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सोशल मीडिया पर आतंकी भर्ती करने वालों के खिलाफ सरकार का बड़ा कदम

आईएसआईएस और पाकिस्तानी आतंकी संगठनों के जरिये कश्मीर घाटी में युवाओं को कट्टरपंथी बनाने वालों पर शिकंजा कसने के लिए भारत सरकार कई देशों के साथ मिलकर एक मेगा प्लान तैयार कर रही है. जो खासकर सोशल मीडिया पर इस काम को अंजाम देने वालों पर नकेल कसने के काम आएगा.

इस काम के लिए अमेरिका, फ्रांस और जर्मनी जैसे देशों की मदद ली जा रही है इस काम के लिए अमेरिका, फ्रांस और जर्मनी जैसे देशों की मदद ली जा रही है
परवेज़ सागर/जितेंद्र बहादुर सिंह
  • नई दिल्ली,
  • 08 सितंबर 2016,
  • अपडेटेड 4:56 PM IST

आईएसआईएस और पाकिस्तानी आतंकी संगठनों के जरिये कश्मीर घाटी में युवाओं को कट्टरपंथी बनाने वालों पर शिकंजा कसने के लिए भारत सरकार कई देशों के साथ मिलकर एक मेगा प्लान तैयार कर रही है. जो खासकर सोशल मीडिया पर इस काम को अंजाम देने वालों पर नकेल कसने के काम आएगा.

युवाओं को ऑन लाइन कट्टरपंथी बनाने के मामलों पर नजर रखने वाली भारतीय जांच एजेंसी के साथ-साथ एनआईए, स्टेट एटीएस, अमेरिकन जांच एजेंसी एफबीआई, जर्मन जांच एजेंसी, फ्रांसीसी जांच एजेंसी और बांग्लादेश की एजेंसी मिलकर इस परेशानी से निपटने के लिए तैयारी कर रहे हैं.

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दरअसल यह बड़ा कदम सोशल मीडिया पर आतंकियों की भर्ती पर रोक लगाने के लिए उठाया जा रहा है. सोशल मीडिया के जरिये ही आईएसआईएस के हैंडलर्स भारत के युवाओं को आकर्षित करते हैं. वे भारतीय युवाओं को लुभाने के लिए महिलाओं की फ़ोटो लगाकर फेक आईडी बना लेते हैं.

भारत और दूसरे देशों की जांच एजेंसियां आतंकी संगठन आईएसआईएस की ऑनलाइन भर्ती करने वाली ब्रिगेड को हर एक स्तर पर तोड़ने की कोशिश कर रही हैं. सूत्रों के मुताबिक ISIS के आतंकी और हैंडलर्स भारत में युवाओं को भर्ती करने के लिए 32 तरीके के चैटिंग एप्स इस्तेमाल करते हैं.

खुफ़िया सूत्रों के अनुसार ISIS के हैंडलर्स, viber, Live, Tango, OOVOO, KaKas Talk, Voxer, KIK, chat on, Hike, Nimbuzz, IM+, Talk Ray, Group me और Face time जैसे चैटिंग एप इस्तेमाल कर रहे हैं. इन सभी चैटिंग एप्स के सर्वर अमेरिका, जर्मनी, औस्ट्रेलिया और कनाडा में मौजूद हैं.

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सूत्रों के अनुसार आईएसआईएस के कारिंदे इन चैटिंग एप्स की मदद से सिरिया, इराक, ऑस्ट्रेलिया, फिलीपींस, अर्जेंटीना, सूडान और केन्या जैसे देशों में बैठकर भारत के युवाओं को आकर्षित करते हैं, ताकि उन्हें आसानी से आईएसआईएस में शामिल किया जा सके.

आईएसआईएस के पास युवाओं को आकर्षित करने के लिए तीन चरणों वाली योजना होती है. इस काम को रोकने के लिए भारत एफबीआई जैसी विदेशी जांच एजेंसियों की मदद से कट्टरपंथी बनाने के मिशन को खत्म करने का नया प्लान बनाने में जुटी है.

सूत्रों के मुताबिक फेक आईडी बनाकर भारत के युवाओं को लुभाने का काम करने वाली महिलाओं में फिलीपींस से केरन, केन्या से अमीना, अर्जेंटीना से फातिमा, श्रीलंका से एजे और अर्जेंटीना से आएशा लीना है, जो आईएसआईएस की हैंडलर बताई जाती हैं.

एनआईए उन चैटिंग एप्स की पूरी जानकारी जुटा रही है, जिनके जरिये ये महिलाएं भारत में युवाओं को आकर्षित करती हैं. और उनके सर्वर विदेशों में है. ताकि इनके आकर्षित करने के प्लान को काउंटर किया जा सके.

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