Advertisement

Jodhpur: IIT की प्रोफेसर को 12 दिन तक रखा डिजिटल अरेस्ट, मनी लॉन्ड्रिंग में गिरफ्तारी का डर दिखाकर ठगे 12 लाख

जोधपुर से एक IIT की महिला प्रोफेसर को 12 दिन तक डिजिटल अरेस्ट रख 12 लाख रुपये की ठगी किए जाने का मामला सामने आया है. बदमाशों ने आईआईटी की प्रोफेसर अमृता पुरी से कहा कि वो मनी लॉन्ड्रिंग के केस में सस्पेक्ट हैं. यह सुनकर वो डर गईं और बदमाश जैसा-जैसा बोलते गए वो वैसा-वैसा करती गईं.

(प्रतीकात्मक फोटो) (प्रतीकात्मक फोटो)
अशोक शर्मा
  • जोधपुर ,
  • 14 अगस्त 2024,
  • अपडेटेड 9:50 PM IST

राजस्थान के जोधपुर से डिजिटल अरेस्ट का हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. जहां एक IIT की महिला प्रोफेसर को 12 दिन तक डिजिटल अरेस्ट रखा और 12 लाख रुपये ठग लिए. बदमाशों ने आईआईटी की प्रोफेसर अमृता पुरी से कहा कि वो मनी लॉन्ड्रिंग के केस में सस्पेक्ट हैं. इसलिए उन्हें सर्विलेंस पर रहना पड़ेगा नहीं तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

Advertisement

जानकारी के मुताबिक अमृता पुरी नाम की महिला मूल रूप से पंजाब की रहने वाली है. उनके पास 1 अगस्त को अंजान नंबर से फोन आया, जिसमें आरोपी ने खुद को मुंबई पुलिस कर्मचारी बताया. साथ ही उसने कहा कि उनके नाम का आपका पार्सल आया है. जिसमें एमडी ड्रग्स है और डेबिट, क्रेडिट कार्ड बड़ी मात्रा में मिले हैं. इस पर उन पर साइबर थाने का केस बनता है. 

IIT की प्रोफेसर से 12 लाख रुपये की ठगी

आरोपी यह बातें सुनकर वह बुरी तरह से घबरा गईं और बदमाश जो-जो बोलते गए वो वैसा करतीं गई. इसके बाद बदमाशों ने चेक से आरटीजीएस करवा कर उनसे 11 लाख 97 हजार ट्रांसफर करवा लिए. आरोपी ने खुद को मुंबई साइबर क्राइम ब्रांच का पुलिस अधिकारी बता कर बदमाश ने प्रोफेसर को लगातार सर्विलांस पर रखा.

Advertisement

प्रोफेसर का मोबाइल कंट्रोल ले लिया और फिर उसका मोबाइल का कैमरा ऑन रखा. फिर स्क्रीन शेयर  की गई ताकि प्रोफेसर किसी से कांटेक्ट नहीं कर सके. उनके लैपटॉप से भी skype के जरिए कनेक्ट किया गया. अगले दिन किसी व्यक्ति ने खुद को डीसीपी बताते हुए अरेस्ट करने की धमकी दी, लेकिन लगातार दस दिन सर्विलांस पर रखने के बाद फाइनेंशियल वेरिफिकेशन की बात कह कर सभी खातों और फंड्स से रुपये एक जगह लेने का प्रयास किया. 

महिला प्रोफेसर को 12 दिन तक डिजिटल अरेस्ट रखा

लेकिन बदमाशों की ये तरकीब काम नहीं आई और नेट बैंकिंग के जरिए फंड ट्रांसफर नहीं हुआ. इसके बाद उन्होंने नई चेक बुक इश्यू करवाई. जिसके बाद 12 अगस्त को उससे यस बैंक के एक खाते में चेक से आरटीजीएस के मार्फत 11 लाख 97 हजार रुपये ट्रांसफर करवाया गया. इसके बाद ठगों ने संपर्क तोड़ लिया. बीतें कई दिनों से चल रही इस साजिश का जब प्रोफेसर को पता चला तब तक उन्हें लाखों का चूना लग चुका था.

पुलिस ने केस दर्ज कर मामले की जांच शुरू की

जिसके बाद प्रोफेसर ने जोधपुर साइबर थाने में सुचना देने पर पर अकाउंट होल्ड करवाए. प्रोफेसर की शिकायत पर करवड़ पुलिस थाने में रिपोर्ट दी गई. इस घटना के बाद पुलिस उपायुक्त पूर्व आलोक श्रीवास्तव ने लोगों से अपील की है कि वो इस तरह के साइबर अपराधों से अलर्ट रहें. अनजान कॉल मैसेज पर क्लिक व जवाब न दें. इस मामले की जांच करवड़ थाना के अधिकारी महेंद्र कुमार जांच कर रहे हैं. 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement