
देश में साइबर क्राइम के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. ऐसा ही एक मामला महाराष्ट्र के नवी मुंबई में सामने आया है, जहां साइबर ठगों ने एक शख्स को अपने जाल में फंसाकर 1 करोड़ 36 लाख रुपए ठग लिए. पीड़ित की शिकायत पर पुलिस ने एक कंपनी और उसमें कार्यरत दो लोगों के खिलाफ साइबर पुलिस स्टेशन में आईपीसी की धारा 420 और आईटी एक्ट की संबंधित धाराओं के तहत केस दर्ज कर लिया है. इस मामले की जांच जारी है.
जानकारी के मुताबिक, 20 जनवरी को नवी मुंबई के एक 48 वर्षीय व्यक्ति से साइबर ठगों ने WhatsApp के जरिए संपर्क किया था. उसे शेयर ट्रेडिंग में निवेश करने का लालच दिया गया. इसके साथ ही उससे वादा किया गया कि बंपर रिटर्न मिलेगा. पीड़ित ठगों की जाल में फंस गया. वो उनके निर्देशानुसार पैसे निवेश करने लगा. इस तरह उसने विभिन्न बैंक खातों में 1.36 करोड़ रुपए जमा कर दिए. लेकिन उसे रिटर्न नहीं मिला.
शिकायतकर्ता को जब आरोपी से कोई पैसा नहीं मिला, तो उसे एहसास हुआ कि उसके साथ धोखा हुआ है. इसके बाद उसने पुलिस से संपर्क किया. साइबर पुलिस स्टेशन में आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कराया. एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि एंजेल वन नामक कंपनी और उसने काम करने वाले दो लोगों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया है. इस मामले की जांच जारी है. अभी तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है.
नवी मुंबई तेजी से सक्रिय हुए साइबर ठग
पिछले कुछ समय से नवी मुंबई इलाके में साइबर ठगों की सक्रियता तेजी से बढ़ी है. यहां बड़ी संख्या में साइबर धोखाधड़ी के मामले सामने आ रहे हैं. इसी महीने 9 मार्च को नवी मुंबई के रहने वाले एक शख्स ने अपने साथ हुए साइबर फ्रॉड का केस दर्ज कराया था. उसके साथ 44 लाख रुपए की धोखाधड़ी हुई थी. आरोपियों की पहचान आरव, कुणाल, बिमला और एक सिक्योरिटीज फर्म और एक वेबसाइट के कर्मचारी के रूप में की गई थी.
साइबर पुलिस स्टेशन के सीनियर इंस्पेक्टर गजानन कदम ने बताया था कि नवी मुंबई के नेरुल के रहने वाले 49 वर्षीय पीड़ित ने अपनी शिकायत में कहा कि आरोपियों ने उसे 5 फरवरी से 3 मार्च के बीच 44.72 लाख रुपए का निवेश करने के लिए कहा था. उसे बंपर रिटर्न का लालच दिया गया था. उसने पैसे निवेश करने के बाद रिटर्न के बारे में पूछा तो आरोपियों ने गोलमोल जवाब दिया. इसके बाद पीड़ित को अपने साथ हुए धोखे का एहसास हुआ.
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साइबर क्राइम से जुड़ी चौंकाने वाली रिपोर्ट
बताते चलें कि पिछले साल लोकसभा में केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय कुमार मिश्रा ने साइबर क्राइम से जुड़ी एक चौंकाने वाली रिपोर्ट पेश की थी. उसके मुताबिक 2022-23 में उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा साइबर क्राइम हुए. इस दौरान यूपी में 2 लाख लोगों के साथ साइबर फ्रॉड हुआ. साइबर ठगों ने इस दौरान यूपी में 721.1 करोड़ रुपयों की ठगी की थी. इसके बाद महाराष्ट्र और फिर गुजरात में साइबर क्राइम के सबसे ज्यादा केस हुए.
यदि कारोबारी साल 2022-23 में साइबर ठगी से जुड़े आंकड़ों की बात करें तो 11.28 लाख मामले देशभर में सामने आए थे. इसमें आधे मामले तो केवल पांच राज्यों में ही दर्ज किए गए. इनमें उत्तर प्रदेश में लगभग 2 लाख केस दर्ज हुए है. दूसरे नंबर पर महाराष्ट्र में 1 लाख 30 हजार केस, तीसरे नंबर पर गुजरात में 1 लाख 20 हजार केस, चौथे और पांचवे नंबर पर राजस्थान और हरियाणा में करीब 80-80 हजार मामले दर्ज किए गए थे.
साइबर ठगी बढ़ने की असली वजह क्या है?
साइबर ठगी बढ़ने की वजह लोगों का जागरुक ना होना है. तमाम अभियानों और ठगी के मामलों के बावजूद लोग अनजान लोगों से ओटीपी शेयर करके नुकसान उठा लेते हैं. वहीं अनजान नंबर से भेजे एसएमएस, व्हाट्सएप या मेल के जरिए मिले लिंक पर क्लिक करके वो इन शातिरों का शिकार बन रहे हैं. आंकड़ों के मुताबिक यूपी में सबसे ज्यादा सेक्सटॉर्शन और फ्रेंडशिप के नाम पर ठगी हुई है. इसके अलावा सोशल मीडिया में फेक प्रोफाइल बनाकर ठगी की जा रही है.
ऑनलाइन फ्रॉड और एटीएम क्लोनिंग के साइबर फ्रॉड के मामले दर्ज हो रहे हैं. इसके अलावा मेट्रीमोनियल साइट के जरिए नाइजीरियन गैंग ठगी करते हैं. बीते दिनों ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं. किसी नई सरकारी योजना का फायदा देने के नाम पर भी कई मामले दर्ज हुए हैं. नौकरी और पार्ट टाइम जॉब के नाम पर रोजाना लाखों की ठगी की जाती है. एआई के दौर में तो पुलिस के उच्चाधिकारियों के फेक वीडियो से धमकी देकर वसूली की जा रही है.