Advertisement

MP: इंटरनेशनल साइबर ठग रैकेट का भंडाफोड़, पाकिस्तानी और चीनी नागरिक मिलकर लगाते थे चूना

तफ्तीश के दौरान सामने आया कि युवा व्यवसायी से पहले एक महिला ने डोरिस नाम से डेटिंग एप Bumble पर दोस्ती की. इसके बाद बातचीत का सिलसिला शुरू हुआ और महिला ने मसालों में ट्रेडिंग के लिये युवा व्यवसायी को कहा.

ऑनलाइन ठगी करने वाले गैंग का पर्दाफाश (फोटो- आजतक) ऑनलाइन ठगी करने वाले गैंग का पर्दाफाश (फोटो- आजतक)
रवीश पाल सिंह
  • भोपाल,
  • 07 जुलाई 2021,
  • अपडेटेड 7:39 AM IST
  • भोपाल के युवा व्यवसायी से लगभग एक करोड़ की ऑनलाइन ठगी
  • भारतीय नागरिकों के नाम पर बनाई फर्जी कम्पनियां
  • ठगों के नेटवर्क में पाकिस्तानी और चीनी नागरिक

मध्य प्रदेश साइबर सेल ने ठगों के ऐसे अंतरराष्ट्रीय गिरोह का भंडाफोड़ किया है जो लोगों की फर्जी कंपनियां बनाकर उनसे पैसे ऐंठ लेते थे. फिर उसे क्रिप्टोकरेंसी में बदल कर पाकिस्तान भेज देते थे. साइबर सेल ने इस मामले में 4 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है.

साइबर सेल के मुताबिक, भोपाल के युवा व्यवसायी द्वारा लिखित शिकायत दर्ज करायी गई थी कि उसके द्वारा वेब पेज http://h20.gbullshop/ पर आईडी बनवाकर मसालों में ट्रेडिंग के नाम पर मार्च 2021 से मई 2021 की अवधि में 5 बैंक खातों (जो गुड़गांव, दिल्ली और राजकोट के फर्म के नाम के चालू बैंक खाते थे) में लगभग 01 करोड़ रुपये ट्रांजेक्शन के माध्यम से धोखाधड़ी पूर्वक जमा कराये गये थे. इस पर धारा 420 आईपीसी और 66(D) आईटी एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज की गई और मामले की जांच शुरू की गई.

Advertisement

डेटिंग ऐप के जरिए युवा व्यवसायी से बढ़ाई दोस्ती

तफ्तीश के दौरान सामने आया कि युवा व्यवसायी से पहले एक महिला ने डोरिस नाम से डेटिंग एप Bumble पर दोस्ती की. इसके बाद बातचीत का सिलसिला शुरू हुआ और महिला ने मसालों में ट्रेडिंग के लिये युवा व्यवसायी को कहा. व्यवसायी को झांसा देने के लिए बाकायदा फर्जी लाइव डैशबोर्ड बनाया गया था जिसमें काल्पनिक ट्रांजेक्शन दिखाए जा रहे थे. 

और पढ़ें- मुजफ्फरपुर: फेसबुक पर IPS अधिकारी के नाम से था फेक प्रोफाइल, युवतियों से मंगवाता था न्यूड तस्वीरें

इसके बाद अलग-अलग बैंकों में खोले गए खातों में युवा व्यवसायी से करीब 1 करोड़ रुपए जमा करवाये गए. इसके बाद शेल कंपनी बनाकर उसके करंट एकाउंट खोले गए और हड़पी गई रकम को क्रिप्टोकरेंसी में बदल कर पाकिस्तान भेजा जा रहा था. यह काम जो ट्रेडर्स कर रहे थे जब उनसे पूछताछ की गई तो उन्होंने बताया कि उन्होंने यह रकम वजीरएक्स और बिनांस नाम के क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज पर USDT (टीथर) नामक क्रिप्टो  के ट्रेड के एवज में हासिल की है. 

Advertisement

इन क्रिप्टो ट्रांजेक्शन की जानकारी प्राप्त करने पर यह तथ्य सामने आया कि पाकिस्तानी नागरिक द्वारा जो कि Non Network Registered Whatsapp number पर भारतीय ट्रेडर्स को सम्पर्क कर, यह ट्रेड कर रहे थे और भारतीय क्रिप्टो ट्रेडर्स को इसकी भनक तक नहीं थी कि वो क्या अपराध कर रहे थे.

पीड़ित व्यवसायी से ट्रेडिंग करने के लिये आरोपियों द्वारा जो ई मेल आई डी - win.in.lib.ex@gmail.com उपयोग की जा रही थी उसकी जानकारी गूगल से निकाली गई तो पता चला कि इसे राजकोट के आरोपी दिलीप पटेल, आरोपी विजय हरियानी तथा आरोपी विजय छुटलानी की फर्म विक्टेक प्राइवेट लिमिटेड की तरफ से बनाया गया था. 

इस दौरान पता चला कि आरोपी दिलीप पटेल जिसने स्वयं के खाते में लगभग 2 करोड़ की राशि प्राप्त कर इसे वजीरएक्स एक्सचेंज पर क्रिप्टो में ट्रांसफर किया है. इस पर उसे 18 जून को राजकोट से गिरफ्तार किया गया. इससे पूछताछ के आधार पर 30 जून को गुरुग्राम से चार्टर्ड अकाउंटेंट एविक केडिया को गिरफ्तार किया गया. इसने फर्म रजिस्टर कराकर बैंक में चालू खाता खुलवाया और फ़र्म के खाते की गोपनीय डिटेल संदिग्ध चाइनीज को उपलब्ध कराई थी. 

इसके अलावा दिल्ली निवासी डॉली मखीजा और उसके चचरे भाई विक्की मखीजा को भी अपराध में आरोपी बनाया गया है जिन्होंने स्वंय फर्म बनाकर फर्म तथा फर्म का चालू खाता संदिग्ध व्यक्ति को धोखाधड़ी की राशि ट्रांसफर करने के लिए दिया था. साइबर सेल ने बताया कि मामले में अभी और भी भारतीय आरोपियों की गिरफ्तारी होनी है. इसके अलावा जाना संदिग्ध चाइनीज नागरिक व अन्य की पहचान स्थापित कर गिरफ्तार किये जाने के प्रयास किये जा रहे हैं. 
 
पूरे देश मे फैला है नेटवर्क
साइबर सेल के मुताबिक इस अंतर्राष्ट्रीय रैकेट का नेटवर्क पूरे देश मे फैला है. अभी मध्यप्रदेश में इंदौर और भोपाल के अन्य शिकायतकर्ताओं से प्राप्त 02 अन्य शिकायतों में भी 25 और 24 लाख की ठगी के बारे में बताया गया है. इस मामले में भी एक संदिग्ध महिला का ज़िक्र किया गया है. 

Advertisement

दो आरोपी फरार 
साइबर सेल के मुताबिक, ठगों के इस गिरोह के दो सदस्य मुंबई निवासी विजय छुटलानी और विजय हरियानी फिलहाल फरार हैं जिनकी तलाश की जा रही है. गिरफ्तार आरोपियों के पास से 60 डिजीटल सिग्नेचर (DSCs) शेल फर्म के निदेशकों के, 3 लैपटॉप, 4 पेन ड्राइव, मोबाइल फोन, क्रिप्टो ट्रेडिंग स्टेटमेंट, शेल फर्म से संबंधित दस्तावेज, शेल फर्म की सूची, विभिन्न लोगों के आधार और पैन कार्ड के अलावा अलग-अलग बैंकों की चेक बुक बरामद की गई है.  

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement