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वित्त मंत्री सीतारमण के नाम पर ठगी करने वाले गैंग का पर्दाफाश, मिला 3000 लोगों का डाटा

वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण के नाम पर ठगी करने वाले गैंग का पर्दाफाश हुआ है. गैंग के लोग खुद को फाइनेंस मिनिस्ट्री का अधिकारी बताते थे. साथ ही जो डॉक्यूमेंट जारी करते थे, उन पर फाइनेंस मिनिस्टर के अलावा दूसरे बड़े अधिकारियों के जाली दस्तखत भी होते थे. लोगों का डाटा मिलने के बाद गैंग के सदस्य उनको टारगेट करना शुरू कर देते थे.

पुलिस की गिरफ्त में ठगी के आरोपी. पुलिस की गिरफ्त में ठगी के आरोपी.
हिमांशु मिश्रा
  • नई दिल्ली,
  • 13 दिसंबर 2022,
  • अपडेटेड 11:40 AM IST

खुद को फाइनेंस मिनिस्ट्री का अधिकारी बताकर इंश्योरेंस पॉलिसी धारकों को ठगने वाले एक गैंग का दिल्ली पुलिस ने पर्दाफाश किया है. स्पेशल सेल की साइबर यूनिट ने गैंग के सदस्यों को गिरफ्तार किया है. 

लोगों को अपने जाल में फंसाने के लिए गैंग के लोग खुद को फाइनेंस मिनिस्ट्री का अधिकारी बताते थे. साथ ही जो डॉक्यूमेंट जारी करते थे, उन पर देश की फाइनेंस मिनिस्टर निर्मला सीतारमण के अलावा दूसरे बड़े अधिकारियों के जाली दस्तखत भी होते थे.

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यह था ठगी करने का तरीका

सबसे पहले गैंग इंश्योरेंस पॉलिसी होल्डर्स के डाटा का इंतजाम करती थी. एक बार जब इनके हाथ ऐसे लोगों का डाटा लग जाता था, जिनकी पॉलिसी किसी वजह से रुक गई हो, तो फिर यह उनको टारगेट करना शुरू कर देते थे.

भेजते थे Fake Mail

गैंग ऐसे लोगों को मेल भेजा करता था. मेल देखकर लोगों का लगता कि मेल सीधे फाइनेंस मिनिस्ट्री की तरफ से जारी की गई है. फिर ठग उनसे कहते थे कि जो रकम आपकी इंश्योरेंस पॉलिसी में फंस गई है, वह उन्हें इंटरेस्ट के साथ वापस मिल जाएगी.

पैसे वापस मिलने की खबर सुनकर लोग इनकी बातों में फंस जाते. फिर गैंग एनओसी जारी करने के नाम पर, प्रोसेसिंग फीस के नाम पर जितनी रकम हो सके, लोगों से ऐंठ लेते थे. ठगी करने के बाद लोगों के नंबरों को ब्लॉक कर दिया जाता था.

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शिकायत मिलने के बाद शुरू हुई थी जांच

ऐसी ही ठगी की शिकार होने के बाद किसी शख्स ने मिनिस्ट्री ऑफ फाइनेंस से की शिकायत की थी. जानकारी मिलने के बाद दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल की आईएसएस यूनिट को जांच की जिम्मेदारी सौंपी. 

फिर पुलिस ने इस मामले में जांच कर चार आरोपियों को गिरफ्तार किया था. गैंग का मास्टरमाइंड महताब आलम है, जिसे पुलिस ने दिल्ली के मुस्तफाबाद से पकड़ा है. बाकी आरोपियों के नाम सरबाज खान, मोहम्मद जुनेद और दीन मोहम्मद हैं.

पुलिस को इनके पास से 3000 लोगों का डाटा मिला है. अब पुलिस यह पता लगा रही है कि अब तक इन लोगों ने कितने लोगों को अपना शिकार बनाया है और कितने लोगों को शिकार बनाने की फिराक में थे. आरोपियों के पास से 7 मोबाइल फोन एक लैपटॉप और कई बैंकों के एटीएम कार्ड बरामद हुए हैं.

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