
दिल्ली पुलिस ने एक व्यक्ति को धमकाकर 31.55 लाख रुपए की ठगी करने के आरोप में चार लोगों को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने बताया कि गिरफ्तार आरोपियों के चीन से संबंध हैं. उनकी पहचान देव भाटी (36), रॉबिन सोलंकी (25), विष्णु सोलंकी (20) और आकाश कुमार जैन (31) के रूप में हुई है.
पुलिस के मुताबिक, 18 जुलाई को एक ऑनलाइन शिकायत मिली थी, जिसमें शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया था कि 13 जुलाई को उसे एक कॉल आया था. इसमें कॉलर ने उससे कहा कि उसके नाम से जारी एक मोबाइल सिम का इस्तेमाल कई वारदातों में किया गया है. पुलिस उसकी तलाश कर रही है.
पुलिस उपायुक्त (मध्य) एम हर्षवर्धन ने बताया कि पीड़ित को कॉलर ने कहा कि लखनऊ के आराम बाग सहित करीब 17 मामलों में उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई हैं. उसके नाम से जारी सिम का इस्तेमाल मनी लॉन्ड्रिंग और मानव तस्करी जैसे संगीन अपराधों को अंजाम देने के लिए किया गया है.
उन्होंने बताया कि आरोपियों ने पीड़ित को धमकाकर 31.55 लाख रुपए ठग लिए. इसके बाद उसने थाने में शिकायत दर्ज कराई. पुलिस जांच के दौरान जिन बैंक खातों में ठगी की गई रकम ट्रांसफर की गई, उनका ब्योरा हासिल किया गया. इससे पता चला कि कई शहरों और नामों से बैंक खाते खोले गए थे.
इन बैंक खातों में कम समय में करोड़ों रुपए का लेनदेन हुआ और जमा की गई रकम तुरंत ही दूसरे कई बैंक खातों में ट्रांसफर कर दी गई. सभी सुरागों के आधार पर आरोपी देव भाटी को 26 जुलाई को गिरफ्तार किया गया. इसके बाद में 28 जुलाई को दो अन्य आरोपियों रॉबिन और विष्णु को गिरफ्तार किया गया.
आरोपियों से पूछताछ में पता चला कि दो दिन के भीतर देव भाटी के बैंक खाते में 1.25 करोड़ रुपए जमा हुए थे. 31 जुलाई को आकाश कुमार जैन को दिल्ली के महिपालपुर से गिरफ्तार किया गया. वो सभी खातों का मुख्य संचालक है. सोशल मीडिया के जरिए चीन से काम कर रहे जालसाजों के संपर्क में है.
पुलिस ने अपराध में इस्तेमाल किए गए सात मोबाइल फोन और एक लैपटॉप बरामद कर लिया गया है. 150 से अधिक बैंक खातों का पता चला है, जिनका इस्तेमाल आरोपियों ने ठगी की रकम जमा करने के लिए किया था. इस मामले में आगे की जांच जारी है. आरोपियों से पूछताछ हो रही है.