
साइबर क्राइम के मामलों में साल दर साल तेजी से ग्रोथ देखी जा रही है. नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरों के साल 2022 के आंकड़ों की माने तो नए साल में साइबर क्राइम के केस में 35 फीसदी उछाल देखा गया है. देश भर के राज्यों की पुलिस के लिए सबसे बड़ी चुनौती इस वक्त साइबर फ्रॉड के मामले ही है. कई राज्य इससे निपटने की दिशा में ठोस काम कर रहे हैं. इनमें दिल्ली और मुंबई पुलिस सबसे आगे है. नया नाम हरियाणा पुलिस का जुड़ गया है.
हरियाणा पुलिस ने देश के सात राज्यों में 50 "हॉटस्पॉट" की पहचान की है, जहां से साइबर धोखाधड़ी के मामले सामने आते हैं. हरियाणा के पुलिस महानिदेशक शत्रुजीत कपूर ने कहा कि साइबर धोखाधड़ी के सबसे ज्यादा मामले राजस्थान से सामने आए हैं, जहां 21 हॉटस्पॉट क्षेत्रों की पहचान की गई है. उन्होंने कहा, "उत्तर प्रदेश, झारखंड, दिल्ली, पश्चिम बंगाल और तेलंगाना सहित अन्य राज्यों में भी इसी तरह के हॉटस्पॉट की पहचान की गई है."
पुलिस महानिदेशक शत्रुजीत कपूर ने कहा कि साइबर धोखाधड़ी गतिविधियों का सक्रिय रूप से मुकाबला करने के लिए साइबर टीमों को नियमित रूप से इन राज्यों में भेजा जाता है. साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़ते हुए बैंकों के नोडल अधिकारियों और साइबर हेल्पलाइन 1930 टीम द्वारा एक सहयोगात्मक प्रयास किया जा रहा है. उन्होंने कहा, "इस सहयोग का उद्देश्य संज्ञान में आई घटनाओं में महत्वपूर्ण पहले घंटे के भीतर ठगी गई रकम को रोकना है.''
इस प्रक्रिया को सुविधाजनक बनाने के लिए बैंक कर्मियों के साथ मिलकर काम करना भी एक अहम लक्ष्य है. उन्होंने लोगों से सतर्क रहने और संदिग्ध वेब लिंक पर क्लिक करने से बचने का आग्रह किया. इसके साथ ही लोगों को अपने बैंक खातों से संबंधित व्यक्तिगत जानकारी किसी को भी नहीं बतानी चाहिए. उन्होंने आगाह किया कि यहां तक कि एक छोटी सी चूक भी व्यक्तियों को साइबर धोखाधड़ी का शिकार बना सकती है. सतर्कता ही बचाव का सबसे बड़ा साधन है.
बताते चलें कि साइबर क्राइम के मामलों में हरियाणा पुलिस बहुत ज्यादा सक्रिय हो चुकी है. ताजा मामले में रोहतक साइबर थाना की टीम ने पीजीआई रोहतक के बीडीएस डॉक्टर से 63 लाख की ठगी मामले एक विदेशी को गिरफ्तार किया है. साइबर थाना निरीक्षक कुलदीप सिंह ने बताया कि 5 नवंबर को पीजीआई रोहतक में कार्यरत बीडीएस डॉक्टर जय भगवान ने ठगी की शिकायत दर्ज करवाई थी. इसके आधार पर मामले में एफआईआर दर्ज कर जांच शुरु की थी.
इस जांच में सामने आया कि जय भगवान के पास इंस्टाग्राम पर एक महिला का फ्रेंड रिक्वेस्ट आई थी. दोनों के बीच इंस्टाग्राम और ईमेल पर बातचीत शुरू हो गई. युवती ने अपना नाम मारिया इमान बताया, जो कि फिलीपींस की रहने है. उसने बताया कि वो लंदन में एक बैंक ऑडिटर है. इसे साबित करने के लिए उसने अपना आईडी कार्ड भी भेजा. डॉक्टर उसके झांसे में आ गया और उसके कहने पर करीब 8 लाख रुपए दे दिए. इसके बाद वो युवती फरार हो गई.