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27 राज्य, 1624 लोग...जामताड़ा गिरोह ने अब तक ठगे 30 करोड़ से ज्यादा रुपये

जामताड़ा के 14 साइबर बदमाशों से पूछताछ में यह खुलासा हुआ है कि इस गैंग ने अब तक देश के 27 प्रदेशों में 1624 लोगों को ठगी का शिकार बनाया है. इन 1624 लोगों से 30 करोड़ से ज्यादा की ठगी इस गिरोह ने की है.

दिल्ली पुलिस की गिरफ्त में जामताड़ा के ठग दिल्ली पुलिस की गिरफ्त में जामताड़ा के ठग
तनसीम हैदर
  • नई दिल्ली,
  • 03 सितंबर 2021,
  • अपडेटेड 9:47 AM IST
  • सरगना ने दो लाख देकर ली थी साइबर फ्रॉड की ट्रेनिंग
  • पुलिस ने संपत्ति जब्त की, बैंक अकाउंट भी फ्रीज कराए

दिल्ली पुलिस की साइबर सेल ने जामताड़ा गैंग से जुड़े 14 साइबर अपराधियों को पकड़ा है. दिल्ली पुलिस की साइबर सेल इन अपराधियों से लगातार पूछताछ कर रही है जिसमें नए-नए खुलासे हो रहे हैं. साइबर सेल के हत्थे चढ़े जामताड़ा के 14 साइबर बदमाशों से पूछताछ में यह खुलासा हुआ है कि इस गैंग ने अब तक देश के 27 प्रदेशों में 1624 लोगों को ठगी का शिकार बनाया है. इन 1624 लोगों से 30 करोड़ से ज्यादा की ठगी इस गिरोह ने की है. पुलिस के मुताबिक जामताड़ा गिरोह, अब तक देश में सबसे ज्यादा लोगों से साइबर ठगी करने वाला गिरोह भी है.

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पुलिस की मानें तो यह गिरेाह यूपीआई पेमेंट, केवाईसी, बारकोड, बैंक के फर्जी ऐप और साइट्स बनाकर लोगों के अकाउंट पर हाथ साफ करता था. हैरानी की बात यह है कि यह गिरोह बारकोड के जरिए भी लोगों को मैसेज भेजता था और जैसे ही लोग इस बार कोड को स्कैन करते थे उनके बैंक अकाउंट से पैसा साफ हो जाता था. यही वजह है कि दिल्ली पुलिस ने ट्वीट करते हुए इस बात को लेकर लोगों को आगाह किया था कि यदि कोई आपके पास अनजान लिंक भेजे या यूपीआई आईडी या केवाईसी आईडी मांगे या फिर बारकोड भेजे तो उसको बिल्कुल स्कैन नहीं करना है. यह इन साइबर लुटेरों की चाल हो सकती है.

ठगी का तरीका सीखने के लिए खर्च किए थे दो लाख

पुलिस के मुताबिक पूछताछ में यह भी खुलासा हुआ है कि गैंग के मास्टमाइंड अल्ताफ अंसारी उर्फ रॉकस्टार और गुलाम अंसारी उर्फ मास्टरजी ने साइबर ठगी का तरीका सीखने के लिए बाकायदा दो लाख रुपये खर्च किए थे. गैंग के इन दोनों मास्टरमाइंड्स ने जामताड़ा के टॉप मोस्ट साइबर ठग से बाकायदा जालसाजी की ट्रेनिंग हासिल की है. दिल्ली पुलिस साइबर सेल दोनों मास्टरमाइंड्स को ट्रेनिंग देने वाले इस महाठग की तलाश में जामताड़ा और गिरिडीह के उसके विभिन्न ठिकानों पर दबिश दे रही है. 

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फर्जी वेबसाइट बना थोक में भेजते थे संदेश

दिल्ली पुलिस के मुताबिक ये गिरोह नकली वेबसाइट और यूपीआई के जरिए पेमेंट लेता था. इस गिरोह को नकली वेबसाइट बनाने में महारत हासिल है. ये लोगों को जाल में फंसाने के लिए नकली वेबसाइट बना उसके जरिए लोगों को थोक में सैकड़ों संदेश भेजते थे. जैसे ही शिकार इनकी जाल में फंस जाता था, उससे ये यूपीआई भुगतान के जरिए पेमेंट मंगाते थे. केवाईसी के नाम पर ये गिरोह ज्यादा ठगी करता था. पहले ये ठग लोगों को लगातार फोन कर उनकी बैंक डिटेल मांगते थे लेकिन अब ये भी मॉडर्न हो चुके हैं.

 

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