
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में ई सिम कार्ड के नाम पर दिल्ली में बड़े पैमाने पर धोखाधड़ी हो रही है. महंगे मोबाइल में ई सिम एक्टिवेट करने के नाम पर लोगों के अकाउंट से पैसे उड़ाए जा रहे हैं. साउथ दिल्ली की पुलिस ने ऐसे ही एक गैंग का पर्दाफाश किया है, जिसने एक व्यापारी के फोन में ई सिम एक्टिवेट करने के नाम पर बैंक खाते से 7 लाख से अधिक रकम उड़ा दिए.
पुलिस ने इस मामले में जयपुर से दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है. पुलिस की पकड़ में आए शातिर ठगों के नाम राधे गोपाल शर्मा और राहुल सैनी बताया जा रहा है. पुलिस के मुताबिक मैदान गढ़ी थाने में एक शख्स ने शिकायत दी कि उनके बैंक खाते से 7 लाख 9 हजार रुपये निकाल लिए गए. शिकायतकर्ता ने पुलिस को बताया कि उनके मोबाइल पर किसी का फोन आया था. फोन करने वाले ने खुद को सर्विस प्रोवाइडर के कस्टमर केयर का बताया और कहा कि उनके मोबाइल पर ई सिम एक्टिवेट करना है.
तहरीर के मुताबिक कॉल करने वाले शख्स ने इसके लिए वह ऑनलाइन केवाईसी अपडेट कर दें. इसके बाद पीड़ित के मोबाइल नंबर पर कुछ ऐसे मैसेज आए, जिसके बाद पीड़ित ने केवाईसी अपडेट किया. उनमें एक में ऑनलाइन फॉर्म भी आया था, जिसमें पीड़ित ने अपनी सारी जानकारी दे दी. पीड़ित का पेटीएम, क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड और बैंक अकाउंट से जुड़ा हुआ था. इसी के जरिए ठगों ने पीड़ित के अकाउंट से 7 लाख 9 हजार रुपये निकाल लिए. ठगो ने ई सिम एक्टिवेट कर के उसका क्लोन अपने पास रख लिया था. इसकी वजह से सभी ओटीपी भी उन्हीं के पास गया. पीड़ित को भनक तक नहीं लगी और उनके अकाउंट से 7 लाख से ज्यादा की रकम निकल गई.
पुलिस ने शिकायत मिलते ही इस मामले में एफआईआर दर्ज कर ली और जांच शुरू कर दी. जांच में पुलिस को पता लगा कि जयपुर, राजस्थान में इस एकाउंट के जरिए कुछ लोगों के बिजली के बिल जमा किए गए हैं. इसके बाद पुलिस ने तफ्तीश की और जयपुर से दो लोगों को गिरफ्तार कर लिया. पुलिस ने आरोपियों के पास से दो डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड और 3 एंड्रॉयड मोबाइल फोन बरामद किए गए हैं. इन्हीं फोन से यह ठग लोगों को कॉल किया करते थे.
क्या होता है ई सिम
कुल 2 तरीके के सिम होते हैं. एक वह होता है, जो मोबाइल फोन में हम लगाते हैं और दूसरा वह होता है जो फोन में सर्विस प्रोवाइडर के जरिए इनबिल्ट होता है. जो इनबिल्ट सिम होता है, उसे ई सिम कहते हैं. ई सिम एक्टिवेट नहीं होता, इसे बाद में एक्टिवेट सर्विस प्रोवाइड के जरिए कराना होता है. इनबिल्ट ई सिम को ही एक्टिवेट करने के नाम धोखाधड़ी की गई है.
कैसे होता है ई सिम फ्रॉड
सबसे पहले नंबर की जानकारी जुटाई जाती है. कस्टमर टारगेट किए जाते हैं. उसके बाद उनको मैसेज भेजे जाते हैं, जिनमें केवाईसी कराने की बात कही जाती है. केवाईसी जल्द से जल्द कराने की बात कही जाती है नहीं तो सिम को ब्लॉक करने की बात लिखी होती है. इसके बाद कस्टमर को फोन किया जाता है, उसे अपनी बातों में उलझाया जाता है और फिर उनसे केवाईसी करने के लिए कहा जाता है.
एक ऑनलाइन फॉर्म भेजा जाता है. उस फॉर्म को भरते ही उस शख्स की सारी डिटेल ठगों के पास पहुंच जाती है और उसके जरिए उस फोन नंबर से जुड़े तमाम अकाउंट की डिटेल ठगों के पास पहुंच जाती है. राजधानी और आसपास के इलाकों में होने वाले ऑनलाइन फ्रॉड के तार कहीं न कहीं जामताड़ा से जुड़े होते हैं. ऐसे में इस मामले में भी पुलिस को शक है कि कहीं न कहीं इन ठगों के तार जामताड़ा से जुड़े हुए हैं और पुलिस इस एंगल से भी पूरे मामले की जांच कर रही है.