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मुरादाबाद: सरकारी कर्मचारी बनकर ऑनलाइन बेचते थे दवाएं, रिफंड का लालच देकर करते थे ठगी

UP crime news: मुरादाबाद में पुलिस और साइबर सेल की संयुक्त टीम ने आयुर्वेदिक दवाइयों की ऑनलाइन बिक्री के नाम पर लोगों से ठगी करने वाले चार आरोपियों को अरेस्ट किया है. दरअसल, शाहपुर मुबारकपुर में रहने वाले एक शख्स ने पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई थी कि उससे जीवन आयुर्वेदा नाम की कंपनी ने 1 लाख 16 हजार रुपये की ऑनलाइन ठगी की है.

सांकेतिक तस्वीर. सांकेतिक तस्वीर.
aajtak.in
  • मुरादाबाद,
  • 23 जनवरी 2022,
  • अपडेटेड 11:56 AM IST
  • खुद को स्वास्थ्य विभाग का कर्मचारी बता बेचते थे दवाएं
  • फिर रिफंड का लालच देकर करते थे ऑनलाइन ठगी
  • शिकायत मिलने पर पुलिस ने किया 4 लोगों को अरेस्ट

उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में आयुर्वेदिक दवाइयों की ऑनलाइन बिक्री के नाम पर लोगों से ठगी करने वाले चार आरोपियों को पुलिस और साइबर सेल की संयुक्त टीम ने गिरफ्तार किया है.

पकड़े गए आरोपियों में एक युवती भी शामिल है. पुलिस ने आरोपियों के पास से 29 मोबाइल फोन, एक रोलर, 949 दवाई की डिब्बियां, चार पॉलीथीन के बंडल, 40 दवाई के पार्सल, 12 रेपर के पैकेट, कॉल रिकॉर्ड से संबंधित डाटा कागजात और एक प्रिंटर बरामद किया है.

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मुरादाबाद पुलिस की मानें तो छजलैट थाना क्षेत्र के गांव शाहपुर मुबारकपुर में रहने वाले रियाजुद्दीन ने 19 जनवरी को मुकदमा दर्ज कराया था कि जीवन आयुर्वेदा नाम की कंपनी ने उनके साथ धोखाधड़ी करके 1 लाख 16 हजार रुपये की ऑनलाइन ठगी की है. इस मामले में छजलैट थाना पुलिस ने मुकदमा दर्ज करते हुए आरोपियों की तलाश शुरू कर दी थी.

फिर छजलैट थाना पुलिस, थाना ठाकुरद्वारा पुलिस एवं साइबर सेल की संयुक्त टीम ने कार्रवाई करते हुए 4 आरोपियों को गिरफ्तार किया. पकड़े गए आरोपियों में उत्तराखंड के उधम सिंह नगर का विशाय राय एवं मिथुन वाला, उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर का मोहित अग्निहोत्री और उत्तराखंड के नैनीताल की प्रियंका शामिल है.

स्वास्थ्य कर्मचारी बताकर बेचते थे दवाएं

मुरादाबाद रूरल के एसपी विद्यासागर मिश्रा ने बताया कि पकड़े गए सभी आरोपी आयुर्वेदिक दवाइयों की ऑनलाइन बिक्री करने के नाम पर लोगों से ऑनलाइन ठगी की घटनाओं को अंजाम देते हैं. पूछताछ में इन सभी आरोपियों ने बताया कि उनका एक साथी वरुण उन्हें डाटा उपलब्ध कराता है, जिसमें लोगों के मोबाइल नम्बर व नाम लिखे होते हैं. ये लोग इन नंबरों पर फोन करके खुद को स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी बताते हैं. बाद में उन्हें दवाई दवाइयां बेचकर 3 महीने बाद उसका फीडबैक लेने के लिए कॉल करते हैं.

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फरार आरोपी की तलाश जारी

जब दवाई खरीदने वाले कहते हैं कि उनकी दवाई से उन्हें कोई लाभ नहीं हुआ, तो वे रिफंड का लालच देकर उनसे ऑनलाइन ठगी करते हैं. फिलहाल पुलिस ने चारों आरोपियों को जेल भेज दिया है. वहीं, मामले पर कार्रवाई करते हुए एक अन्य आरोपी वरुण की तलाश की जा रही है.

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