
दिल्ली पुलिस ने हिंदुस्तान में बैठकर अमेरिका के लोगों से ठगी करने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया है. दिल्ली पुलिस ने शाहदरा डिस्ट्रिक्ट में एक बड़े ऑनलाइन कॉल सेंटर का भंडाफोड़ किया है जो जगतपुरी इलाके में चल रहा था. इस कॉल सेंटर में काम करने वाले लोग दिल्ली में बैठकर अमेजन के नाम पर अमेरिका में रहने वाले लोगों से ठगी कर रहे थे.
जानकारी के मुताबिक दिल्ली पुलिस ने इस कॉल सेंटर से करीब 82 लोगों को हिरासत में लिया है. इनके पास से 94 लैपटॉप और दो एसयूवी कार बरामद हुई है. दिल्ली पुलिस का कहना है यह कॉल सेंटर हत्या के एक मामले में आरोपी मनु सिंह तंवर के नाम से चल रहा था. मनु अभी दिल्ली से सटे हरियाणा के गुरुग्राम की जेल में बंद है. पुलिस को इनके पास से 64 लाख से ज्यादा की नकदी भी मिली है.
यूके में ठगी करने वाले कॉल सेंटर का भंडाफोड़
दिल्ली पुलिस ने दो कॉल सेंटर का भंडाफोड़ किया है जिनके जरिए यूके में ठगी की जा रही थी. इस मामले में पुलिस ने 30 लोगों को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने 101 लैपटॉप और 46 मोबाइल फोन जब्त किए हैं. पुलिस ने 17 लाख 50 हजार की नकदी भी बरामद किया है. इस संबंध में आउटर नॉर्थ डीसीपी राजीव रंजन ने बताया कि ये फर्जी कॉल सेंटर रोहिणी के सेक्टर 11 और सेक्टर 9 में चलाए जा रहे थे. उन्होंने बताया कि जिन 30 लोगों को हिरासत में लिया गया है, उनमें छह महिलाएं भी शामिल हैं. मास्टरमाइंड परविंदर सिंह और उसके साथ ही परमजीत सिंह, मंथन अरोड़ा और गगनदीप सिंह को भी गिरफ्तार किया है.
ऐसे बनाते थे ठगी का शिकार
आउटर नॉर्थ दिल्ली के डीसीपी राजीव रंजन ने बताया कि इस फर्जी कॉल सेंटर के मास्टरमाइंड परविंदर ने खुलासा किया कि इससे पहले भी 2020 में वह गिरफ्तार हो चुका है. तब भी उसे फर्जी कॉल सेंटर चलाने के इल्जाम में गिरफ्तार किया गया था. परविंदर ने पुलिस को यह भी बताया कि वे यूके के ग्राहकों का डेटा पांच लाख रुपये में खरीदता था. फर्जी कॉल सेंटर की कमाई से आरोपी महंगी-महंगी कार, बाइक रखा करते थे. आरोपियों ने दिल्ली के आसपास करोड़ों रुपये की जमीन जायदाद भी खरीद रखी है.
दिल्ली पुलिस के मुताबिक इस गैंग में फर्राटेदार अंग्रेजी बोलने वाले लड़के-लड़कियों को रखा गया था जो यूके कॉल कर कर अपना शिकार फंसाते थे. ये कॉल कर उनको डराते थे कि टैक्स ड्यू है और उनकी गिरफ्तारी हो सकती है. जब वहां के लोग इनसे इस समस्या का समाधान पूछते थे तब ये अपना अकाउंट नंबर शेयर कर उनसे पैसों की डिमांड करते थे.