युवक ने उनसे ऑनलाइन पैसे ले लिए लेकिन पैसे लेने के बाद वो युवक फोन नहीं उठा रहा है और अब फोन बंद कर दिया हैं. शिकायतकर्ता ने पुलिस को बताया कि आरोपी ने अपना नाम धनंजय बताया था और उसने कहा कि वह किसी भी तरह की मेडिकल फैसिलिटी घर पर ही उपलब्ध करा देगा.
आरोपी एडवांस के तौर पर 3,950 रुपये ऑनलाइन जमा करने को कहता है. ज्यादा रकम न होने की वजह से लोगों को उस पर शक भी नहीं होता था. इसलिए मजबूरी में फंसे लोग उसकी बातों में आ जाते थे. इसी तरह एक पीड़ित ने उसके ई वॉलेट में 3,950 रुपये जमा कर दिए. इसके बाद जब उसने धनंजय से संपर्क करना चाहा तो उसने उनका फोन उठाना ही बंद कर दिया. वजीराबाद पुलिस ने इस बाबत 30 अप्रैल को एक एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी.
पुलिस ने सबसे पहले उस नंबर की जांच शुरू की, जिस नंबर के जरिए धनंजय ने पीड़ित से संपर्क किया था. टेक्निकल सर्विलांस के जरिए पुलिस को पता लगा कि आरोपी नोएडा, फरीदाबाद और गुड़गांव के महंगे होटलों में रुक चुका है. और फिलहाल वह जम्मू में है. इसके बाद दिल्ली पुलिस की एक टीम तुरंत जम्मू पहुंची लेकिन वहां होटल में पहुंचने पर पता लगा कि आरोपी होटल से चेक आउट कर जा चुका है.
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इसके बाद पुलिस ने पीछा कर उसे पठानकोट से गिरफ्तार कर लिया. गिरफ्त में आए शख्स की पहचान आर्यन उर्फ धनंजय के रूप में हुई. धनंजय की उम्र महज 21 साल है और वह नोएडा के बड़े संस्थान से बीटेक की पढ़ाई कर रहा है. आर्यन ने पुलिस को बताया कि उसने देखा कि किस तरीके से सोशल मीडिया पर एक मैसेज ऑक्सीजन या आईसीयू बेड के लिए डाल देने पर लोग रिस्पांस कर रहे हैं.
आरोपी के मुताबिक इसी के बाद उसके दिमाग में ठगी का आइडिया आया और उसने एक मैसेज बनाकर सोशल मीडिया पर सर्कुलेट कर दिया. जिसके बाद लोग उसे आईसीयू बेड घर में सेटअप के लिए संपर्क करने लगे. पुलिस यह पता लगा रही है कि उसने कुल कितने लोगों को अपनी ठगी का शिकार बनाया है. अब तक की जांच के मुताबिक 47 लोगों के रिकॉर्ड पुलिस को मिल चुके हैं.