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इस साल इंदौर से हुई 60 करोड़ की साइबर ठगी, पीड़ितों में हाईकोर्ट जज भी शामिल

मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी कहे जाने वाले इंदौर में साइबर ठगों ने लोगों को तगड़ा झटका दिया है. बीते एक साल में यहां के लोगों से 60 करोड़ रुपए की साइबर ठगी हुई है. पीड़ितों में हाईकोर्ट के पूर्व जज भी शामिल रहे हैं. ठगी गई रकम में से पुलिस ने करीब 13 करोड़ रुपए बरामद करके पीड़ितों को लौटाई है.

 इंदौर में साइबर ठगों ने लोगों को तगड़ा झटका दिया है. इंदौर में साइबर ठगों ने लोगों को तगड़ा झटका दिया है.
aajtak.in
  • इंदौर ,
  • 30 दिसंबर 2024,
  • अपडेटेड 7:33 PM IST

मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी कहे जाने वाले इंदौर में साइबर ठगों ने लोगों को तगड़ा झटका दिया है. बीते एक साल में यहां के लोगों से 60 करोड़ रुपए की साइबर ठगी हुई है. पीड़ितों में हाईकोर्ट के पूर्व जज भी शामिल रहे हैं. ठगी गई रकम में से पुलिस ने करीब 13 करोड़ रुपए बरामद करके पीड़ितों को लौटाई है.

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अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त राजेश दंडोतिया ने बताया कि इस साल साइबर धोखाधड़ी की 10000 से अधिक शिकायतें मिलीं. आरोपियों ने पीड़ितों से 60 करोड़ रुपए हड़प लिए. हम पीड़ितों को 12.50 करोड़ रुपए लौटाने में सफल रहे. इस तरह के साइबर ठगी के अपराधों में शामिल 52 लोगों को गिरफ्तार भी किया गया है. 

पुलिस अधिकारी ने बताया कि करीब 25 प्रतिशत शिकायतें क्रिप्टोकरेंसी निवेश से संबंधित थीं. 'डिजिटल अरेस्ट' के मामलों में भी बढ़ोतरी हुई है. पीड़ितों में कई लोग काफी पढ़े लिखे और अच्छे पदों पर काम करने वाले लोग भी हैं. यहां तक ​​कि मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के एक पूर्व न्यायाधीश भी इसके शिकार हुए.

बताते चलें कि अक्टूबर में इंदौर में साइबर ठगी करने वाले एक बड़े गैंग का फर्दाफाश किया गया था. पुलिस ने इस गिरोह द्वारा इस्तेमाल किए जा रहे 34 बैंक खातों को भी फ्रीज किया और 1400 सिम कार्ड बरामद किए थे. साइबर ठगों द्वारा डिजिटल अरेस्ट करके एक महिला से 12 लाख की ठगी की गई थी.

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डिजिटल अरेस्ट साइबर धोखाधड़ी का एक नया तरीका है. इसमें धोखेबाज ऑडियो या वीडियो कॉल करते हैं. खुद को पुलिस, सीबीआई या अन्य कानून प्रवर्तन एजेंसी के अधिकारियों के रूप पेश करते हैं. लोगों को केस से बचाने के नाम पर पैसों की ठगी कर लेते हैं. पूरे देश में बड़ी संख्या में लोग शिकार हुए हैं.

अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त राजेश दंडोतिया ने कहा था कि आरोपी ने पांच महीने पहले एक मल्टीनेशनल कंपनी में सॉफ्टवेयर इंजीनियर महिला से संपर्क किया. उसे ड्रग्स और फर्जी पासपोर्ट के मामले में फंसाने की धमकी दी. गिरोह ने महिला को यह कहकर धोखा दिया कि उसे डिजिटल अरेस्ट किया गया है.

यदि वो इससे बचना चाहती है तो अलग-अलग बैंक खातों में उसे 12 लाख रुपए देने होंगे. फंसने के डर से महिला ने ठगों द्वारा दिए गए अकाउंट नंबर पर पैसे ट्रांसफर कर दिए जिसके बाद उसे एहसास हुआ कि उसे ठगा गया है. इसके बाद पीड़ित महिला ने साइबर थाने में इस संबंध में शिकायत दर्ज कराई थी.

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