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CM योगी के नाम से फर्जी ईमेल आईडी बनाकर ठगी, फ्रीलांस पत्रकार गिरफ्तार

साल 2016 में सीएम योगी आदित्यनाथ की एक फर्जी ईमेल आईडी का इस्तेमाल करके पब्लिक सेक्टर्स से पर्सनल फेवर लेने की कोशिश का मामला सामने आया था. मामले में अब जाकर एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है. पुलिस ने भुवनेश्वर से फ्रीलांस पत्रकार मनोज कुमार सेठ नाम के शख्स को गिरफ्तार किया गया है.

Arrested freelance journalist Arrested freelance journalist
अरविंद ओझा
  • नई दिल्ली,
  • 30 जनवरी 2022,
  • अपडेटेड 11:40 AM IST
  • बनाए थे योगी आदित्यनाथ के फर्जी सिग्नेचर
  • IFSO यूनिट ने भुवनेश्वर से पकड़ा आरोपी

दिल्ली पुलिस की IFSO यूनिट जिसे साइबर सेल भी कहा जाता है ने 2016 के एक केस को सुलझाते हुए आरोपी को गिरफ्तार किया है. दरअसल, 2016 में जब उत्तरप्रदेश के मौजूदा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ यूपी से सांसद हुआ करते थे तब उनके नाम से एक फर्जी ईमेल आईडी का इस्तेमाल करके पब्लिक सेक्टर्स से पर्सनल फेवर लेने की कोशिश का मामला सामने आया था. इस मामले में भुवनेश्वर से फ्रीलांस पत्रकार मनोज कुमार सेठ नाम के शख्स को गिरफ्तार किया गया है.

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2016 में योगी आदित्यनाथ जब सांसद थे तब उनके तत्कालीन पीएस राजभूषन सिंह रावत ने दिल्ली पुलिस की साइबर सेल को शिकायत दी थी कि किसी ने योगी आदित्यनाथ के नाम से एक फर्जी ईमेल आईडी बनाई है और इस फर्जी ईमेल से वो शख्स प्राइवेट सेक्टर्स जैसे ओएनजीसी, गेल इंडिया को मेल भेज रहा है.

आरोपी ने योगी आदित्यनाथ के फर्जी सिग्नेचर करे हुए लैटर भी मेल में अटैच किए हुए थे. ये मेल पावर ग्रिड कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया, ओएनजीसी, गेल इंडिया को भेजे गए थे. इसके बाद साइबर सेल ने 2016 में मामले में एफआईआर दर्ज करके जांच शुरू की. जांच में फर्जी ईमेल आईडी yogiadityanath.mp@gmail.com का पता लगा. जांच में मेल से किए गए कंटेंट को भी समझा गया ताकि मेल भेजने वाले कि मंशा का पता लगाया जा सके. मेल के जरिए अंग्रेजी लोकल न्यूज पेपर ब्रेकिंग न्यूज को एडवरटाइजमेंट जारी करने की रिक्वेस्ट की गई. इसी तरह ओएनजीसी, गेल को टॉप न्यूज नाम के अखबार में एडवरटाइजमेंट जारी करने के लिए कहा गया.

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तफ्तीश में आईपी एड्रेस का पता लगाया गया और पता लगा कि इसके पीछे मनोज कुमार सेठ नाम का शख्स है. मनोज को ये पता लग चुका था कि एडवरटाइजमेंट लेने का ये तरीका फेल हो चुका है. कई बार मनोज को पकड़ने के लिए रेड्स की गई लेकिन वो हर बार भागने में कामयाब रहा. डीसीपी IFSO केपीएस मल्होत्रा ने एसीपी IFSO यूनिट रमन लांबा, इंस्पेक्टर सज्जन सिंह, एएसआई वेदपाल सिंह और कांस्टेबल अमित की एक टीम का गठन किया और आरोपी मनोज की गिरफ्तारी की तैयारी की. 28 जनवरी 2022 को मनोज को ह्यूमन इंटेलिजेंस और टेक्निकल सर्विलेंस के जरिए भुवनेश्वर से गिरफ्तार किया गया.

पूछताछ में मनोज ने खुलासा किया कि वो एक फ्रीलांस पत्रकार है और अपना लोकल अखबार 'समान आईना' चलाता है. इसने योगी आदित्यनाथ के नाम से फर्जी ईमेल आईडी और लैटर हेड पर उनके फर्जी सिग्नेचर तैयार किए ताकि वो अपने अखबार के फेवर में प्राइवेट बड़ी कंपनियों से एडवरटाइजमेंट ले सकें. इस केस के अलावा आरोपी मनोज कुमार सेठ को ओडिशा के एक एक्सटॉर्शन के केस में शामिल पाया गया है, जिसमें इसके ऊपर 2020 में ओडिशा के चलियागंज थाने में एफआईआर भी दर्ज हुई है. पीडब्ल्यूडी के एक एक्सिक्यूटिव इंजीनियर ने ये केस दर्ज कराया था. फिलहाल आरोपी से पूछताछ लगातार जारी है.
 

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