
दिल्ली पुलिस ने एक ऐसे गिरोह का भंडाफोड़ किया है जो लोगों को तकनीक के जरिए ठगते थे. इन सभी ठगों के तार साइबर क्राइम के लिए बदनाम हो चुके झारखंड के जामताड़ा से जुड़े हुए हैं. गिरोह का पर्दाफाश एक पीड़ित की शिकायत पर हुआ जिसने Google से एक्सिस बैंक के एक टोल-फ्री नंबर पर कॉल किया था, जो बाद में नकली पाया गया था.
उस कॉल को किसी ने नहीं उठाया था, लेकिन एक अन्य नंबर से एक शख्स ने फोन कर खुद को बैंक का कर्मचारी बताया और पीड़ित को एक लिंक भेजा. उस व्यक्ति ने जैसे ही अपनी समस्या को लेकर दिए गए लिंक पर क्लिक किया उसके खाते से 63,800 रुपये कट गए.
दिल्ली पुलिस ने मामले की जांच शुरू की और जांच में सभी फोन कॉल सेंटर और पेटीएम नंबर मांगे. जिन बैंक खातों में पैसे ट्रांसफर किए गए थे उनकी जानकारी इकट्ठा की गई. इससे उन महत्वपूर्ण मोबाइल नंबरों का खुलासा हुआ जिनमें इन बैंक खातों के माध्यम से रिचार्ज किए गए थे.
पुलिस को एक ऐसा मोबाइल नंबर मिला जिसके कॉल डिटेल्स से पता चला कि एक व्यक्ति ने जून, 2020 के महीने में दिल्ली और गुरुग्राम की यात्रा की थी. उसके दिल्ली स्थित संपर्कों की जांच की गई तो नसीम अंसारी के नाम से एक मोबाइल नंबर का पता चला जिसका मोबाइल जामताड़ा में पंजीकृत था. 21 अगस्त को उसे पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया.
पूछताछ करने पर, उसने अपने साथियों के नाम बताए. पुलिस ने कहा कि हमने आरोपियों के कब्जे से 15 एटीएम कार्ड बरामद किए हैं. आरोपियों ने खुलासा किया कि उन्होंने ये एटीएम कार्ड हरियाणा के सोहना निवासी से 5,000 रुपये में खरीदे थे. पुलिस ने आरोपी से एक स्वाइप मशीन और एक फिंगरप्रिंट स्कैनर भी बरामद किया.
एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि पूछताछ के दौरान, नसीम ने खुलासा किया कि उसने इन खातों को जमात, झारखंड के दोनों निवासी इकबाल और सगीर अंसारी जैसे लोगों को सप्लाई किया था. इकबाल को भी नसीम के इनपुट पर गिरफ्तार कर लिया गया.
कुल मिलाकर, छह लोगों को दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार किया और कुल 25 एटीएम कार्ड, 1,78,500 रुपये और तीन चेक बरामद किए.
ये भी पढें