छत्तीसगढ़ के गरियाबंद से रविवार को पुलिस ने एक हीरा तस्कर को गिरफ्तार किया. पुलिस को उसके पास से 204 हीरे मिले. इनकी कीमत 22 लाख रुपये बताई जा रही है. पुलिस का कहना है कि पिछले कुछ दिनों से सूत्रों को हवाले से कुछ इनपुट मिल रहे थे और संदिग्धों पर नजर रखी जा रही थी. बताया जा रहा है कि जिले में बीते एक साल में 1316 नग हीरे पकड़े जा चुके हैं.
गरियाबंद एसपी पारुल माथुर को किसी से फोन पर सूचना मिली थी कि बाइक पर एक हीरा तस्कर ग्राहक की तलाश में घूम रहा है. उन्होंने तत्काल मैनपुर थाना प्रभारी सत्येंद्र सिंह श्याम को एक्टिव किया बरदुला गांव के एक किराने की दुकान के पास संदिग्ध दिखाई दिया. जो पुलिस को देखकर भागने लगा. फौरन पेट्रोलिंग जीप में बैठकर पुलिस की टीम ने भी उसका पीछा किया.
पुलिस ने उसे चारों तरफ से घेर लिया और वो पकड़ा गया. तलाशी के दौरान तस्कर की जेब से एक प्लास्टिक का डिब्बा मिला. उसमें 204 नग हीरा थे जिसकी कीतम करीब 22 लाख रुपये है. पुलिस के हत्थे चढ़े शख्स का नाम नीलम दास है. देवभोग के बुद्धुपारा के रहने वाले इस तस्कर से अब पुलिस पूछताछ कर तस्करी के पूरे रैकेट का पता लगाने में जुटी है.
गरियाबंद जिले में हीरे की खुली खदानें हैं, जहां अवैध खनन बरसात में बढ़ जाता है, ऐसे में उड़ीसा और कई इलाकों के तस्कर इस इलाके में पहुंचकर अवैध खनन करने वालों से हीरा खरीदते हैं और गुजरात तथा मुंबई जैसी जगहों पर बेच देते हैं. वहीं स्थानीय स्तर पर भी कुछ छोटे तस्कर ग्राहकों की तलाश में रहते हैं.
पुलिस को शक है कि स्थानीय ग्रामीणों का रैकेट पिछले कुछ महीनों में ये हीरे खदानों से चोरी-छुपे निकाल रहा होगा. फिर इन्हें बेचने के लिए निकला होगा लेकिन पुलिस को खबर लगने से वो पकड़ा गया. पुलिस अब इससे पूछताछ कर अन्य तस्करों की जानकारी हासिल करने में जुटी है.
दो महीने पहले लॉकडाउन के बीच हीरा तस्करी के मामले में पुलिस को कामयाबी मिली थी. मई के महीने में पुलिस ने दो तस्करों को 440 नग हीरे के साथ गिरफ्तार किया था.
देवभोग के ग्रामीण इलाकों में नक्सलियों का भी खतरा रहता है. इसी का फायदा उठाकर ग्रामीण खदानों वाले इलाके में हीरे निकालने का काम करते हैं. क्योंकि इन इलाकों में हमेशा निगरानी के लिए नहीं पहुंचती है.